ETV Bharat / city

Metro Phase 2 In Jaipur : घाटे में चल रही जयपुर मेट्रो..रेवेन्यू बढ़ाने के लिए लीज पर देंगे प्रॉपर्टी

देश के 12 शहरों में मेट्रो ट्रेन का संचालन हो रहा है. इनमें जयपुर मेट्रो सबसे ज्यादा घाटे में चलने वाली मेट्रो (Loss running Jaipur Metro) साबित हुई है. हालांकि जयपुर मेट्रो फेज 1 के एक्सटेंशन भूमिगत मेट्रो शुरू होने से राइडरशिप में कुछ इजाफा जरूर हुआ. लेकिन महज दो स्टेशन बढ़ने से करोड़ों का घाटा कवर नहीं हो सकता. खुद जेएमआरसी मेट्रो फेस 2 से आस लगाए हुए हैं. साथ ही अपनी प्रॉपर्टी से ज्यादा से ज्यादा नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू जनरेट करने की कवायद कर रही है.

Metro Phase 2 In Jaipur
Metro Phase 2 In Jaipur
author img

By

Published : Jan 1, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 6:19 PM IST

जयपुर. जयपुर शहर में 3 जून 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर मेट्रो पहले चरण की शुरुआत की. हालांकि तभी से जयपुर मेट्रो की ऑपरेशन रेवेन्यू इनकम कम और एक्सपेंडिचर ज्यादा रहे. चूंकि ये एक प्रॉफिट मेकिंग वेंचर नहीं बल्कि पब्लिक यूटिलिटी सर्विस है. इसलिए इसके घाटे की भरपाई राज्य सरकार करती रही.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा के अनुसार जयपुर मेट्रो की परेशानियां दूसरे शहरों की मेट्रो की तुलना में ज्यादा हैं. उसका एक बड़ा कारण नेटवर्क एक्सपेंशन से जुड़ा हुआ है. जब तक नेटवर्क एक्सपेंड (Jaipur Metro Phase 1 Extension) नहीं करेंगे और ज्यादा से ज्यादा जनता को इससे नहीं जोड़ेंगे, तब तक जयपुर मेट्रो नुकसान (Jaipur Metro Revenue) में रहेगी. हालांकि अब जो फ्यूचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट होगा, उससे फायदा ज्यादा होगा और लॉस का परसेंटेज कम होगा.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा से विशेष बातचीत (भाग 1)

मेट्रो पर भी कोरोना का असर

बीते 2 साल में मेट्रो पर भी कोरोना का प्रभाव रहा. लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से जयपुर मेट्रो का भी संचालन नहीं हुआ और जब लॉकडाउन के बाद मेट्रो का संचालन भी हुआ, तब शुरुआत 1000 राइडरशिप (Jaipur Metro Rail Ridership) से शुरू हुई. इस राइडरशिप को सामान्य होने में भी काफी समय लगा. हालांकि कोविड-19 से पहले ही 40 से 45 करोड़ ऑपरेशनल लॉस मेट्रो संचालन के आते थे. जयपुर मेट्रो का खर्चा करीब 55 से 60 करोड़ जबकि इनकम 20 करोड़ के करीब आती है. हालांकि भूमिगत मेट्रो के कनेक्शन से राइडरशिप जरूर बढ़ी है.

जयपुर मेट्रो की वर्तमान स्थिति

Metro Phase 2 In Jaipur
जयपुर मेट्रो की वर्तमान स्थिति

पढ़ें- Exclusive: जयपुर वासियों को मेट्रो फेज-2 का इंतजार, फेज 1-C पार्ट की भी डीपीआर तैयार

लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर फोकस

जयपुर मेट्रो प्रशासन की ओर से पहले भी लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर ध्यान देते हुए सिटी बस ई-रिक्शा और मैजिक का सहारा लिया गया था, जो कोविड-19 बाद लगभग बंद ही हो गई. हालांकि अब इस पर दोबारा फोकस किया जा रहा है और इस बार लास्ट माइल कनेक्टिविटी सर्विस जयपुर मेट्रो कॉरपोरेशन के स्तर पर चलाने की प्लानिंग की जा रही है. हालांकि जयपुर मेट्रो ज्यादा लंबी दूरी की नहीं है. ऐसे में किस तरह के यात्री मेट्रो में सवार हो रहे हैं, इसकी भी स्टडी की जा रही है.

नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू बना मेट्रो की 'ढाल'

मेट्रो के लिए फेयर बॉक्स रेवेन्यू ही ज्यादा होना चाहिए. चूंकि वही मुख्य बिजनेस ऑपरेशन है. हालांकि घाटों को कम करने के लिए नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू को भी जरिया बनाया गया है. जिसके तहत रिटेल स्पेस, एडवरटाइजमेंट, मेट्रो स्टेशन पार्किंग, स्टेशन ब्रांडिंग के जरिए महीने में तकरीबन 50 लाख रुपए का रेवेन्यू जेनरेट हो जाता है. मेट्रो सीएमडी ने बताया कि अब मेट्रो की संपत्ति (लैंड एरिया) को लोंग टर्म लीज आउट करना चाह रहे हैं. इसके लिए कंसलटेंट भी हायर किए गए थे, जल्द ही बिड डॉक्यूमेंट भी जारी हो जाएगा.

नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू

Metro Phase 2 In Jaipur
नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू

पढ़ें- Special : विकास की भेंट चढ़ गए जयपुर के ऐतिहासिक कुंड..पहले चौराहा बने और अब मेट्रो स्टेशन का हिस्सा

मेट्रो एक्सटेंशन से ही मिलेगा लाभ

माना जा रहा है कि मेट्रो फेस टू (JMRC Metro Phase 2) के धरातल पर उतरने के बाद जयपुर मेट्रो के दिन फिरेंगे. यहां राइडरशिप भी बढ़ेगी और फेयर बॉक्स रेवेन्यू भी जनरेट होगा. सीएमडी अजिताभ शर्मा ने बताया कि जयपुर मेट्रो का जब नेटवर्क एक्सपेंशन होगा तो निश्चित रूप से लोगों को ज्यादा सुविधा मिलेगी. मेट्रो की राइडरशिप बढ़ेगी. टोंक रोड वाले एलाइनमेंट पर काफी एक्सरसाइज हो चुकी हैं. लेकिन फेस वन में भी राइडरशिप डीपीआर के अनुसार नहीं है. जिसका जवाब फेस टू बनता, तब फेस वन की राइडरशिप का सही आकलन होना बताया जाता है.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा से विशेष बातचीत (भाग 3)

अब जब फेस टू की डीपीआर तैयार हुई है तो उसको एक बार फिर रिव्यू किया जा रहा है कि इस रूट पर क्या डीपीआर के अनुसार राइडरशिप आएगी या नहीं. उन्होंने कहा कि फेस टू में फंडिंग का मामला भी अटक रहा है. ऐसे में जेएमआरसी ने फेस 1 के सी पार्ट पर काम करने की प्लानिंग की है. जिसके तहत बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर और मानसरोवर से 200 फीट बाईपास तक मेट्रो को एक्सटेंड करने की प्लानिंग है.

हालांकि बीते दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिलने की बात कहते हुए मेट्रो फेज 2 के सवाल से पल्ला झाड़ दिया था. लेकिन माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के आने से जयपुर को एक बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा मिलेगी. जिसका उपयोग करके जनता की जेब पर पड़ने वाला भार भी कम होगा और सफर भी सुरक्षित रहेगा. लेकिन अभी तक मेट्रो फेस टू की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है और आम जनता का इंतजार बढ़ता जा रहा है.

जयपुर. जयपुर शहर में 3 जून 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर मेट्रो पहले चरण की शुरुआत की. हालांकि तभी से जयपुर मेट्रो की ऑपरेशन रेवेन्यू इनकम कम और एक्सपेंडिचर ज्यादा रहे. चूंकि ये एक प्रॉफिट मेकिंग वेंचर नहीं बल्कि पब्लिक यूटिलिटी सर्विस है. इसलिए इसके घाटे की भरपाई राज्य सरकार करती रही.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा के अनुसार जयपुर मेट्रो की परेशानियां दूसरे शहरों की मेट्रो की तुलना में ज्यादा हैं. उसका एक बड़ा कारण नेटवर्क एक्सपेंशन से जुड़ा हुआ है. जब तक नेटवर्क एक्सपेंड (Jaipur Metro Phase 1 Extension) नहीं करेंगे और ज्यादा से ज्यादा जनता को इससे नहीं जोड़ेंगे, तब तक जयपुर मेट्रो नुकसान (Jaipur Metro Revenue) में रहेगी. हालांकि अब जो फ्यूचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट होगा, उससे फायदा ज्यादा होगा और लॉस का परसेंटेज कम होगा.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा से विशेष बातचीत (भाग 1)

मेट्रो पर भी कोरोना का असर

बीते 2 साल में मेट्रो पर भी कोरोना का प्रभाव रहा. लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से जयपुर मेट्रो का भी संचालन नहीं हुआ और जब लॉकडाउन के बाद मेट्रो का संचालन भी हुआ, तब शुरुआत 1000 राइडरशिप (Jaipur Metro Rail Ridership) से शुरू हुई. इस राइडरशिप को सामान्य होने में भी काफी समय लगा. हालांकि कोविड-19 से पहले ही 40 से 45 करोड़ ऑपरेशनल लॉस मेट्रो संचालन के आते थे. जयपुर मेट्रो का खर्चा करीब 55 से 60 करोड़ जबकि इनकम 20 करोड़ के करीब आती है. हालांकि भूमिगत मेट्रो के कनेक्शन से राइडरशिप जरूर बढ़ी है.

