ETV Bharat / city

सदन में गूंजा कृषि कानूनों का मुद्दा, बेनीवाल ने किसानों के संपूर्ण कर्ज माफी की उठाई मांग - rajasthan latest hindi news

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल वित्त विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लेते हुए कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया. उन्होंने किसान आंदोलन के पक्ष में कृषि कानूनों को वापस लेने और देश के किसानों के हित में संपूर्ण कर्ज माफी करने की मांग को दोहराया. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की कृषि सुधारों का नाम लेते हुए पेट्रोल पर 2.5 लीटर प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेलपमेंट सेस लगा दिया.

rlp hanuman beniwal, demand to full loan waiver
सदन में गूंजा कृषि कानूनों का मुद्दा
author img

By

Published : Mar 24, 2021, 7:38 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 10:57 AM IST

जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल वित्त विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लेते हुए कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया. उन्होंने किसान आंदोलन के पक्ष में कृषि कानूनों को वापस लेने और देश के किसानों के हित में संपूर्ण कर्ज माफी करने की मांग को दोहराया.

बेनीवाल ने कृषि कानूनों को वापिस लेते और किसानों के संपूर्ण कर्ज माफी की मांग उठाई

सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की कृषि सुधारों का नाम लेते हुए पेट्रोल पर 2.5 लीटर प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेलपमेंट सेस लगा दिया. जबकि, पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के आस पास हो गए. ऐसे में उसको कम करने के उपाय करने की जरूरत थी. क्योंकि, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से सीधा असर महंगाई पर पड़ता है. उन्होंने वित्त मंत्री की ओर से समाचार पत्रों में दिए गए वक्तव्य की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि आपने एक सरकारी बीमा कंपनी और 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण की बात कही और निजीकरण को आप बेहतर बता रहे हो, तो देश की बैंकों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल क्यों की.

पढ़ें: हम कृषि कानूनों का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर ही महापड़ाव खत्म करेंगे: योगेंद्र यादव

साथ ही, आप एक तरफ बैंकों का निजीकरण कर रहे हो, दूसरी एक तरफ शून्य बैलेंस पर जन धन खाते खोले गये, 500-1000 रुपये न्यूनतम राशि आदि पर ग्रामीण क्षेत्रों में खाते खोले जाते हैं. इसलिए सरकारी बैंकों के निजीकरण के बाद यह राशि प्राइवेट सेक्टर की बैंकों की तर्ज पर न्यूनतम राशि यदि 5000 और 10 हजार अनिवार्य कर दिया, तो यह ग्रामीण जनता के लिए यह अत्यंत पीड़ादायक होगा. उन्होंने टैक्स स्लैब पर बोलते हुए कहा की नये टेक्स स्लेब मे 80 जी,80 सी आदि में जो छूट मिलती थी, उसको खत्म कर दिया. इससे लोगों को बचत करने की आदत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि पुरानी स्लेब के अनुसार जो फायदा मिलता उस बहाने से ही सही लोग कहीं न कहीं बचत करते थे.

सांसद ने G2C व C2C सेवाओ मे गैर नगद भुगतानो को एमडीआर शुल्क मुक्त करने की मांग की, ताकि गैर नगद लेने देन की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके. वहीं, उन्होंने 29-09-2017 के जीएसटी नॉटीफिकेशन का जिक्र करते हुए कहा कि इसके अनुसार खादी फेब्रिक जीएसटी से मुक्त है. परन्तु खादी से बने वस्त्र व अन्य वस्तुओ पर टेक्सटाईल फेब्रिक से बने रेडीमेड कपड़ो की तर्ज पर 1000 रुपये मूल्य तक 5 प्रतिशत व उससे ज़्यादा होने पर 12 प्रतिशत जीएसटी की माँग की जाती है, इसलिए खादी से बने वस्त्रो को जीएसटी की ज़ीरो सूची मे शामिल किया जाए तो खादी उध्योग को बढ़ावा मिलेगा.

जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल वित्त विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लेते हुए कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया. उन्होंने किसान आंदोलन के पक्ष में कृषि कानूनों को वापस लेने और देश के किसानों के हित में संपूर्ण कर्ज माफी करने की मांग को दोहराया.

बेनीवाल ने कृषि कानूनों को वापिस लेते और किसानों के संपूर्ण कर्ज माफी की मांग उठाई

सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की कृषि सुधारों का नाम लेते हुए पेट्रोल पर 2.5 लीटर प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेलपमेंट सेस लगा दिया. जबकि, पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के आस पास हो गए. ऐसे में उसको कम करने के उपाय करने की जरूरत थी. क्योंकि, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से सीधा असर महंगाई पर पड़ता है. उन्होंने वित्त मंत्री की ओर से समाचार पत्रों में दिए गए वक्तव्य की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि आपने एक सरकारी बीमा कंपनी और 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण की बात कही और निजीकरण को आप बेहतर बता रहे हो, तो देश की बैंकों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल क्यों की.

पढ़ें: हम कृषि कानूनों का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर ही महापड़ाव खत्म करेंगे: योगेंद्र यादव

साथ ही, आप एक तरफ बैंकों का निजीकरण कर रहे हो, दूसरी एक तरफ शून्य बैलेंस पर जन धन खाते खोले गये, 500-1000 रुपये न्यूनतम राशि आदि पर ग्रामीण क्षेत्रों में खाते खोले जाते हैं. इसलिए सरकारी बैंकों के निजीकरण के बाद यह राशि प्राइवेट सेक्टर की बैंकों की तर्ज पर न्यूनतम राशि यदि 5000 और 10 हजार अनिवार्य कर दिया, तो यह ग्रामीण जनता के लिए यह अत्यंत पीड़ादायक होगा. उन्होंने टैक्स स्लैब पर बोलते हुए कहा की नये टेक्स स्लेब मे 80 जी,80 सी आदि में जो छूट मिलती थी, उसको खत्म कर दिया. इससे लोगों को बचत करने की आदत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि पुरानी स्लेब के अनुसार जो फायदा मिलता उस बहाने से ही सही लोग कहीं न कहीं बचत करते थे.

सांसद ने G2C व C2C सेवाओ मे गैर नगद भुगतानो को एमडीआर शुल्क मुक्त करने की मांग की, ताकि गैर नगद लेने देन की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके. वहीं, उन्होंने 29-09-2017 के जीएसटी नॉटीफिकेशन का जिक्र करते हुए कहा कि इसके अनुसार खादी फेब्रिक जीएसटी से मुक्त है. परन्तु खादी से बने वस्त्र व अन्य वस्तुओ पर टेक्सटाईल फेब्रिक से बने रेडीमेड कपड़ो की तर्ज पर 1000 रुपये मूल्य तक 5 प्रतिशत व उससे ज़्यादा होने पर 12 प्रतिशत जीएसटी की माँग की जाती है, इसलिए खादी से बने वस्त्रो को जीएसटी की ज़ीरो सूची मे शामिल किया जाए तो खादी उध्योग को बढ़ावा मिलेगा.

Last Updated : Mar 24, 2021, 10:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.