जयपुर. गहलोत सरकार ने सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये के कार्मिक कल्याण कोष के गठन की स्वीकृति जारी कर दी है.
आदेश के अनुसार कार्मिक कल्याण कोष से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्त की व्यवस्था की जाएगी. इन योजनाओं में राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना में अंशदान, आवास ऋण योजना, उच्च अध्ययन हेतु ऋण योजना, व्यक्तिगत एवं वाहन ऋण योजना, कामकाजी महिलाओं के लिए उनके कार्यालयों में क्रेच योजना तथा अल्प वेतन भोगी कार्मिकों के बच्चों के लिए प्रतिभावान छात्रवृति योजना सम्मिलित हैं.
वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि कार्मिक कल्याण कोष का संचालन निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा. राज्य सरकार के समस्त सेवारत और सेवानिवृत कार्मिक इस कोष की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे.
उन्होंने बताया कि उक्त योजनाओं का वित्त पोषण राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रियानुसार कार्मिक कल्याण कोष से किया जाएगा. योजनाओं हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे.
गहलोत की सख्ती आई काम : बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में कर्मचारियों के कल्याण के लिए कार्मिक कल्याण कोष के गठन करने की घोषणा की थी. राज्य के वित्त विभाग ने आदेश जारी करके मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरा कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में मुख्य सचिव निरंजन आर्य को निर्देश दिए थे कि बजट घोषणाओं की गति को समय पर पूरा किया जाए, ताकि उनका लाभ आमजन को मिल सके.