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ग्रेटर निगम उप महापौर की पहल, गौमाता के सम्मान में सभी निकायों को आवारा शब्द हटाने के लिए लिखे पत्र

ग्रेटर नगर निगम के बाद अब उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने पहल करते हुए प्रदेश के अन्य सभी निकायों के प्रमुखों और आयुक्तों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उनके क्षेत्र में भी गाय के लिए आवारा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाए.

Puneet Karnavat statement about cow, Puneet Karnavat
गौमाता के सम्मान में सभी निकायों को आवारा शब्द हटाने के लिए लिखे पत्र
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Published : Jan 4, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 12:49 AM IST

जयपुर. हाल ही में जयपुर ग्रेटर नगर निगम द्वारा गाय के लिए आवारा शब्द की बजाय बेसहारा और आश्रयहीन शब्द इस्तेमाल करने के आदेश जारी किए गए. उप महापौर पुनीत कर्णावट की पहल पर ये फैसला लिया गया. अब इसी कड़ी में उप महापौर ने प्रदेश के अन्य निकायों के प्रमुखों और आयुक्तों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उनके क्षेत्र में भी गाय के लिए आवारा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाए.

गौमाता के सम्मान में सभी निकायों को आवारा शब्द हटाने के लिए लिखे पत्र

कर्णावट ने बताया कि भारतीय संस्कृति में गाय का सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है. गाय को माता कहकर संबोधित किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ सड़क गली आदि में घूमने वाली गायों के लिए आवारा शब्द इस्तेमाल किया जाता है, जो गाय के सम्मान को ठेस पहुंचाता है. उन्होंने सभी से अपील की है कि गौ माता के सम्मान के लिए बेसहारा या आश्रयहीन शब्द का इस्तेमाल करवाया जाए. मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी निकायों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया.

पढ़ें- जयपुर: नगर पालिका में प्लास्टिक कैरी बैग्स का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

आपको बता दें कि शहर में पशु प्रबंधन एक चुनौती बनी हुई है. शहर में विचरण करने वाले पशुओं से यातायात आम आदमी सभी प्रभावित होते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक नहीं है. ऐसे में इस समस्या पर भी डिटेल वर्किंग की जा रही है और हिंगोनिया गौशाला के अलावा दूसरी गौशालाओं से भी आग्रह किया जा रहा है कि वो बेसहारा गायों को लेकर उनका लालन-पालन करें.

जयपुर. हाल ही में जयपुर ग्रेटर नगर निगम द्वारा गाय के लिए आवारा शब्द की बजाय बेसहारा और आश्रयहीन शब्द इस्तेमाल करने के आदेश जारी किए गए. उप महापौर पुनीत कर्णावट की पहल पर ये फैसला लिया गया. अब इसी कड़ी में उप महापौर ने प्रदेश के अन्य निकायों के प्रमुखों और आयुक्तों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उनके क्षेत्र में भी गाय के लिए आवारा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाए.

गौमाता के सम्मान में सभी निकायों को आवारा शब्द हटाने के लिए लिखे पत्र

कर्णावट ने बताया कि भारतीय संस्कृति में गाय का सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है. गाय को माता कहकर संबोधित किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ सड़क गली आदि में घूमने वाली गायों के लिए आवारा शब्द इस्तेमाल किया जाता है, जो गाय के सम्मान को ठेस पहुंचाता है. उन्होंने सभी से अपील की है कि गौ माता के सम्मान के लिए बेसहारा या आश्रयहीन शब्द का इस्तेमाल करवाया जाए. मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी निकायों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया.

पढ़ें- जयपुर: नगर पालिका में प्लास्टिक कैरी बैग्स का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

आपको बता दें कि शहर में पशु प्रबंधन एक चुनौती बनी हुई है. शहर में विचरण करने वाले पशुओं से यातायात आम आदमी सभी प्रभावित होते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक नहीं है. ऐसे में इस समस्या पर भी डिटेल वर्किंग की जा रही है और हिंगोनिया गौशाला के अलावा दूसरी गौशालाओं से भी आग्रह किया जा रहा है कि वो बेसहारा गायों को लेकर उनका लालन-पालन करें.

Last Updated : Jan 5, 2021, 12:49 AM IST
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