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दो नगर निगम बनाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग दे जवाब - Jaipur State Election Commission

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर में दो नगर निगम बनाने के मामले में राज्य निर्वाचन आयोग को जवाब पेश करने के आदेश दिए है. वहीं इस मामले की सुनवाई 19 नवबंर को तय की है.

जयपुर राज्य निर्वाचन आयोग,Jaipur State Election Commission
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Published : Nov 15, 2019, 9:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से शहर में दो नगर निगम बनाने के मामले मे राज्य निर्वाचन आयोग को दो दिन में जवाब पेश करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 19 नवबंर को तय की है. साथ ही मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सतीश शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.

राज्य निर्वाचन आयोग को जवाब पेश करने के दिए आदेश

राज्य निर्वाचन आयोग जवाब देने को कहा
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि जयपुर नगर निगम के चुनाव की पांच साल की अवधि 25 नवंबर को पूरी हो रही है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम के चुनाव नहीं कराए हैं और यह निर्वाचन आयोग की विफलता है. इस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि मामले में उनके जवाब की जरूरत ही नहीं है, लेकिन अदालत ने प्रार्थी पक्ष से सहमत होकर राज्य निर्वाचन आयोग को मामले में जवाब देने के लिए कहा है.

जयपुर नगर निगम के चुनाव जल्द करवाए जाएं
जनहित याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर 2019 को जयपुर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटते हुए एक को जयपुर हेरिटेज नगर निगम व दूसरे को ग्रेटर जयपुर नगर निगम का नाम दिया. यहां पर वार्ड की संख्या भी 150 से बढ़ाकर 250 कर दी. राज्य सरकार द्वारा ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 243यू के विपरीत है. इसके तहत निगम चुनाव पांच साल तक ही वैध रहते है और इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. प्रदेश में अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव करवाए जा रहे हैं, लेकिन जयपुर, जोधपुर, कोटा में चुनाव नहीं कराना दुर्भावनापूर्ण है. यह केवल जयपुर, जोधपुर व कोटा के नगर निगम चुनावों को टालने के लिए किया है. इसलिए जयपुर नगर निगम के चुनाव जल्द करवाए जाएं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से शहर में दो नगर निगम बनाने के मामले मे राज्य निर्वाचन आयोग को दो दिन में जवाब पेश करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 19 नवबंर को तय की है. साथ ही मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सतीश शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.

राज्य निर्वाचन आयोग को जवाब पेश करने के दिए आदेश

राज्य निर्वाचन आयोग जवाब देने को कहा
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि जयपुर नगर निगम के चुनाव की पांच साल की अवधि 25 नवंबर को पूरी हो रही है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम के चुनाव नहीं कराए हैं और यह निर्वाचन आयोग की विफलता है. इस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि मामले में उनके जवाब की जरूरत ही नहीं है, लेकिन अदालत ने प्रार्थी पक्ष से सहमत होकर राज्य निर्वाचन आयोग को मामले में जवाब देने के लिए कहा है.

जयपुर नगर निगम के चुनाव जल्द करवाए जाएं
जनहित याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर 2019 को जयपुर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटते हुए एक को जयपुर हेरिटेज नगर निगम व दूसरे को ग्रेटर जयपुर नगर निगम का नाम दिया. यहां पर वार्ड की संख्या भी 150 से बढ़ाकर 250 कर दी. राज्य सरकार द्वारा ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 243यू के विपरीत है. इसके तहत निगम चुनाव पांच साल तक ही वैध रहते है और इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. प्रदेश में अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव करवाए जा रहे हैं, लेकिन जयपुर, जोधपुर, कोटा में चुनाव नहीं कराना दुर्भावनापूर्ण है. यह केवल जयपुर, जोधपुर व कोटा के नगर निगम चुनावों को टालने के लिए किया है. इसलिए जयपुर नगर निगम के चुनाव जल्द करवाए जाएं.

Intro:बाईट- याचिकाकर्ता के वकील आरडी रस्तोगी


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से शहर में दो नगर निगम बनाने के मामले मे राज्य निर्वाचन आयोग को दो दिन में जवाब पेश करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 19 नवबंर को तय की है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सतीश शर्मा की जनहित याचिका पर दिए।Body:सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि जयपुर नगर निगम के चुनाव की पांच साल की अवधि 25 नवंबर को पूरी हो रही है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम के चुनाव नहीं कराए हैं और यह निर्वाचन आयोग की विफलता है। इस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि मामले में उनके जवाब की जरूरत ही नहीं है। लेकिन अदालत ने प्रार्थी पक्ष से सहमत होकर राज्य निर्वाचन आयोग को मामले में जवाब देने के लिए कहा।
जनहित याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर 2019 को जयपुर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटते हुए एक को जयपुर हेरिटेज नगर निगम व दूसरे को ग्रेटर जयपुर नगर निगम का नाम दिया। यहां पर वार्ड की संख्या भी 150 से बढाकर  250 कर दी। राज्य सरकार द्वारा ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 243यू के विपरीत है। इसके तहत निगम चुनाव पांच साल तक ही वैध रहते है और इन्हें आगे नहीं बढाया जा सकता। प्रदेश में अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव करवाए जा रहे हैं लेकिन जयपुर, जोधपुर, कोटा में चुनाव नहीं कराना दुर्भावनापूर्ण है। यह केवल जयपुर, जोधपुर व कोटा के नगर निगम चुनावों को टालने के लिए किया है। इसलिए जयपुर नगर निगम के चुनाव जल्द करवाए जाएं।Conclusion:
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