जयपुर. बड़े अस्पतालों पर मरीजों का भार कम करने और लोगों को घर के पास ही इलाज मुहैया करवाने (Janta clinic scheme failed in Rajasthan ) को लेकर जनता क्लीनिक की घोषणा सीएम अशोक गहलोत ने अपने बजट में की थी. लेकिन अब जनता क्लीनिक योजना ठंडे बस्ते में नजर आ रही है. बजट घोषणा के बाद राजधानी जयपुर में जरूर कुछ स्थानों पर यह जनता क्लीनिक खोले गए, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर की बात करें तो अभी तक एक भी जनता क्लीनिक नहीं खुल पाया है.
आमजन को सस्ता और सुलभ इलाज उपलब्ध करवाने के मकसद से सरकार ने करीब 3 साल पहले बजट में (announced by the Gehlot government ) जनता क्लिनिक खोलने की घोषणा की थी. इस जनता क्लिनिक का मकसद लोगों को घर के पास ही इलाज उपलब्ध करवाना था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश के सभी जिलों में जनता क्लीनिक खोले जाएंगे ताकि लोगों को इलाज के लिए कहीं दूर न जाना पड़े.
जयपुर के अलावा कहीं नहीं खुले क्लिनिकः शुरुआती समय में राजधानी जयपुर के कुछ स्थानों पर जनता क्लीनिक खोले गए. लेकिन इसके बाद जयपुर में कहीं अन्य जगह यह क्लीनिक नहीं खुल पाए. जयपुर की बात करें तो तकरीबन 22 स्थानों पर जनता क्लीनिक खोले जाने थे, लेकिन 12 क्लिनिक ही सरकार खोल पाई. जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस महत्वकांक्षी योजना को चिकित्सा विभाग उनके गृह क्षेत्र में ही लागू नहीं कर पाया. अभी तक एक भी जनता क्लीनिक जोधपुर क्षेत्र में नहीं खुल सका है. कुछ जिलों की बात करें तो पिछले 1 साल से जनता क्लिनिक बनकर तैयार है लेकिन उन्हें खोला नहीं जा सका.
- कुल 142 जगह प्रदेश भर में की गई है जनता क्लीनिक के लिए चिह्नित
- जयपुर में खोले जाने थे 22 जनता क्लिनिक, लेकिन पिछले 3 साल में सिर्फ 12 ही खुल पाए
- कांट्रेक्ट पर रखा जाना था स्टाफ को
- शुरुआती समय में भामाशाह और स्थानीय विधायकों की सहायता से खोले जाने थे जनता क्लीनिक
- जयपुर के अलावा जालोर और बांसवाड़ा में खुले जनता क्लीनिक
- जालोर में एक और बांसवाड़ा में दो जनता क्लीनिक खोले गए
70 लाख का बजट जारी कियाः चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आगामी 1 से 2 महीने के अंदर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जनता क्लिनिक खुल जाएंगे. इसके लिए प्रत्येक जिले को जनता क्लीनिक के लिए 70 लाख का बजट भी जारी कर दिया है. ज्यादातर जिलों में जनता क्लीनिक बनकर तैयार हो चुके हैं.
शुरू हुए तो इस तरह की मिलेगी सुविधाः अगर तय समय पर प्रदेश की जनता क्लीनिक शुरू होते हैं तो सामान्य इलाज मरीजों को घर के पास ही मिल सकेगा. माना यह भी जा रहा है कि स्टाफ की कमी के चलते अभी तक प्रदेश में जनता क्लीनिक की सौगात आमजन को नहीं मिल पाई है. योजना के अनुसार प्रत्येक जनता क्लीनिक पर 7 लोगों का स्टाफ लगाया जाता है. जिसमें एक चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और सपोर्टिंग स्टाफ शामिल है. प्रत्येक जनता क्लीनिक में आठ तरह की मुख्यमंत्री निशुल्क जांच और दवा योजना का लाभ देने का प्रावधान रखा गया है.