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जयपुरिया अस्पताल के कर्मचारियों ने किया ठेका प्रथा का विरोध, ठेकेदार पर लगाए आरोप - पीएफ

सोमवार को जयपुरिया अस्पताल में काम कर रहे वार्ड बॉय और सफाई कर्मचारियों ने ठेका प्रथा का विरोध किया. उन्होंने समय पर तनख्वाह नहीं देने और पीएफ जमा नहीं कराने का भी गंभीर आरोप लगाया.

rajasthan news, जयपुरिया अस्पताल में ठेका प्रथा का विरोध,  Opposition to contract system in Jaipuria Hospital
जयपुरिया अस्पताल के कर्मचारियों ने ठेका प्रथा का किया विरोध
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Published : Jun 21, 2021, 7:41 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 10:50 PM IST

जयपुर. जयपुरिया अस्पताल में कार्यरत वार्ड बॉय और सफाई कर्मचारी ठेका प्रथा के विरोध में उतर गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अस्पताल में काम करते करीब 10 साल से ज्यादा हो गए हैं. आज भी ठेकेदारों की ओर से उनका शोषण किया जाता है.

कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें ना तो समय पर तनख्वाह दी जाती है और ना ही उनके हिस्से का पीएफ जमा कराया जा रहा है. पहले भी कई बार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए गए, लेकिन अबतक उनकी सुनवाई नहीं हुई है.

जयपुरिया अस्पताल के कर्मचारियों ने ठेका प्रथा का किया विरोध

कम वेतन में काम करने को मजबूर

कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर तक को ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन अब भी कम वेतन में काम करने को मजबूर हैं. यहां तक की ना तो कर्मचारियों का ईएसआई (ESI) काटा जा रहा है और ना ही पीएफ (PF) लंबे समय से जमा कराया गया है.

यह भी पढ़ें- भीलवाड़ा ACB की कार्रवाई, घूसखोर नगर पालिका चेयरमैन 4 लाख 20 हजार की रिश्वत लेते हुआ गिरफ्तार

घर का खर्च चलाना भी मुश्किल...

कर्मचारियों ने कहा कि सिर्फ 5000 रुपए मासिक वेतन पर वो लोग काम कर रहे हैं. ऐसे में ना तो घर का खर्चा चल पा रहा है और ना ही बच्चों को शिक्षा मिल पा रही है.

ठेका प्रथा बंद करने की मांग

ठेके पर लगे कर्मचारियों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा की है. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग उनकी अनदेखी कर रहा है. ऐसे में इन ठेका कर्मियों ने ठेका प्रथा को बंद करने की मांग की है.

जयपुर. जयपुरिया अस्पताल में कार्यरत वार्ड बॉय और सफाई कर्मचारी ठेका प्रथा के विरोध में उतर गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अस्पताल में काम करते करीब 10 साल से ज्यादा हो गए हैं. आज भी ठेकेदारों की ओर से उनका शोषण किया जाता है.

कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें ना तो समय पर तनख्वाह दी जाती है और ना ही उनके हिस्से का पीएफ जमा कराया जा रहा है. पहले भी कई बार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए गए, लेकिन अबतक उनकी सुनवाई नहीं हुई है.

जयपुरिया अस्पताल के कर्मचारियों ने ठेका प्रथा का किया विरोध

कम वेतन में काम करने को मजबूर

कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर तक को ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन अब भी कम वेतन में काम करने को मजबूर हैं. यहां तक की ना तो कर्मचारियों का ईएसआई (ESI) काटा जा रहा है और ना ही पीएफ (PF) लंबे समय से जमा कराया गया है.

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घर का खर्च चलाना भी मुश्किल...

कर्मचारियों ने कहा कि सिर्फ 5000 रुपए मासिक वेतन पर वो लोग काम कर रहे हैं. ऐसे में ना तो घर का खर्चा चल पा रहा है और ना ही बच्चों को शिक्षा मिल पा रही है.

ठेका प्रथा बंद करने की मांग

ठेके पर लगे कर्मचारियों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा की है. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग उनकी अनदेखी कर रहा है. ऐसे में इन ठेका कर्मियों ने ठेका प्रथा को बंद करने की मांग की है.

Last Updated : Jun 21, 2021, 10:50 PM IST
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