जयपुर. राजधानी में जयपुर नगर निगम ने शहर के 897 नालों को साफ करने की मुहिम शुरू की है. लक्ष्य है कि मार्च अंत तक शहर के सभी नालों की सफाई कर दी जाएगी, लेकिन जिन नालों की सफाई की गई है, वो किसी खानापूर्ति से कम नहीं.
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निगम प्रशासन ने नालों की सफाई तो की, लेकिन यहां से निकाले गए कचरे को उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. यहीं वजह है कि वो कचरा लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. खास करके बीते 2 दिन से हो रही बारिश के बाद तो इसमें से बदबू भी आ रही है और तो और लोगों को बीमारियां का डर भी सता रहा है.
क्षेत्रीय व्यापारियों की मानें तो निगम के कर्मचारी 7 दिन पहले यहां नालों से मलबा और कचरा निकालने के बाद इसे अगले दिन ही उठाने का आश्वासन देकर चले गए, लेकिन अब तक भी इसकी सुध नहीं ली गई और अब कचरा दोबारा नालों में जाने लगा है. यहीं नहीं सड़कों से गुजरने वाले राहगीरों की लिए भी परेशानी बन चुका है.
उधर, निगम प्रशासन की माने तो बड़े नालों की सफाई मई-जून में कराई जाएगी. लेकिन छोटे नालों की सफाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन नालों से निकलने वाले मलबे को समय से डिस्पोज करने के निर्देश दिए हुए हैं और यदि ऐसा नहीं हो रहा हैं तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.
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बहरहाल, निगम प्रशासन नालों की सफाई का एक चरण पूरा कर दूसरा चरण मानसून से पहले शुरू करेगा. लेकिन यदि नालों की सफाई का मतलब ईटीवी भारत की ओर से दिखाई गई तस्वीरों जैसा है तो, निगम प्रशासन के दावे महज कागजी ही साबित होंगे.