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परिवहन विभाग का राजस्व लक्ष्य 6000 करोड़ कैसे होगा पूरा, अब तक मात्र 3800 करोड़ किये अर्जित

प्रदेश का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग एक मुख्य विभाग है. राज्य सरकार ने परिवहन विभाग को पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया है. इस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत परिवहन विभाग को 6000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन अब मार्च का महीना ही बचा हुआ है और परिवहन विभाग ने अभी तक 3800 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल कर लिया है.

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परिवहन विभाग का राजस्व लक्ष्य 6000 करोड़ कैसे होगा पूरा
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Published : Mar 4, 2021, 7:36 PM IST

जयपुर. प्रदेश का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग एक मुख्य विभाग है. राज्य सरकार ने परिवहन विभाग को पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया है. इस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत परिवहन विभाग को 6000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन अब मार्च का महीना ही बचा हुआ है और परिवहन विभाग ने अभी तक 3800 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल कर लिया है.

ऐसे में विभाग के लिए इस महीने के अंतर्गत राजस्व हासिल करना एक बड़ी चुनौती भी है. इसको लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन लगातार प्रदेश के आरटीओ डीटीओ और परिवहन निरीक्षकों के साथ राजस्व हासिल करने के हरसंभव प्रयास करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कर रहे हैं. वहीं, इसके साथ ही लगातार परिवहन यूनियन के भी परिवहन आयुक्त से मिलकर परिवहन विभाग के निरीक्षकों के जबरदस्ती चालान काटने के मामले भी सामने आ रहे हैं. बीते दिनों की ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश बड़बड़वाल के नेतृत्व में ट्रांसपोर्ट अधिकारियों से मुलाकात की गई थी. शाहपुरा के अंतर्गत परिवहन निरीक्षकों की ओर से किए जा रहे चालानों को लेकर भी उन से अवगत कराया था. rto के प्रदर्शन की बात की जाए, तो सबसे अधिक राजस्व इस वित्तीय वर्ष में जयपुर आरटीओ को 1205 करोड़ का का अर्जित करना है. इसमें से जयपुर आरटीओ ने अभी तक 626 करोड़ रुपए भी अर्जित कर लिए गए हैं.

पढ़ें: राजस्व टारगेट को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

जयपुर आरटीओ में शाहपुरा का प्रदर्शन सबसे खराब ही रहा है. यहां 69 करोड़ के टारगेट के मुकाबले अभी तक 26 करोड़ का ही टारगेट हासिल किया गया है. इसके साथ ही अलवर आरटीओ रानी जैन की बात की जाए तो इस वित्तीय वर्ष में अलवर आरटीओ को 348 करोड़ का राजस्व टारगेट दिया गया था. अभी तक अलवर आरटीओ ने 186 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया गया है. वहीं, भरतपुर आरटीओ की बात की जाए तो भरतपुर आरटीओ को 237 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, जिसमें से भरतपुर आरटीओ ने अभी तक 122 करोड़ का राजस्व हासिल कर लिया है. वहीं, परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो परिवहन विभाग इस वित्तीय वर्ष में 6000 करोड़ के बदले 4500 करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य हासिल करने का टारगेट बना बनाया है. इसमें विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 थे, जो टैक्स माफी सहित अन्य छूट ट्रांसपोर्टर्स को दी गई थी. उसके चलते यदि विभाग 4500 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करता है, तो विभाग लगभग अपने राजस्व के करीब भी पहुंच जाएगा.

जयपुर. प्रदेश का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग एक मुख्य विभाग है. राज्य सरकार ने परिवहन विभाग को पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया है. इस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत परिवहन विभाग को 6000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन अब मार्च का महीना ही बचा हुआ है और परिवहन विभाग ने अभी तक 3800 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल कर लिया है.

ऐसे में विभाग के लिए इस महीने के अंतर्गत राजस्व हासिल करना एक बड़ी चुनौती भी है. इसको लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन लगातार प्रदेश के आरटीओ डीटीओ और परिवहन निरीक्षकों के साथ राजस्व हासिल करने के हरसंभव प्रयास करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कर रहे हैं. वहीं, इसके साथ ही लगातार परिवहन यूनियन के भी परिवहन आयुक्त से मिलकर परिवहन विभाग के निरीक्षकों के जबरदस्ती चालान काटने के मामले भी सामने आ रहे हैं. बीते दिनों की ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश बड़बड़वाल के नेतृत्व में ट्रांसपोर्ट अधिकारियों से मुलाकात की गई थी. शाहपुरा के अंतर्गत परिवहन निरीक्षकों की ओर से किए जा रहे चालानों को लेकर भी उन से अवगत कराया था. rto के प्रदर्शन की बात की जाए, तो सबसे अधिक राजस्व इस वित्तीय वर्ष में जयपुर आरटीओ को 1205 करोड़ का का अर्जित करना है. इसमें से जयपुर आरटीओ ने अभी तक 626 करोड़ रुपए भी अर्जित कर लिए गए हैं.

पढ़ें: राजस्व टारगेट को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

जयपुर आरटीओ में शाहपुरा का प्रदर्शन सबसे खराब ही रहा है. यहां 69 करोड़ के टारगेट के मुकाबले अभी तक 26 करोड़ का ही टारगेट हासिल किया गया है. इसके साथ ही अलवर आरटीओ रानी जैन की बात की जाए तो इस वित्तीय वर्ष में अलवर आरटीओ को 348 करोड़ का राजस्व टारगेट दिया गया था. अभी तक अलवर आरटीओ ने 186 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया गया है. वहीं, भरतपुर आरटीओ की बात की जाए तो भरतपुर आरटीओ को 237 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, जिसमें से भरतपुर आरटीओ ने अभी तक 122 करोड़ का राजस्व हासिल कर लिया है. वहीं, परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो परिवहन विभाग इस वित्तीय वर्ष में 6000 करोड़ के बदले 4500 करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य हासिल करने का टारगेट बना बनाया है. इसमें विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 थे, जो टैक्स माफी सहित अन्य छूट ट्रांसपोर्टर्स को दी गई थी. उसके चलते यदि विभाग 4500 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करता है, तो विभाग लगभग अपने राजस्व के करीब भी पहुंच जाएगा.

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