जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में कुछ महीनों पहले दो फाड़ हो गई थी और उस समय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर राज सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद हुई महासंघ की बैठक में 11 मांगों को लेकर लंबी चर्चा हुई. जहां बैठक में वेतन कटौती का मुद्दा अहम रहा. इस दौरान बैठक में सभी जिला के अध्यक्ष और जिला के प्रतिनिधि शामिल हुए.
प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने कहा कि लंबी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वेतन कटौती मामले में यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी. वहीं महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मीटिंग के एजेंडे में सभी बिंदुओं पर गंभीरता से चर्चा की गई. ग्रेड पे, सचिवालय के बराबर वेतन भत्ते, शेष रहे पदों का आवंटन, पंचायती राज विभाग में पदोन्नति, पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर बैठक में निर्णय लिया गया है.
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रमेश चंद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है, तो महासंघ कड़े कदम भी उठा सकता है. महासंघ के कोषाध्यक्ष ने कहा कि बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि मासिक तौर पर बैठक की जाएगी. साथ ही मांगों को लेकर सरकार से वार्ता भी की जाएगी. वहीं, संगठन को मजबूत बनाने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई है.
बता दें कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े हुए करीब 80 हजार कर्मचारी हैं और यदि हाई कोर्ट से स्टे मिल जाता है, तो इन 80 हजार कर्मचारियों को इससे फायदा होगा. इस दौरान महासभा से जुड़े प्रदेश और जिला स्तर के सभी प्रतिनिधि मौजूद रहे.