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जयपुर: पलायन करने वाले यात्रियों के लिए रोडवेज की 300 बसें भी पड़ी कम, 100 प्राइवेट बसों को भी लगाया

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Published : Mar 29, 2020, 10:05 PM IST

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरे भारत देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के कारण सभी परिवहन सेवाएं भी बंद कर दी गई है. ऐसे में जयपुर में फंसे कई मजदूर वर्ग के लोगों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई.

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जयपुर में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

जयपुर. राजधानी में फंसे गरीब दिहाड़ी मजदूरों के लिए रहने को छत नहीं और खाने को दाना नहीं. हालांकि प्रशासन की ओर से गरीबों को भोजन तो खिलाया जा रहा है, लेकिन रहने की व्यवस्था नहीं की गई है. आखिरकार सरकार ने गरीबों की सुनी और इनको अपने घर पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन शुरू किया. शनिवार से ही मजदूर वर्ग के लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है.

जयपुर में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बता दें कि हजारों की संख्या में जयपुर में फंसे मजदूरों के लिए रोडवेज की बसें भी कम पड़ती नजर आई. इसके बाद रविवार को भी सुबह से ही रोडवेज की करीब 300 बसों का संचालन शुरू किया. रोडवेज की बसें इन मजदूर वर्ग के लोगों को बैठा कर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर और स्टेट बॉर्डर तक पहुंचाने का काम कर रही है. हालांकि रोडवेज की बसें कम पड़ने के बाद करीब 100 से भी ज्यादा प्राइवेट बसों का संचालन शुरू किया गया.

राजधानी की प्रत्येक सड़क पर मजदूरों की भीड़

राजधानी जयपुर की हर सड़क पर मजदूरों की भीड़ देखने को मिली. एक साथ ज्यादा भीड़ होने से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की भी धज्जियां उड़ती नजर आई. पुलिस प्रशासन की ओर से भी भीड़ को नियंत्रित कर बसों में बैठाने का काम किया गया. मजदूरों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए 4 जगह पर बसों की व्यवस्था की गई.

जयपुर के सिंधी कैंप, ट्रांसपोर्ट नगर, चोमू पुलिया, दुर्गापुरा बस स्टैंड और 200 फीट बायपास से बसों में बैठाकर सभी मजदूरों को उनके गांव पहुंचाया जा रहा है. दिल्ली और आगरा मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को ट्रांसपोर्ट नगर से, सीकर मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को चोमू पुलिया से, टोक और कोटा मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को दुर्गापुरा बस स्टैंड से और अजमेर मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को 200 फीट बाईपास से रोडवेज बसों में बैठाकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है.

बसों में पहली प्राथमिकता महिला यात्रियों को दी गई. जिन महिलाओं की गोद में बच्चे थे उनको पुलिस की ओर से बसों में सीट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई. जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर और सिंधी कैंप बस स्टैंड पर आज हजारों की संख्या में यात्रियों की भीड़ नजर आई. बसें लगने के बाद बसों में भीड़ उमड़ पड़ी.

पढ़ें: हारेगा कोरोना: CM गहलोत का PM मोदी को पत्र, 'सभी राज्यों को एकमुश्त 1 लाख करोड़ अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध'

गौरतलब है कि देश में लॉक डाउन के चलते एक साथ इतनी भीड़ होने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ लोगों को घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है. वही इस तरह भीड़ होने से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है.

जयपुर. राजधानी में फंसे गरीब दिहाड़ी मजदूरों के लिए रहने को छत नहीं और खाने को दाना नहीं. हालांकि प्रशासन की ओर से गरीबों को भोजन तो खिलाया जा रहा है, लेकिन रहने की व्यवस्था नहीं की गई है. आखिरकार सरकार ने गरीबों की सुनी और इनको अपने घर पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन शुरू किया. शनिवार से ही मजदूर वर्ग के लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है.

जयपुर में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बता दें कि हजारों की संख्या में जयपुर में फंसे मजदूरों के लिए रोडवेज की बसें भी कम पड़ती नजर आई. इसके बाद रविवार को भी सुबह से ही रोडवेज की करीब 300 बसों का संचालन शुरू किया. रोडवेज की बसें इन मजदूर वर्ग के लोगों को बैठा कर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर और स्टेट बॉर्डर तक पहुंचाने का काम कर रही है. हालांकि रोडवेज की बसें कम पड़ने के बाद करीब 100 से भी ज्यादा प्राइवेट बसों का संचालन शुरू किया गया.

राजधानी की प्रत्येक सड़क पर मजदूरों की भीड़

राजधानी जयपुर की हर सड़क पर मजदूरों की भीड़ देखने को मिली. एक साथ ज्यादा भीड़ होने से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की भी धज्जियां उड़ती नजर आई. पुलिस प्रशासन की ओर से भी भीड़ को नियंत्रित कर बसों में बैठाने का काम किया गया. मजदूरों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए 4 जगह पर बसों की व्यवस्था की गई.

जयपुर के सिंधी कैंप, ट्रांसपोर्ट नगर, चोमू पुलिया, दुर्गापुरा बस स्टैंड और 200 फीट बायपास से बसों में बैठाकर सभी मजदूरों को उनके गांव पहुंचाया जा रहा है. दिल्ली और आगरा मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को ट्रांसपोर्ट नगर से, सीकर मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को चोमू पुलिया से, टोक और कोटा मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को दुर्गापुरा बस स्टैंड से और अजमेर मार्ग पर जाने वाले मजदूरों को 200 फीट बाईपास से रोडवेज बसों में बैठाकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है.

बसों में पहली प्राथमिकता महिला यात्रियों को दी गई. जिन महिलाओं की गोद में बच्चे थे उनको पुलिस की ओर से बसों में सीट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई. जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर और सिंधी कैंप बस स्टैंड पर आज हजारों की संख्या में यात्रियों की भीड़ नजर आई. बसें लगने के बाद बसों में भीड़ उमड़ पड़ी.

पढ़ें: हारेगा कोरोना: CM गहलोत का PM मोदी को पत्र, 'सभी राज्यों को एकमुश्त 1 लाख करोड़ अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध'

गौरतलब है कि देश में लॉक डाउन के चलते एक साथ इतनी भीड़ होने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ लोगों को घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है. वही इस तरह भीड़ होने से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है.

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