ETV Bharat / city

जयपुर: आवासन मंडल ने किया कमर्शियल उपयोग की जमीन के बिड प्राइस में बदलाव

जयपुर आवासन मंडल ने कमर्शियल उपयोग की जमीन के बिड प्राइस में बदलाव किया है. जिसमें डेढ़ गुना से 4 गुना तक आरक्षित दर तय की गई है. माना जा रहा है कि बिड प्राइस में बदलाव से खरीददारों की संख्या में इजाफा होगा.

जयपुर न्यूज, jaipur news
हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों की बिड प्राइस को किया कम
author img

By

Published : Feb 9, 2020, 7:31 PM IST

जयपुर. आवासन मंडल ने अपने कमर्शियल उपयोग की जमीन का न्यूनतम बिड प्राइस कम कर दिया है. मंडल द्वारा कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और उसी के आधार पर अब डेढ़ गुना से 4 गुना तक आरक्षित दर तय की गई है. इसके साथ ही 15 प्रतिशत स्थानीय निकाय को देय राशि सम्मिलित होगी.

हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों की बिड प्राइस को किया कम

हाउसिंग बोर्ड ने वाणिज्यिक संपत्तियों को नीलामी से विक्रय करने की प्रक्रिया में सुधार किया है. बोर्ड ने खरीददारों को आकर्षित करने के लिए न्यूनतम दर को नगर निगम और जेडीए की तर्ज पर कम करते हुए तर्कसंगत बनाया है.

पढ़ें- राजस्थान की कंफ्यूज गहलोत सरकार है, अपने वादों पर नहीं उतर रही खरी: केंद्रीय मंत्री मेघवाल

हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए उनकी अलग-अलग न्यूनतम बिड प्राइस तय की है. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि प्राइस पहले कमर्शियल भूखंड की न्यूनतम बोली दर आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना हुआ करती थी. इसके साथ ही 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि भी जोड़ी जाती थी. ऐसे में ये दर काफी ऊंची हो जाया करती थी.

ये पढ़ेंः जयपुर के सपूत राजीव सिंह शेखावत शहीद, गहलोत और वसुंधरा ने दी श्रद्धांजलि

जबकि जेडीए और नगर निगम में आवासीय दर पर दोगुनी दर को वाणिज्यिक संपत्ति की आरक्षित दर निर्धारित की जाती है. ऐसे में हाउसिंग बोर्ड को काफी नुकसान हो रहा था. खरीददार ऊंची दर देखकर नीलामी में भाग नहीं लेता था. ऐसे में इसे अब तर्कसंगत बनाया गया है.

वाणिज्यिक भूखंड की तीन श्रेणियां -

  • हार्डकोर वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर से ज्यादा) - दुकान, मॉल, मल्टीप्लेक्स, शोरूम के लिये न्यूनतम बिड प्राइस पूर्व के अनुरूप ही आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय शुल्क.
  • वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर तक) - कोचिंग सेंटर, हॉस्पिटल, स्कूल, एकेडमी के लिये न्यूनतम बिड प्राइस में आवासीय भूमि के आरक्षित दर का दोगुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि.
  • सेमी वाणिज्यिक भूखंड - पेट्रोल पंप, गोदाम, गैराज, मैरिज गार्डन जैसे सामाजिक उपयोग के लिए आवासीय भूमि का आरक्षित दर का 1.5 गुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि.

हाउसिंग बोर्ड की ओर से कमर्शियल भूखंड की बिड प्राइस में किए गए बदलाव से अब ज्यादा से ज्यादा खरीददार उनसे जुड़ने की अपेक्षा है. उम्मीद की जा रही है कि जब प्रतिस्पर्धा अच्छी होगी तो नीलामी में दर भी अच्छी होगी.

जयपुर. आवासन मंडल ने अपने कमर्शियल उपयोग की जमीन का न्यूनतम बिड प्राइस कम कर दिया है. मंडल द्वारा कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और उसी के आधार पर अब डेढ़ गुना से 4 गुना तक आरक्षित दर तय की गई है. इसके साथ ही 15 प्रतिशत स्थानीय निकाय को देय राशि सम्मिलित होगी.

हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों की बिड प्राइस को किया कम

हाउसिंग बोर्ड ने वाणिज्यिक संपत्तियों को नीलामी से विक्रय करने की प्रक्रिया में सुधार किया है. बोर्ड ने खरीददारों को आकर्षित करने के लिए न्यूनतम दर को नगर निगम और जेडीए की तर्ज पर कम करते हुए तर्कसंगत बनाया है.

पढ़ें- राजस्थान की कंफ्यूज गहलोत सरकार है, अपने वादों पर नहीं उतर रही खरी: केंद्रीय मंत्री मेघवाल

हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए उनकी अलग-अलग न्यूनतम बिड प्राइस तय की है. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि प्राइस पहले कमर्शियल भूखंड की न्यूनतम बोली दर आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना हुआ करती थी. इसके साथ ही 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि भी जोड़ी जाती थी. ऐसे में ये दर काफी ऊंची हो जाया करती थी.

