जयपुर. प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते शादी-विवाह और अन्य समारोह में 100 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं है. यदि आगंतुकों की संख्या इससे ज्यादा होती है तो आयोजकों से 25 हजार का जुर्माना राशि वसूल की जाएगी. हालांकि ये कार्रवाई करने के अधिकार नगरीय क्षेत्रों में बीडीओ और जिला परिषद सीईओ के पास है.
ऐसे में अब जयपुर नगर निगम प्रशासन ने जोन उपायुक्तों को अधिकृत करने के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है. ताकि कोरोना गाइडलाइन की पालना कराई जा सके. शादी समारोह में शहर भर में निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने इंसीडेंट कमांडर के रूप में 15 आरएएस अफसरों की टीम उतारी है. ये अफसर किसी भी मैरिज गार्डन में रैंडम जाकर जांच कर सकते हैं. इसके बाद यदि विवाह समारोह में 100 से ज्यादा लोग मिलते हैं तो 25 हजार का जुर्माना वसूलने की कार्रवाई कर सकते हैं.
हालांकि अब निगम जोन उपायुक्तों को भी विवाह स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन फॉलो कराने के लिए अधिकृत करने के लिए निगम प्रशासन ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है. रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ चालान करने की पावर नगर निगम के अधिकारियों को दी गई थी.
जिसके तहत बिना मास्क के घूमने वाले, मास्क लगाए बिना दुकानदार की ओर से सामान विक्रय करने पर कार्रवाई के भी अधिकार थे, लेकिन 22 नवंबर को गृह विभाग ने जो नोटिफिकेशन जारी किए थे. उसमें 100 से ज्यादा आगंतुकों को किसी समारोह में बुलाने पर 25 हजार का जुर्माना निर्धारित किया गया है. हालांकि इस कार्रवाई के अधिकार नगरीय क्षेत्रों में बीडीओ और जिला परिषद सीईओ को दिए गए हैं.
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उसी तर्ज पर निगम के जोन उपायुक्तों को भी अधिकृत करने के लिए निगम प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया है. ताकि इस गाइडलाइन की पालना सख्ती से कराई जा सके. बहरहाल, इस साल अब शादी के लिए तीन-चार दिन ही शुभ मुहूर्त है. साथ ही समय रहते निगम उपायुक्तों को भी जुर्माना वसूलने के लिए अधिकृत किया जाता है तो कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी.