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'सफाई' या 'मजाक' : नाले तो साफ किए, कचरा सड़कों पर छोड़ा

जयपुर नगर निगम ने मार्च में शहर के 897 नालों की सफाई का लक्ष्य तय किया है, लेकिन जिन नालों की सफाई की गई है. वहां कचरा सड़क और नाले पर ही छोड़ दिया है. नतीजन दो दिन से हो रही बारिश से वही कचरा या तो दोबारा नालों में जा रहा है या सड़कों पर राहगीरों की परेशानी का सबब बन रहा है.

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Published : Mar 6, 2020, 6:01 PM IST

Jaipur Nagar Nigam, Jaipur News
जयपुर नगर निगम का अधूरा काम

जयपुर. राजधानी में जयपुर नगर निगम ने शहर के 897 नालों को साफ करने की मुहिम शुरू की है. लक्ष्य है कि मार्च अंत तक शहर के सभी नालों की सफाई कर दी जाएगी, लेकिन जिन नालों की सफाई की गई है, वो किसी खानापूर्ति से कम नहीं.

जयपुर नगर निगम का अधूरा काम

पढ़ें: Corona वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर जयपुर निगम प्रशासन, जागरूकता के लिये चलाए जाएंगे जिंगल्स

निगम प्रशासन ने नालों की सफाई तो की, लेकिन यहां से निकाले गए कचरे को उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. यहीं वजह है कि वो कचरा लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. खास करके बीते 2 दिन से हो रही बारिश के बाद तो इसमें से बदबू भी आ रही है और तो और लोगों को बीमारियां का डर भी सता रहा है.

क्षेत्रीय व्यापारियों की मानें तो निगम के कर्मचारी 7 दिन पहले यहां नालों से मलबा और कचरा निकालने के बाद इसे अगले दिन ही उठाने का आश्वासन देकर चले गए, लेकिन अब तक भी इसकी सुध नहीं ली गई और अब कचरा दोबारा नालों में जाने लगा है. यहीं नहीं सड़कों से गुजरने वाले राहगीरों की लिए भी परेशानी बन चुका है.

उधर, निगम प्रशासन की माने तो बड़े नालों की सफाई मई-जून में कराई जाएगी. लेकिन छोटे नालों की सफाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन नालों से निकलने वाले मलबे को समय से डिस्पोज करने के निर्देश दिए हुए हैं और यदि ऐसा नहीं हो रहा हैं तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: Reality Check: कोटपूतली नगरपालिका बनी 'नरक'पालिका, बिना काम के तनख्वाह उठा रहे सफाईकर्मी !

बहरहाल, निगम प्रशासन नालों की सफाई का एक चरण पूरा कर दूसरा चरण मानसून से पहले शुरू करेगा. लेकिन यदि नालों की सफाई का मतलब ईटीवी भारत की ओर से दिखाई गई तस्वीरों जैसा है तो, निगम प्रशासन के दावे महज कागजी ही साबित होंगे.

जयपुर. राजधानी में जयपुर नगर निगम ने शहर के 897 नालों को साफ करने की मुहिम शुरू की है. लक्ष्य है कि मार्च अंत तक शहर के सभी नालों की सफाई कर दी जाएगी, लेकिन जिन नालों की सफाई की गई है, वो किसी खानापूर्ति से कम नहीं.

जयपुर नगर निगम का अधूरा काम

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निगम प्रशासन ने नालों की सफाई तो की, लेकिन यहां से निकाले गए कचरे को उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. यहीं वजह है कि वो कचरा लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. खास करके बीते 2 दिन से हो रही बारिश के बाद तो इसमें से बदबू भी आ रही है और तो और लोगों को बीमारियां का डर भी सता रहा है.

क्षेत्रीय व्यापारियों की मानें तो निगम के कर्मचारी 7 दिन पहले यहां नालों से मलबा और कचरा निकालने के बाद इसे अगले दिन ही उठाने का आश्वासन देकर चले गए, लेकिन अब तक भी इसकी सुध नहीं ली गई और अब कचरा दोबारा नालों में जाने लगा है. यहीं नहीं सड़कों से गुजरने वाले राहगीरों की लिए भी परेशानी बन चुका है.

उधर, निगम प्रशासन की माने तो बड़े नालों की सफाई मई-जून में कराई जाएगी. लेकिन छोटे नालों की सफाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन नालों से निकलने वाले मलबे को समय से डिस्पोज करने के निर्देश दिए हुए हैं और यदि ऐसा नहीं हो रहा हैं तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.

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बहरहाल, निगम प्रशासन नालों की सफाई का एक चरण पूरा कर दूसरा चरण मानसून से पहले शुरू करेगा. लेकिन यदि नालों की सफाई का मतलब ईटीवी भारत की ओर से दिखाई गई तस्वीरों जैसा है तो, निगम प्रशासन के दावे महज कागजी ही साबित होंगे.

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