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जयपुरः आर्म्स एक्ट में संशोधन के बाद एक्शन में पुलिस, बदमाशों पर लगाई "संगठित अपराध" की धारा

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Published : Mar 12, 2020, 4:32 PM IST

जयपुर पुलिस ने आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद से ही फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. आर्म्स एक्ट में किए गए संशोधन के बाद राजधानी के आदर्श नगर थाना इलाके में फायरिंग करने वाले बदमाशों को आर्म्स एक्ट की नई धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है.

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आर्म्स एक्ट में संशोधन के बाद एक्शन में पुलिस

जयपुर. आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद से ही जयपुर पुलिस ने फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. आदर्श नगर थाना इलाके में फायरिंग करने वाले बदमाशों को आर्म्स एक्ट की नई धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है. आर्म्स एक्ट में संसद ने संशोधन करते हुए "संगठित अपराध" की एक धारा को जोड़ा है. जिसके अंतर्गत यदि बदमाशों का गिरोह किसी वारदात को अंजाम देने में हथियार का इस्तेमाल करता है, तो उन को संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार कर न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.

आर्म्स एक्ट में संशोधन के बाद एक्शन में पुलिस

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि, आर्म्स एक्ट में किए गए संशोधन के बाद राजधानी के आदर्श नगर थाना इलाके में फायरिंग करने वाले बदमाशों को आर्म्स एक्ट की नई "संगठित अपराध" धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है. जिसके तहत बदमाशों को न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है. पहले बदमाश निचली अदालत से ही जमानत ले लिया करते थे, लेकिन अब बदमाशों को निचली अदालत से जमानत नहीं मिल पाएगी.

पढ़ें. बीजेपी की कोई विचारधारा नहीं है, उनके सपने धन-दौलत के आधार पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के हैंः गहलोत

उन्होने कहा कि, आर्म्स एक्ट में किए गए संशोधन के बाद बदमाशों की परेशानी बढ़ेगी और पुलिस भी सख्ती के साथ बदमाशों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर पाएगी. बदमाशों को संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार करने के बाद अब ये प्रकरण निचली अदालत के बजाय सेशन कोर्ट में ट्रायल के लिए जाएगा.

जयपुर. आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद से ही जयपुर पुलिस ने फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. आदर्श नगर थाना इलाके में फायरिंग करने वाले बदमाशों को आर्म्स एक्ट की नई धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है. आर्म्स एक्ट में संसद ने संशोधन करते हुए "संगठित अपराध" की एक धारा को जोड़ा है. जिसके अंतर्गत यदि बदमाशों का गिरोह किसी वारदात को अंजाम देने में हथियार का इस्तेमाल करता है, तो उन को संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार कर न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.

आर्म्स एक्ट में संशोधन के बाद एक्शन में पुलिस

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि, आर्म्स एक्ट में किए गए संशोधन के बाद राजधानी के आदर्श नगर थाना इलाके में फायरिंग करने वाले बदमाशों को आर्म्स एक्ट की नई "संगठित अपराध" धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है. जिसके तहत बदमाशों को न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है. पहले बदमाश निचली अदालत से ही जमानत ले लिया करते थे, लेकिन अब बदमाशों को निचली अदालत से जमानत नहीं मिल पाएगी.

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उन्होने कहा कि, आर्म्स एक्ट में किए गए संशोधन के बाद बदमाशों की परेशानी बढ़ेगी और पुलिस भी सख्ती के साथ बदमाशों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर पाएगी. बदमाशों को संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार करने के बाद अब ये प्रकरण निचली अदालत के बजाय सेशन कोर्ट में ट्रायल के लिए जाएगा.

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