जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार सरकार ने लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने जा रही (Jaipur Minor Girl on raising marriage age) है और इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी भी दी गई है. केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रहे हैं. जयपुर के अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी लड़कियों ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों (girl reaction on marriage age of 21) का कहना है कि 18 साल की उम्र विवाह के लिए बहुत कम होती है. विवाह के लिए 18 साल की उम्र मानसिक और शारीरिक रूप से सही नहीं है. यदि 21 साल में शादी हुई तो वे अपने पढ़ाई भी पूरी कर सकेंगी. अल्पसंख्यक समुदाय की शीरीन अब्बासी ने बताया कि केंद्र सरकार का यह फैसला पूरी तरह से सही है. 21 साल में शादी होने पर हम लोग तब तक अपनी पढ़ाई भी सही ढंग से पूरी कर सकेंगे और अपने परिवार को भी सही तरीके से सपोर्ट कर सकते हैं. 21 साल में शादी होने पर हम अपने घरवालों और नए रिश्तों को ढंग से संभाल पाएंगे. जिससे हमें भविष्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो.
यह भी पढ़ें. Exclusive: लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने से बढ़ेगा अपराध, मोदी सरकार ला रही काला कानून-ममता भूपेश
परवीन बानो ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से सहमत (raising marriage age of girl) है. इससे लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिलेगा. शादी के लिए 18 साल की उम्र बहुत कम है. इस उम्र में लड़कियां केवल बारहवीं तक की पढ़ाई ही पूरी कर पाती है. इससे वह अपना कॅरियर नहीं बना पाती. यदि 21 साल में लड़कियों की शादी होगी तो वह अपने भविष्य में जो बनना चाहती है, वह आसानी से बन सकेगी और उसका भविष्य भी उज्ज्वल होगा.
साहिबा बानो ने कहा कि 21 साल की उम्र में शादी (marriage age of girls 21) होने पर उन्हें पढ़ने का पूरा समय मिलेगा. उन्हें आगे बढ़ने का भी पूरा मौका मिलेगा और अपने माता-पिता का नाम भी रोशन कर सकेंगी. उसने कहा कि यदि सरकार के इस फैसले का किसी भी लड़की को गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए.
यह भी पढ़ें. Vashundhara Raje Reaches Jhalawar: पूर्व CM वसुंधरा राजे पहुंची झालावाड़, जैन मुनि का लिया आशीर्वाद
डॉ. फिरदौस कुरैशी ने कहा 18 साल की उम्र एक बहुत कम उम्र होती है. जिसमें लड़कियां समझदार नहीं होती. विवाह के लिए उम्र बढ़ाने पर लड़कियां अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई भी पूरी कर सकेंगी. अक्सर कम उम्र में शादी करने पर लड़कियों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है. 21 में साल की उम्र में शादी होने पर वह अपने परिजनों और बदलते रिश्तों के मायने भी आसानी से समझ सकती है. सभी ने मांग की कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसे कानून बनाकर लागू करे. जिससे अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को इसका फायदा मिल सके.