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खबर का असरः पतंगबाजी पर भी पुलिस की पहरेदारी, ड्रोन कैमरे से पहचान कर होगी कार्रवाई - Kite flying

जयपुर में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना प्रकोप के कारण लॉकडाउन में पतंग उड़ाने वालों पर भी पुलिस की सख्त निगरानी रहेगी. पुलिस ड्रोन कैमरा के जरिए पतंग उड़ाने वालों पर नजर रखेगी. लॉकडाउन के दौरान शहर में पतंगबाजी का दौर चल रहा है, ऐसे में आशंका है कि पतंगबाजी से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है. बता दें कि ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस खबर को प्रकाशित की थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है.

पतंगबाजों पर कैमरे की नजर, Jaipur Police News
पतंगबाजों पर कैमरे की नजर
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Published : Apr 25, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 5:23 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. कोरोना प्रकोप के कारण लॉकडाउन में पतंग उड़ाने वालों पर भी पुलिस की सख्त निगरानी रहेगी.

पतंगबाजों पर कैमरे की नजर

बता दें कि पुलिस ड्रोन कैमरा के जरिए जयपुर शहर में पतंग उड़ाने वालों पर नजर रखेगी. पहले लोगों से समझाइश की जाएगी और फिर ड्रोन कैमरे के जरिए पतंग उड़ाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. लॉकडाउन के चलते जयपुर शहर में पतंगबाजी का दौर चल रहा है. ऐसे में आशंका है कि लॉकडाउन में हो रही पतंगबाजी से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है. पुलिस लोगों से समझाइश कर रही है कि छतों पर एकत्रित होकर पतंगबाजी नहीं करें और नहीं माने तो ड्रोन कैमरा से पहचान कर पतंग उड़ाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

पतंगबाजों पर कैमरे की नजर, Jaipur Police News
ड्रोन कैमरा से होगी पहचान

बता दें कि पतंगबाजी से कोरोना के संक्रमण को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि पतंगबाजी से कोरोना संक्रमण हो सकता है. इसके बाद प्रशासन की ओर से परकोटे क्षेत्र में ड्रोन कैमरे के माध्यम से पतंगबाजों पर नजर रखी जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL REPORT: जयपुर में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे कहीं पतंगबाजी तो कारण नहीं?

परकोटे में हो रही पतंगबाजी

कोरोना हॉटस्पॉट परकोटे में जमकर पतंगबाजी हो रही है. संक्रमित व्यक्ति पतंग को छूते हैं और डोर बांधकर पतंग उड़ाते समय डोर पकड़ने वालों को भी संक्रमण होने का खतरा रहता है. साथ ही पतंग गिरने पर उसको पकड़ने वाला भी संक्रमित हो सकता है. पतंगबाजी से छतों पर भीड़ एकत्रित होने की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और झगड़े की स्थिति भी बन सकती है. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से मौखिक आदेश जारी किए गए हैं और पतंग बाजों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.

पतंगबाजी पर रोक लगाने के लिए मौखिक आदेश

हालांकि, पतंगबाजी पर रोक लगाने के लिए किसी प्रकार का लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है. जयपुर परकोटा सहित करीब 28 थाना इलाकों में कर्फ्यू लागू किया गया है, जिन इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति पाए गए हैं उन इलाकों में कर्फ्यू लगा कर सील किया गया है. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार सख्त निगरानी रखी जा रही है और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.

पतंगबाजी से फैल सकता है कोरोनाः विशेषज्ञ

विशेषज्ञों की मानें तो, इस बात की संभावना है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज पतंगबाजी करते हुए आसमान के रास्ते इलाके के दूसरे लोगों तक इस महामारी को आसानी से पहुंचा सकता है. राजधानी जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेश जाखोटिया कहते हैं कि अगर पतंग कट कर किसी इंसान के पास पहुंच जाए और वह शक्स उसे उठा ले, या फिर अपने साथ लेकर घर चला जाए या फिर पतंगबाजी का लुत्फ उठाने लगे तो पतंग और उसके धागे की जरिए वह शक्स भी कोरोना वायरस का शिकार हो सकता है.

नरेश जाखोटिया का कहना है कि पतंग के कागज पर यह वायरस 4 घंटे और धागे पर 8 से 10 घंटे तक रह सकता है. वहीं प्लास्टिक की पतंग पर ये वायरस 3 दिन तक रहता है. ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति पतंगबाजी कर रहा है तो पूरी संभावना है कि वह पतंग और डोर के जरिए दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.

