जयपुर. शहर के ऐतिहासिक किले स्थापत्य कला और संस्कृति की तरह ही राज मंदिर भी विश्व प्रसिद्ध है. 1 जून 1976 को पांच बत्ती के निकट सेठ राजमल सुराना ने इसकी शुरुआत की. यहां पहली फिल्म चरस 100 दिन तक चली और इसी के साथ राजमंदिर ने विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ दी.
इसके बाद जयपुर शहर में कई सिनेमा हॉल बने. यहां तक कि मल्टीप्लेक्स के दौर में भी राजमंदिर का नाम आज भी विद्यमान है. इसमें अंदर और बाहर दोनों तरफ बारीक नक्काशी का काम, बड़े-बड़े झूमर, लाइटिंग सिस्टम किसी शाही महल से कम नहीं. यही वजह है कि ये स्वतः लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
विश्व के तीसरे सबसे बड़े सिनेमा हॉल राजमंदिर में एक समय में 1,133 लोग बैठकर फिल्म का आनंद ले सकते हैं. यही नहीं यहां जमीन पर बिछे गलीचे के साथ तो फिल्म अभिनेताओं के भी कई किस्से जुड़े हुए हैं. यहां फिल्म अभिनेत्री सारिका ने तो अपनी सैंडल उतारकर नंगे पैर भ्रमण किया था. तो वहीं राज कपूर से लेकर अमिताभ बच्चन तक सभी इसकी तारीफ कर चुके हैं.
यही नहीं आज भी यहां फिल्म चाहे जो भी लगी हो, शो हाउसफुल ही जाते हैं. चूंकि यहां 50 फीसदी से ज्यादा लोग फिल्म नहीं बल्कि राजमंदिर को निहारने पहुंचते हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर जयपुर की इसी शान के बिक जाने के मैसेज वायरल हुए थे. जिसमें मिराज ग्रुप को इसका नया मालिक बताया गया और सिनेमा हॉल की जगह इसे वेडिंग डेस्टिनेशन बनाए जाने का जिक्र किया गया.
इस मैसेज को लेकर राजमंदिर के मैनेजर अशोक तंवर ने सबसे पहले ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए इसका खंडन किया. साथ ही बताया कि इस झूठे मैसेज को लेकर विधायकपुरी थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है. फिलहाल कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते केंद्र सरकार की गाइड लाइन पर राज मंदिर सिनेमा हॉल दर्शकों के लिए बंद है. ऐसे में शहरवासी और दूसरे शहरों से आने वाले पर्यटकों को इंतजार है कि कब राजमंदिर खुलेगा. हालांकि ये स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के निर्देश और गाइड लाइन के अनुसार ही यहां फिल्मों का प्रसारण दोबारा शुरू होगा.