ये पढ़ेंः जयपुर के सपूत राजीव सिंह शेखावत शहीद, गहलोत और वसुंधरा ने दी श्रद्धांजलि

जबकि जेडीए और नगर निगम में आवासीय दर पर दोगुनी दर को वाणिज्यिक संपत्ति की आरक्षित दर निर्धारित की जाती है. ऐसे में हाउसिंग बोर्ड को काफी नुकसान हो रहा था. खरीददार ऊंची दर देखकर नीलामी में भाग नहीं लेता था. ऐसे में इसे अब तर्कसंगत बनाया गया है.

वाणिज्यिक भूखंड की तीन श्रेणियां -

  • हार्डकोर वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर से ज्यादा) - दुकान, मॉल, मल्टीप्लेक्स, शोरूम के लिये न्यूनतम बिड प्राइस पूर्व के अनुरूप ही आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय शुल्क.
  • वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर तक) - कोचिंग सेंटर, हॉस्पिटल, स्कूल, एकेडमी के लिये न्यूनतम बिड प्राइस में आवासीय भूमि के आरक्षित दर का दोगुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि.
  • सेमी वाणिज्यिक भूखंड - पेट्रोल पंप, गोदाम, गैराज, मैरिज गार्डन जैसे सामाजिक उपयोग के लिए आवासीय भूमि का आरक्षित दर का 1.5 गुना और 15 फीसदी स्थानीय निकाय को देय राशि.

हाउसिंग बोर्ड की ओर से कमर्शियल भूखंड की बिड प्राइस में किए गए बदलाव से अब ज्यादा से ज्यादा खरीददार उनसे जुड़ने की अपेक्षा है. उम्मीद की जा रही है कि जब प्रतिस्पर्धा अच्छी होगी तो नीलामी में दर भी अच्छी होगी.

Intro:जयपुर - आवासन मंडल ने अपने कमर्शियल उपयोग की जमीन का न्यूनतम बिड प्राइस कम कर दिया है। मंडल द्वारा कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। और उसी के आधार पर अब डेढ़ गुना से 4 गुना तक आरक्षित दर तय की गई है। इसके साथ ही 15% स्थानीय निकाय को देय राशि सम्मिलित होगी।


Body:हाउसिंग बोर्ड ने वाणिज्यिक संपत्तियों को नीलामी से विक्रय करने की प्रक्रिया में सुधार किया है। बोर्ड ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए न्यूनतम दर को नगर निगम और जेडीए की तर्ज पर कम करते हुए तर्कसंगत बनाया है। हाउसिंग बोर्ड ने अपने कमर्शियल भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए उनकी अलग-अलग न्यूनतम बिड प्राइस तय की है। इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि प्राइस पहले कमर्शियल भूखंड की न्यूनतम बोली दर आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना हुआ करती थी। इसके साथ ही 15% स्थानीय निकाय को देय राशि भी जोड़ी जाती थी। ऐसे में ये दर काफी ऊंची हो जाया करती थी। जबकि जेडीए और नगर निगम में आवासीय दर पर दोगुनी दर को वाणिज्यिक संपत्ति की आरक्षित दर निर्धारित की जाती है। ऐसे में हाउसिंग बोर्ड को काफी नुकसान हो रहा था। खरीददार ऊंची दर देखकर नीलामी में भाग नहीं लेता था। ऐसे में इसे अब तर्कसंगत बनाया गया है।

वाणिज्यिक भूखंड की तीन श्रेणियां -
हार्डकोर वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर से ज्यादा) - दुकान, मॉल, मल्टीप्लेक्स, शोरूम के लिये न्यूनतम बिड प्राइस पूर्व के अनुरूप ही आवासीय भूमि की आरक्षित दर का 4 गुना और 15% स्थानीय निकाय को देय शुल्क

वाणिज्यिक भूखंड (2000 वर्ग मीटर तक) - कोचिंग सेंटर, हॉस्पिटल, स्कूल, एकेडमी के लिये न्यूनतम बिड प्राइस में आवासीय भूमि के आरक्षित दर का दोगुना और 15% स्थानीय निकाय को देय राशि

सेमी वाणिज्यिक भूखंड - पेट्रोल पंप, गोदाम, गैराज, मैरिज गार्डन जैसे सामाजिक उपयोग के लिए आवासीय भूमि का आरक्षित दर का 1.5 गुना और 15% स्थानीय निकाय को देय राशि


Conclusion:हाउसिंग बोर्ड की ओर से कमर्शियल भूखंड की बिड प्राइस में किए गए बदलाव से अब ज्यादा से ज्यादा खरीददार उनसे जुड़ने की अपेक्षा है। उम्मीद की जा रही है कि जब प्रतिस्पर्धा अच्छी होगी तो नीलामी में दर भी अच्छी होगी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.