ड्रोन कैमरे से रखी जा रही निगरानी

राजधानी जयपुर के सभी थानों में ड्रोन कैमरे उपलब्ध करवाए गए हैं, जिनके माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और धारा 144 की सख्ती से पालना करवाई जा सके. वहीं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है.

जयपुर. राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. कोरोना प्रकोप के कारण लॉकडाउन में पतंग उड़ाने वालों पर भी पुलिस की सख्त निगरानी रहेगी.

पतंगबाजों पर कैमरे की नजर

बता दें कि पुलिस ड्रोन कैमरा के जरिए जयपुर शहर में पतंग उड़ाने वालों पर नजर रखेगी. पहले लोगों से समझाइश की जाएगी और फिर ड्रोन कैमरे के जरिए पतंग उड़ाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. लॉकडाउन के चलते जयपुर शहर में पतंगबाजी का दौर चल रहा है. ऐसे में आशंका है कि लॉकडाउन में हो रही पतंगबाजी से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है. पुलिस लोगों से समझाइश कर रही है कि छतों पर एकत्रित होकर पतंगबाजी नहीं करें और नहीं माने तो ड्रोन कैमरा से पहचान कर पतंग उड़ाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

पतंगबाजों पर कैमरे की नजर, Jaipur Police News
ड्रोन कैमरा से होगी पहचान

बता दें कि पतंगबाजी से कोरोना के संक्रमण को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि पतंगबाजी से कोरोना संक्रमण हो सकता है. इसके बाद प्रशासन की ओर से परकोटे क्षेत्र में ड्रोन कैमरे के माध्यम से पतंगबाजों पर नजर रखी जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL REPORT: जयपुर में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे कहीं पतंगबाजी तो कारण नहीं?

परकोटे में हो रही पतंगबाजी

कोरोना हॉटस्पॉट परकोटे में जमकर पतंगबाजी हो रही है. संक्रमित व्यक्ति पतंग को छूते हैं और डोर बांधकर पतंग उड़ाते समय डोर पकड़ने वालों को भी संक्रमण होने का खतरा रहता है. साथ ही पतंग गिरने पर उसको पकड़ने वाला भी संक्रमित हो सकता है. पतंगबाजी से छतों पर भीड़ एकत्रित होने की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और झगड़े की स्थिति भी बन सकती है. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से मौखिक आदेश जारी किए गए हैं और पतंग बाजों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.

पतंगबाजी पर रोक लगाने के लिए मौखिक आदेश

हालांकि, पतंगबाजी पर रोक लगाने के लिए किसी प्रकार का लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है. जयपुर परकोटा सहित करीब 28 थाना इलाकों में कर्फ्यू लागू किया गया है, जिन इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति पाए गए हैं उन इलाकों में कर्फ्यू लगा कर सील किया गया है. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार सख्त निगरानी रखी जा रही है और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.

पतंगबाजी से फैल सकता है कोरोनाः विशेषज्ञ

विशेषज्ञों की मानें तो, इस बात की संभावना है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज पतंगबाजी करते हुए आसमान के रास्ते इलाके के दूसरे लोगों तक इस महामारी को आसानी से पहुंचा सकता है. राजधानी जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेश जाखोटिया कहते हैं कि अगर पतंग कट कर किसी इंसान के पास पहुंच जाए और वह शक्स उसे उठा ले, या फिर अपने साथ लेकर घर चला जाए या फिर पतंगबाजी का लुत्फ उठाने लगे तो पतंग और उसके धागे की जरिए वह शक्स भी कोरोना वायरस का शिकार हो सकता है.

नरेश जाखोटिया का कहना है कि पतंग के कागज पर यह वायरस 4 घंटे और धागे पर 8 से 10 घंटे तक रह सकता है. वहीं प्लास्टिक की पतंग पर ये वायरस 3 दिन तक रहता है. ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति पतंगबाजी कर रहा है तो पूरी संभावना है कि वह पतंग और डोर के जरिए दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.

ड्रोन कैमरे से रखी जा रही निगरानी

राजधानी जयपुर के सभी थानों में ड्रोन कैमरे उपलब्ध करवाए गए हैं, जिनके माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और धारा 144 की सख्ती से पालना करवाई जा सके. वहीं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 5:23 PM IST
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