जयपुर. राजधानी की रामनगरिया थाना पुलिस ने 24 सितंबर को एक युवक का अपहरण कर 3 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए गैंग के 5 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जब उनसे पूछताछ की गई तो उसमें एक ऐसा चौंकाने वाला खुलासा हुआ. जिसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई. गिरफ्त में आए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि गैंग के सदस्य केवल उन लोगों को अपना निशाना बनाने वाले थे, जो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वीडियो (रील्स) बनाकर डालते हैं और जिनके बड़ी संख्या में फॉलोअर्स (Extortion gang targeted Social Media Influencers) हैं.
गिरोह के सदस्यों ने जयपुर के ऐसे 4 युवकों को चिन्हित किया था, जो लगातार सोशल मीडिया पर रील्स अपलोड करते हैं और जिनके काफी फॉलोअर्स हैं. हालांकि गिरोह के सदस्य अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, इससे पहले ही पुलिस ने पहला अपहरण करने के बाद ही उन्हें धर दबोचा और अब सभी जेल की हवा खा रहे हैं.
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जेल से बाहर आकर सरगना ने रची साजिश: डीसीपी ईस्ट राजीव पचार ने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़ी गैंग का सरगना रवि गुर्जर है. वह 14 सितंबर को ही एक प्रकरण में सजा काटने के बाद जेल से बाहर आया था. जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने साथी तुलसीराम प्रजापत, देशराज मीणा, दिलखुश गुर्जर और अमर राज गुर्जर के साथ मिलकर एक नई गैंग बनाई. तुलसीराम कैब ड्राइवर है, जिसने गिरोह के सरगना रवि को बताया कि वह शहर के अलग-अलग लोकेशन पर जाकर वीडियो बनाने वाले युवकों को जानता है. वह उनको लाने-ले जाने का काम करता है.
उसने बताया कि युवकों के पास काफी महंगे उपकरण हैं और वह काफी अच्छा पैसा कमाते हैं. इस पर रवि ने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर जयपुर के ऐसे युवकों की जानकारी जुटाई जो लगातार रील्स अपलोड करते हैं और जिनके काफी फॉलोअर्स हैं. इसके बाद गिरोह ने जयपुर के ऐसे 4 युवकों को चिन्हित किया और उनका अपहरण कर उनसे मोटी राशि वसूलने की प्लानिंग की.
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गैंग ने किया पहला अपहरण: प्लानिंग के मुताबिक गैंग ने सबसे पहले विनोद नाम के युवक के अपहरण को अंजाम दिया. तुलसीराम ने सबसे पहले गिरोह के अन्य सदस्यों को उस अपार्टमेंट की वीडियो और लोकेशन भेजी जहां पर विनोद अपने दोस्तों के साथ फ्लैट में रहता है. प्लानिंग के मुताबिक गिरोह के सदस्य शाम तकरीबन 5:30 बजे फ्लैट पर पहुंचे और जबरन अंदर घुस फ्लैट में मौजूद 4 युवकों से मारपीट की.
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बदमाशों ने सभी युवकों के पर्स व मोबाइल छीन लिए और विरोध करने पर हरिकृष्ण नाम के युवक को फ्लैट की बालकनी से नीचे फेंक दिया. इसके बाद बदमाशों ने चाकू की नोक पर विनोद का अपहरण किया और उसे गाड़ी में डालकर टोंक ले गए. जहां पर विनोद के मोबाइल से ही उसके साथ मारपीट करने की वीडियो बनाकर उसके दोस्तों को भेजे गए. बदमाशों ने वीडियो भेजने के साथ ही 3 लाख रुपए की फिरौती मांगी और फिरौती नहीं देने पर विनोद को जान से मारने की धमकी दी.
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बदमाशों ने यह सोचा था कि विनोद के साथी पुलिस को शिकायत नहीं करेंगे और 3 लाख रुपए की रकम बड़ी आसानी से दे देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विनोद के साथियों ने पुलिस को वारदात की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महज कुछ ही घंटों के अंतराल में विनोद को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह के सदस्यों ने चार युवकों के अपहरण की प्लानिंग की थी लेकिन पुलिस ने उनकी तमाम प्लानिंग पर पानी फेर दिया.