जयपुर. बीजेपी को शहर की सफाई व्यवस्था और विकास से कोई मतलब नहीं है. वो सिर्फ जनता को गुमराह करने में जुटी हुई है. यह कहना है शहर के प्रथम नागरिक मेयर विष्णु लाटा का. बीजेपी की ओर से लाटा की कार्यशैली और विकास कार्य नहीं कराए जाने पर उठाए गए सवाल पर पलटवार करते हुए विष्णु लाटा ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. बीजेपी और अब कांग्रेस के हो चुके मेयर के बीच फिलहाल जुबानी जंग छिड़ी हुई है. जिसका खामियाजा शहर के विकास कार्यों को भुगतना पड़ रहा है.
साल 2019 की शुरुआत में नगर निगम में हुए मेयर उप चुनाव के बाद यहां कई समीकरण बदल गए. बीजेपी से बागी हुए विष्णु लाटा मेयर बन गए और बाद में कांग्रेस में जा मिले. तब से लेकर अब तक विष्णु लाटा लगातार बीजेपी के निशाने पर है. हाल ही में बीजेपी ने विष्णु लाटा की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए व्यक्तिगत एजेंडों पर काम करने और विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाया था.
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जिस पर पलटवार करते हुए मेयर लाटा ने बीजेपी पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पार्षद शहर के किसी भी विकास कार्य में शरीक नहीं हो रहे. ना तो वो समितियों की बैठक में शामिल हुए और ना ही बजट को लेकर हुई बोर्ड बैठक में. यही नहीं हैरिटेज शहर को साफ कराने के लिए विभिन्न वार्डों से 700 कर्मचारियों को गंदी गलियों की सफाई के लिए लगाया गया. जिसे लेकर भी उन्होंने निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती ही नहीं कि जयपुर शहर साफ रहे, उन्हें विकास से कोई मतलब है. वो सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं.
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नगर निगम में इसी साल नवंबर में चुनाव होने हैं. उससे पहले अक्टूबर में ही आचार संहिता लग सकती है. ऐसे में निगम के पार्षदों के पास अपने-अपने क्षेत्र में काम कराने के लिए अब महज 10-15 दिन का समय ही शेष बचा है, लेकिन इस दौरान यहां आगामी चुनाव को देखते हुए आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जिससे शहर के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.