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जयपुर: विधि छात्र से फीस वसूली मामले में हाईकोर्ट ने राजस्थान विवि और लॉ कॉलेज से मांगा जवाब - rajasthan High court asks Answer from college

जयपुर हाईकोर्ट ने विधि छात्र से फीस वसूली के मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय और विधि महाविद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने फीस जमा नहीं कराने पर याचिकाकर्ता का प्रवेश निरस्त नहीं करने का भी आदेश दिया है.

High court seeks answers from Rajasthan University and Law College
हाईकोर्ट ने राजस्थान विवि और लॉ कॉलेज से मांगा जवाब
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Published : Sep 10, 2020, 8:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पांच इयर लॉ कॉलेज की ओर से सातवें सेमेस्टर की फीस वसूलने पर प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव, राजस्थान विश्वविद्यालय और विधि महाविद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने फीस जमा नहीं कराने पर याचिकाकर्ता का प्रवेश निरस्त नहीं करने का भी आदेश दिया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कुणाल शर्मा की याचिका पर दिया है.

याचिका में अधिवक्ता अश्वनी चौबीसा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने अपने छठे सेमेस्टर की फीस गत फरवरी माह में जमा करा दी थी. वहीं लॉकडाउन की वजह से व्यक्तिगत उपस्थिति न होने पर पढ़ाई बंद हो गई. इसी बीच कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट करते हुए गत 20 अगस्त को पुनः प्रवेश का नोटिस जारी कर दिया. 10 सितंबर तक फीस जमा कराने का भी निर्देश दिया गया.

यह भी पढ़ें: फीस लेने वाले स्कूलों को पाठ्यक्रम पूरा पढ़ाना अनिवार्य होगा : शिक्षा मंत्री

याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन में बंदी की वजह से कॉलेक की कई मदों में बचत हुई है. वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी गत 27 जुलाई को पत्र लिखकर सभी कॉलेजों को छात्रों को रियायत देने के संबंध में योजना बनाने का सुझाव दिया है. ऐसे में याचिकाकर्ता को फीस में छूट दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए फीस जमा नहीं कराने पर याचिकाकर्ता का प्रवेश निरस्त न करने का आदेश दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पांच इयर लॉ कॉलेज की ओर से सातवें सेमेस्टर की फीस वसूलने पर प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव, राजस्थान विश्वविद्यालय और विधि महाविद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने फीस जमा नहीं कराने पर याचिकाकर्ता का प्रवेश निरस्त नहीं करने का भी आदेश दिया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कुणाल शर्मा की याचिका पर दिया है.

याचिका में अधिवक्ता अश्वनी चौबीसा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने अपने छठे सेमेस्टर की फीस गत फरवरी माह में जमा करा दी थी. वहीं लॉकडाउन की वजह से व्यक्तिगत उपस्थिति न होने पर पढ़ाई बंद हो गई. इसी बीच कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट करते हुए गत 20 अगस्त को पुनः प्रवेश का नोटिस जारी कर दिया. 10 सितंबर तक फीस जमा कराने का भी निर्देश दिया गया.

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याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन में बंदी की वजह से कॉलेक की कई मदों में बचत हुई है. वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी गत 27 जुलाई को पत्र लिखकर सभी कॉलेजों को छात्रों को रियायत देने के संबंध में योजना बनाने का सुझाव दिया है. ऐसे में याचिकाकर्ता को फीस में छूट दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए फीस जमा नहीं कराने पर याचिकाकर्ता का प्रवेश निरस्त न करने का आदेश दिया.

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