जयपुर. हेरिटेज निगम में महापौर पति सुशील गुर्जर पर सरकारी ऑफिस के दुरुपयोग और अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है. मुस्लिम परिषद संस्थान ने मुख्यमंत्री (CM Gehlot) और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिख इस सम्बंध में शिकायत की है. पत्र में महापौर कक्ष के लगते हुए चैंबर में बैठकर ठेकेदारों और लाईजनर से मिलने का आरोप लगाया है.
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) के पति राजाराम गुर्जर को बीवीजी कंपनी (BVG bribe case)के साथ डील में 20 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. राजाराम अभी भी न्यायिक अभिरक्षा में है. इस प्रकरण से ये भी स्पष्ट है कि राजाराम गुर्जर नगर निगम के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करता था.
किसी भी जनप्रतिनिधि के अधिकार और शक्तियां किसी दूसरे को ट्रांसफर नहीं की जा सकती है लेकिन आरोप है कि हेरिटेज निगम कार्यालय में महापौर मुनेश गुर्जर (Jaipur Heritage Mayor Munesh Gurjar) के कक्ष से लगते हुए चैंबर में महापौर पति सुशील गुर्जर (Jaipur Heritage Mayor husband Sushil Gurjar) आगंतुकों से मुलाकात करते हैं. महापौर पति से मिलने वालों से उस कक्ष के बाहर तैनात एक होमगार्ड बाकायदा एक पर्ची भरवाकर महापौर पति तक पहुंचाता है. उन्हें बारी-बारी नंबर आने पर अंदर भेजकर मिलवाता है.
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मुस्लिम परिषद संस्थान के अध्यक्ष यूनुस चौपदार ने कहा कि महापौर पति निगम ऑफिस में ठेकेदार से मिलते हैं. वहीं वार्डों में लगे नामसूचक बोर्ड्स पर भी महिला पार्षदों के नाम के साथ उनके पति और पुत्र के नाम लिखे दिखाई पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर आदेश जारी किए जा चुके हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की ओर से सरकार के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है.
हाल ही में वार्ड नं 4 के पार्षद पति को भ्रष्टाचार के प्रकरण में ACB की ओर से गिरफ्तार किया जाना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. उन्होंने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि एक ओर सरकारें महिला सशक्तिकरण का दावा करती है. वहीं सरकारी दफ्तरों में ही महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
यूनुस चौपदार ने इसे लेकर सीएम अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को शिकायत पत्र लिखते हुए कहा कि महापौर पति सुशील गुर्जर का महापौर के प्रभाव से राजकीय संपत्ति और संसाधनों का दुरुपयोग करना नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इससे पहले भी सुशील गुर्जर महापौर के साथ निगम से जुड़े अधिकतर कार्यक्रम में देखने को मिलते रहे हैं.