जयपुर मेट्रो की वर्तमान स्थिति

Metro Phase 2 In Jaipur
जयपुर मेट्रो की वर्तमान स्थिति

पढ़ें- Exclusive: जयपुर वासियों को मेट्रो फेज-2 का इंतजार, फेज 1-C पार्ट की भी डीपीआर तैयार

लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर फोकस

जयपुर मेट्रो प्रशासन की ओर से पहले भी लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर ध्यान देते हुए सिटी बस ई-रिक्शा और मैजिक का सहारा लिया गया था, जो कोविड-19 बाद लगभग बंद ही हो गई. हालांकि अब इस पर दोबारा फोकस किया जा रहा है और इस बार लास्ट माइल कनेक्टिविटी सर्विस जयपुर मेट्रो कॉरपोरेशन के स्तर पर चलाने की प्लानिंग की जा रही है. हालांकि जयपुर मेट्रो ज्यादा लंबी दूरी की नहीं है. ऐसे में किस तरह के यात्री मेट्रो में सवार हो रहे हैं, इसकी भी स्टडी की जा रही है.

नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू बना मेट्रो की 'ढाल'

मेट्रो के लिए फेयर बॉक्स रेवेन्यू ही ज्यादा होना चाहिए. चूंकि वही मुख्य बिजनेस ऑपरेशन है. हालांकि घाटों को कम करने के लिए नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू को भी जरिया बनाया गया है. जिसके तहत रिटेल स्पेस, एडवरटाइजमेंट, मेट्रो स्टेशन पार्किंग, स्टेशन ब्रांडिंग के जरिए महीने में तकरीबन 50 लाख रुपए का रेवेन्यू जेनरेट हो जाता है. मेट्रो सीएमडी ने बताया कि अब मेट्रो की संपत्ति (लैंड एरिया) को लोंग टर्म लीज आउट करना चाह रहे हैं. इसके लिए कंसलटेंट भी हायर किए गए थे, जल्द ही बिड डॉक्यूमेंट भी जारी हो जाएगा.

नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू

Metro Phase 2 In Jaipur
नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू

पढ़ें- Special : विकास की भेंट चढ़ गए जयपुर के ऐतिहासिक कुंड..पहले चौराहा बने और अब मेट्रो स्टेशन का हिस्सा

मेट्रो एक्सटेंशन से ही मिलेगा लाभ

माना जा रहा है कि मेट्रो फेस टू (JMRC Metro Phase 2) के धरातल पर उतरने के बाद जयपुर मेट्रो के दिन फिरेंगे. यहां राइडरशिप भी बढ़ेगी और फेयर बॉक्स रेवेन्यू भी जनरेट होगा. सीएमडी अजिताभ शर्मा ने बताया कि जयपुर मेट्रो का जब नेटवर्क एक्सपेंशन होगा तो निश्चित रूप से लोगों को ज्यादा सुविधा मिलेगी. मेट्रो की राइडरशिप बढ़ेगी. टोंक रोड वाले एलाइनमेंट पर काफी एक्सरसाइज हो चुकी हैं. लेकिन फेस वन में भी राइडरशिप डीपीआर के अनुसार नहीं है. जिसका जवाब फेस टू बनता, तब फेस वन की राइडरशिप का सही आकलन होना बताया जाता है.

जयपुर मेट्रो सीएमडी अजिताभ शर्मा से विशेष बातचीत (भाग 3)

अब जब फेस टू की डीपीआर तैयार हुई है तो उसको एक बार फिर रिव्यू किया जा रहा है कि इस रूट पर क्या डीपीआर के अनुसार राइडरशिप आएगी या नहीं. उन्होंने कहा कि फेस टू में फंडिंग का मामला भी अटक रहा है. ऐसे में जेएमआरसी ने फेस 1 के सी पार्ट पर काम करने की प्लानिंग की है. जिसके तहत बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर और मानसरोवर से 200 फीट बाईपास तक मेट्रो को एक्सटेंड करने की प्लानिंग है.

हालांकि बीते दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिलने की बात कहते हुए मेट्रो फेज 2 के सवाल से पल्ला झाड़ दिया था. लेकिन माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के आने से जयपुर को एक बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा मिलेगी. जिसका उपयोग करके जनता की जेब पर पड़ने वाला भार भी कम होगा और सफर भी सुरक्षित रहेगा. लेकिन अभी तक मेट्रो फेस टू की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है और आम जनता का इंतजार बढ़ता जा रहा है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 6:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.