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जयपुर: वेतन कटौती आदेश के खिलाफ राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ जाएगा हाईकोर्ट

जयपुर में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की अहम बैठक शनिवार को जल भवन की गेस्ट रूम में हुई. इस दौरान वेतन कटौती के मामले में हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया गया है.

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Published : Oct 20, 2019, 6:07 AM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में कुछ महीनों पहले दो फाड़ हो गई थी और उस समय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर राज सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद हुई महासंघ की बैठक में 11 मांगों को लेकर लंबी चर्चा हुई. जहां बैठक में वेतन कटौती का मुद्दा अहम रहा. इस दौरान बैठक में सभी जिला के अध्यक्ष और जिला के प्रतिनिधि शामिल हुए.

वेतन कटौती के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगा राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ

प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने कहा कि लंबी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वेतन कटौती मामले में यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी. वहीं महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मीटिंग के एजेंडे में सभी बिंदुओं पर गंभीरता से चर्चा की गई. ग्रेड पे, सचिवालय के बराबर वेतन भत्ते, शेष रहे पदों का आवंटन, पंचायती राज विभाग में पदोन्नति, पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर बैठक में निर्णय लिया गया है.

यह भी पढ़ें- जयपुरः सामंत कमेटी की रिपोर्ट नहीं लागू करने पर प्रदेश के कर्मचारियों में भारी आक्रोश, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रमेश चंद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है, तो महासंघ कड़े कदम भी उठा सकता है. महासंघ के कोषाध्यक्ष ने कहा कि बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि मासिक तौर पर बैठक की जाएगी. साथ ही मांगों को लेकर सरकार से वार्ता भी की जाएगी. वहीं, संगठन को मजबूत बनाने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई है.

यह भी पढ़ें- 'हाइब्रिड मेयर' चुनने को लेकर यूडीएच मंत्री ने दिया 'संभावनाओं' का तर्क, विपक्ष ने कहा - काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है

बता दें कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े हुए करीब 80 हजार कर्मचारी हैं और यदि हाई कोर्ट से स्टे मिल जाता है, तो इन 80 हजार कर्मचारियों को इससे फायदा होगा. इस दौरान महासभा से जुड़े प्रदेश और जिला स्तर के सभी प्रतिनिधि मौजूद रहे.

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में कुछ महीनों पहले दो फाड़ हो गई थी और उस समय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर राज सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद हुई महासंघ की बैठक में 11 मांगों को लेकर लंबी चर्चा हुई. जहां बैठक में वेतन कटौती का मुद्दा अहम रहा. इस दौरान बैठक में सभी जिला के अध्यक्ष और जिला के प्रतिनिधि शामिल हुए.

वेतन कटौती के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगा राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ

प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने कहा कि लंबी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वेतन कटौती मामले में यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी. वहीं महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मीटिंग के एजेंडे में सभी बिंदुओं पर गंभीरता से चर्चा की गई. ग्रेड पे, सचिवालय के बराबर वेतन भत्ते, शेष रहे पदों का आवंटन, पंचायती राज विभाग में पदोन्नति, पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर बैठक में निर्णय लिया गया है.

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रमेश चंद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है, तो महासंघ कड़े कदम भी उठा सकता है. महासंघ के कोषाध्यक्ष ने कहा कि बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि मासिक तौर पर बैठक की जाएगी. साथ ही मांगों को लेकर सरकार से वार्ता भी की जाएगी. वहीं, संगठन को मजबूत बनाने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई है.

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बता दें कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े हुए करीब 80 हजार कर्मचारी हैं और यदि हाई कोर्ट से स्टे मिल जाता है, तो इन 80 हजार कर्मचारियों को इससे फायदा होगा. इस दौरान महासभा से जुड़े प्रदेश और जिला स्तर के सभी प्रतिनिधि मौजूद रहे.

Intro:जयपुर। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की अहम बैठक शनिवार को जल भवन की गेस्ट रूम में हुई। बैठक में वेतन कटौती के मामले में हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।


Body:राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की कुछ महीनों पहले दो फाड़ हो गई थी और उस समय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर राज सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
इसके बाद हुई महासंघ की बैठक में 11 मांगों को लेकर लंबी चर्चा हुई। बैठक में वेतन कटौती का मुद्दा छाया रहा। बैठक में सभी जिला अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने कहा कि लंबी मंत्रणा के बाद यह निर्णय किया गया कि वेतन कटौती मामले में यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मीटिंग के एजेंडे में सभी बिंदुओं पर गंभीरता से चर्चा की गई। ग्रेड पे, सचिवालय के बराबर वेतन भत्ते, शेष रहे पदों का आवंटन, पंचायत राज विभाग में पदोन्नति, पदों का आवंटन आदि मांगों पर सरकार से निर्णय कराने को लेकर निर्णय लिया गया। रमेश चंद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो महासंघ कड़े कदम भी उठा सकता है महा संघ के कोषाध्यक्ष चेतन सिंह चौहान ने कहा कि आज की बैठक में मासिक बैठक करने का निर्णय लिया गया है और मांगों को लेकर सरकार से वार्ता भी की जाएगी संगठन को मजबूत बनाने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री रमेश चन्द्र शर्मा, प्रदेश संयुक्त महामंत्री वीरेंद्र दाधीच, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं करौली जिला अध्यक्ष सतवीर सिंह राजावत, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष पंचायती राज कमलेश कुमार शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय सिंह राजावत व जितेंद्र सिंह राठौड़, प्रदेश कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान, जयपुर जिला अध्यक्ष मुकेश मुद्गल, जयपुर जिला महामंत्री सुनील मोदी आदि मौजूद रहे।
आपको बता दें कि वेतन कटौती के खिलाफ कई संगठन हाईकोर्ट में जा चुके हैं और इस पर स्टे भी ले आए हैं और इसे लेकर उन संगठन से जुड़े कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इसी को देखते हुए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने भी वेतन कटौती के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने का निर्णय किया है। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े हुए करीब 80000 कर्मचारी हैं और यदि हाई कोर्ट से स्टे मिल जाता है तो इन 80 हजार कर्मचारियों को इससे फायदा होगा।

बाईट 1. राजसिंह चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ
2. रमेश चंद्र शर्मा प्रदेश महामंत्री
3. यतेंद्र सिंह चौहान, प्रदेश कोषाध्यक्ष



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