जयपुर. राजस्थान में 15वीं विधानसभा के छठे सत्र (बजट सत्र) का पहला चरण पूरा हो चुका है. अब दूसरा चरण संभवत उप चुनाव के मतदान 17 अप्रैल के बाद शुरू होगा. लेकिन, इस सत्र में सदन में अनुसूचित जाति/जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के विधायकों के साथ भेदभाव करने और उनकी आवाज दबाने के प्रयास के आरोप लगे. साथ ही, विधायकों को बैठने के लिए सीट और माइक का इंतजाम नहीं होने पर भी विवाद शुरू हुआ.
सचिन पायलट कैंप के कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने यहां तक कह दिया था कि एससी एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों के साथ ही विधानसभा में वरिष्ठता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. जिन विधायकों के माइक सीट पर नहीं होने पर विवाद हो रहा है, उनमें कांग्रेस और कांग्रेस के समर्थित 27 विधायक हैं. 24 विधायक कांग्रेस, तो 3 कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक हैं. इन 27 विधायकों में से 15 विधायक पहली बार चुनकर आए हैं, तो 12 विधायक वह हैं जो दो या दो से ज्यादा बार जीतकर विधानसभा आए हैं, जिन्हें वरिष्ठ कहा जा सकता है. इन 27 विधायकों में से 4 विधायक अल्पसंख्यक, 5 विधायक एसटी और 5 विधायक एससी के हैं. बता दें कि यह बात पायलट कैंप के विधायक रमेश मीणा ने उठाई थी. ऐसे में यह भी पता लगाना जरूरी है कि सचिन पायलट कैंप के 17 विधायकों में से 7 विधायक ऐसे हैं, जिनको बिना माइक वाली सीट पर बैठाया गया है.
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कांग्रेस के इन विधायकों की सीट पर नहीं हैं माइक...
SC विधायक
- टीकाराम जूली, श्रम मंत्री, दूसरी बार विधायक
- भजन लाल जाटव, राज्यमंत्री, दूसरी बार विधायक
- वेद सोलंकी, पहली बार विधायक
- अमर सिंह जाटव, पहली बार विधायक
- बाबूलाल नागर, तीसरी बार कांग्रेस समर्थित
ST विधायक
- रमेश मीणा, तीसरी बार विधायक
- महेंद्रजीत सिंह मालवीय, चौथी बार विधायक
- मुरारी लाल मीणा, तीसरी बार विधायक
- लखन मीणा, पहली बार विधायक
- पृथ्वीराज मीणा, पहली बार विधायक
अल्पसंख्यक विधायक
- अमीन खान, पांचवी बार विधायक
- रफीक खान, पहली बार विधायक
- अमीन कागजी, पहली बार विधायक
- दानिश अबरार, पहली बार विधायक
इन विधायकों के पास भी नहीं हैं माइक
- गुरमीत सिंह कुन्नर, तीसरी बार विधायक
- राजेंद्र सिंह गुड्डा, दूसरी बार विधायक
- बिजेंदर ओला, तीसरी बार विधायक
- संदीप कुमार, पहली बार विधायक
- सुदर्शन रावत, पहली बार विधायक
- जोगिंदर अवाना, पहली बार विधायक
- जीआर खटाना, पहली बार विधायक
- विजयपाल मिर्धा, पहली बार विधायक
- मेवाराम जैन, चौथी बार विधायक
- जितेंद्र सिंह, चौथी बार विधायक
- महेंद्र बिश्नोई, पहली बार विधायक
- आलोक बेनीवाल, कांग्रेस समर्थित पहली बार विधायक
- सुरेश टांक, कांग्रेस समर्थित पहली बार विधायक
कौन करता है विधानसभा में सीटिंग अरेंजमेंट?
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है, लेकिन इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष को लेकर पूर्व मंत्री और सचिन पायलट गुट के नेता रमेश मीणा का आरोप इन दिनों सियासी हलकों में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. दरअसल, मसला है कोविड- 19 के कारण सदन के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए विधायकों के बैठने की व्यवस्था का, जिसके कारण कई विधायकों को बिना माइक वाली सीट मिली थी.
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सदन में चर्चा के दौरान रमेश मीणा ने यह आरोप लगाया था कि जान-बूझकर अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ-साथ अल्पसंख्यक विधायकों को ऐसी सीट का अलॉटमेंट किया गया. जहां माइक नहीं था और इसी कारण पिछड़े वर्ग की आवाज को सदन में उठा पाने में यह सब विधायक परेशान हो रहे हैं. बता दें कि विधानसभा में वरीयता और वरिष्ठता के आधार पर क्रम नंबर से मुख्य सचेतक ही विधायकों के बैठने की व्यवस्था का निर्धारण करते हैं.