जयपुर. साहित्य का महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल इस बार 5 से 14 मार्च तक हाइब्रिड मोड पर (Jaipur Literature Festival 2022 schedule) होगा. इसमें 5 से 9 मार्च तक वर्चुअल सेशन होंगे. जबकि 10 से 14 मार्च तक वर्चुअल और फिजिकल सेशन होंगे. इस बार फेस्टिवल में 35 भाषाओं के साहित्य पर 500 मेहमान चर्चा करेंगे. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी साहित्यिक चर्चा होगी.
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर संजॉय के राय ने बताया कि आईकॉनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 15वां संस्करण 5 से 14 मार्च को होटल क्लार्क आमेर में आयोजित होगा. इस फेस्टिवल में इस साल 15 भारतीय भाषाएं शामिल होंगी. राजस्थानी विरासत और संस्कृति पर आधारित कई विशेष सत्र भी इस फेस्टिवल का हिस्सा बनेंगे.
उन्होंने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक बार फिर से अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार है. इस साल के कार्यक्रम में साहित्य के विभिन्न पहलुओं के साथ ही यूक्रेन-रूस विवाद, जलवायु परिवर्तन, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, काव्य की कला, काव्य, यात्रा, विज्ञान, इतिहास आदि पर भी फोकस रहेगा. उनका यह भी कहना है कि साहित्य का सबसे बड़ा फेस्टिवल होने के साथ ही यह पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश का अहम कार्यक्रम होगा. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग इस इवेंट का हिस्सा बनने के लिए आते हैं.
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फेस्टिवल में कई ऐसे सत्र होंगे जहां राजस्थान की अनेक भाषाओं और बोलियों पर चर्चा होगी. एक सत्र में कवि और महान साहित्यकार चंद्रप्रकाश देवल राजस्थान की भाषा और साहित्य, कविता और संगीत पर अपने विचार रखेंगे. लेखिका और कवयित्री अनुकृति उपाध्याय उनका साथ देंगी.