जयपुर. सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल में दो मासूम बच्चों को 8 दिन बाद अपनी मां का आंचल नसीब हुआ है (Baby swap In jaipur). इस मामले में अस्पताल की लापरवाही साफ तौर पर सामने आई थी और इस लापरवाही का खामियाजा दो मासूम नवजातों को उठाना पड़ा जिसके कारण नवजात बच्चों को पिछले 8 दिन तक अपनी मां का आंचल नसीब नहीं हो पाया. इन नवजात बच्चों में एक लड़का और एक लड़की शामिल है.
क्या हुआ था?: मामला 1 सितंबर का है जहां रेशमा और निशा की डिलीवरी जयपुर के सांगानेरी गेट महिला अस्पताल (government run Mahila Chikitsalaya Jaipur) में हुई डिलीवरी के बाद रेशमा को बताया गया कि उनके लड़का पैदा हुआ है जबकि निशा को बताया गया कि उनको लड़की पैदा हुई है. इस दौरान निशा और रेशमा को अस्पताल में भर्ती रखा गया. 3 दिन बाद यानी 3 सितंबर को रेशमा और निशा को कहा गया कि उनके बच्चों की जांच करनी है. जिसके बाद जब दोनों ही अपने नवजात बच्चों को लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे तो उन्होंने रेशमा से कहा कि आप को लड़की पैदा हुई थी और गलती से हमने आपको लड़का दे दिया जबकि निशा को कहा गया कि आपके लड़का पैदा हुआ था लेकिन आपको गलती से लड़की दे दी गई.
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और फिर DNA Analysis: इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया, जिसके बाद दोनों ही बच्चों को एन आई सी यू (NICU) में भर्ती किया गया है. रेशमा और निशा के परिजन लगातार दावा कर रहे थे कि बच्चा उनका है और बच्ची को दोनों ही परिवार अपनाना नहीं चाह रहे थे. मामला जब बढ़ने लगा तो पुलिस की मौजूदगी में आखिरकार बच्चों का डीएनए टेस्ट किया गया (DNA analysis reveals truth). जिसके बाद डीएनए रिपोर्ट से साफ हो सका कि बच्ची की असली मां रेशमा जबकि बच्चे की असली मां निशा है. बच्चे और बच्ची तो अपने मां से मिल चुके हैं लेकिन इस पूरे मामले में जो दोषी है उन पर अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.