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विकास निगल रहा पक्षियों की जिंदगियां, घरौंदा अभियान बना जीवन रक्षक - जयपुर खबर

शहरों के विकास के चलते लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं. जिसके चलते न सिर्फ हमारे पर्यावरण नुकसान हुआ है, बल्कि पक्षियों के बसेरों पर भी संकट छाने लगा है. ऐसे में पक्षियों की इस पीड़ा को समझते हुए जयपुर के कुछ पक्षि प्रेमियों ने घरौंदा अभियान नाम की एक अनोखी पहल की है. आइए जानते हैं इस अनोखे अभियान के बारे में.

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जयपुर में चल रहा घरौंदा अभियान
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Published : Dec 26, 2019, 9:01 PM IST

जयपुर. पक्षी और मानव जीवन का अस्तित्व वर्षों पुराना रहा है. लेकिन विकास की दौड़ में हम इतना आगे निकल गए कि पर्यावरण और उसमें रहने वाले हमारे साथी पक्षियों को कहीं पीछे छोड़ आए. इतनी पीछे कि उनके लिए उनका अस्तित्व बचाना भी मुश्किल हो गया.

घरौंदा अभियान बना जीवन रक्षक

लेकिन इस बीच जयपुर के कुछ पक्षि प्रमियों ने इस बात को समझा और शहर के विकास के साथ सामंजस्य बनाते हुए पक्षियों के लिए एक अनोखी पहल की है. इन लोगों ने पक्षियों की मुश्किल को समझते हुए एक अनूठा अभियान शुरू किया है. जिससे ना केवल पक्षियों का अस्तित्व बचेगा, बल्कि मानव और पक्षी प्रेम जीवंत होगा. आइए आपको बताते हैं जयपुर में चल रहे पक्षी प्रेमियों के घरौंदा अभियान के बारे में. जिसमें इन पक्षियों के लिए ये लोग उंचे- उंचे घरों की बाहिरी दिवारों पर घरौंदे बना रहे हैं.

घरौंदे अभियान के संस्थापक सूरज सोनी ने बताया कि आधुनिकता के दौर में विकास के लिए शहर के बड़े बड़े पेड़ों को काट दिया गया. जिसमें उन बेजुबान पक्षियों पर संकट खड़ा हो गया जो अधिक ऊंचाई पर अपना घोंसला बनाकर अंडे देते थे. पक्षियों की इसी पीड़ा को समझते हुए हमने यह घरौंदा अभियान शुरू किया है.

पढ़ें: 26 दिसंबर : सुनामी और भूकंप की तबाही से दुनिया में मचा था मौत का तांडव

इस अभियान के तहत वाटर प्रूफ प्लाई के घोसले बनाए जाते हैं. जिसमें पक्षी तिनको से घोंसला बना सकें. इसमें आंधी, तूफान और बरसात में भी उनकी रक्षा हो पाती है. ये प्लाई के घोसले जमीन से 15 से 25 फीट की हाइट पर बनाए जाते हैं. जिससे पक्षियों की प्रजाति सुरक्षित रहती है. अब तक जयपुर में इस अभियान के तहत एक हजार से ज्यादा मकानों पर यह घरौंदे बनाए जा चुके हैं. खास बात यह है कि कलरफुल प्लाई से बने यह पक्षी घर देखने में भी खूबसूरत लगते हैं. ऐसे में पक्षियों के लिए चलाया जा रहा यह घरौंदा अभियान उनके जीवन का रक्षक बन रहा है.

जयपुर. पक्षी और मानव जीवन का अस्तित्व वर्षों पुराना रहा है. लेकिन विकास की दौड़ में हम इतना आगे निकल गए कि पर्यावरण और उसमें रहने वाले हमारे साथी पक्षियों को कहीं पीछे छोड़ आए. इतनी पीछे कि उनके लिए उनका अस्तित्व बचाना भी मुश्किल हो गया.

घरौंदा अभियान बना जीवन रक्षक

लेकिन इस बीच जयपुर के कुछ पक्षि प्रमियों ने इस बात को समझा और शहर के विकास के साथ सामंजस्य बनाते हुए पक्षियों के लिए एक अनोखी पहल की है. इन लोगों ने पक्षियों की मुश्किल को समझते हुए एक अनूठा अभियान शुरू किया है. जिससे ना केवल पक्षियों का अस्तित्व बचेगा, बल्कि मानव और पक्षी प्रेम जीवंत होगा. आइए आपको बताते हैं जयपुर में चल रहे पक्षी प्रेमियों के घरौंदा अभियान के बारे में. जिसमें इन पक्षियों के लिए ये लोग उंचे- उंचे घरों की बाहिरी दिवारों पर घरौंदे बना रहे हैं.

घरौंदे अभियान के संस्थापक सूरज सोनी ने बताया कि आधुनिकता के दौर में विकास के लिए शहर के बड़े बड़े पेड़ों को काट दिया गया. जिसमें उन बेजुबान पक्षियों पर संकट खड़ा हो गया जो अधिक ऊंचाई पर अपना घोंसला बनाकर अंडे देते थे. पक्षियों की इसी पीड़ा को समझते हुए हमने यह घरौंदा अभियान शुरू किया है.

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इस अभियान के तहत वाटर प्रूफ प्लाई के घोसले बनाए जाते हैं. जिसमें पक्षी तिनको से घोंसला बना सकें. इसमें आंधी, तूफान और बरसात में भी उनकी रक्षा हो पाती है. ये प्लाई के घोसले जमीन से 15 से 25 फीट की हाइट पर बनाए जाते हैं. जिससे पक्षियों की प्रजाति सुरक्षित रहती है. अब तक जयपुर में इस अभियान के तहत एक हजार से ज्यादा मकानों पर यह घरौंदे बनाए जा चुके हैं. खास बात यह है कि कलरफुल प्लाई से बने यह पक्षी घर देखने में भी खूबसूरत लगते हैं. ऐसे में पक्षियों के लिए चलाया जा रहा यह घरौंदा अभियान उनके जीवन का रक्षक बन रहा है.

Intro:जयपुर
एंकर- पक्षी और मानव जीवन का अस्तित्व वर्षों पुराना रहा है। लेकिन बढ़ती आधुनिकता और विकास में पक्षियों के आगे अपना अस्तित्व बचना मुश्किल हो रहा है। पक्षियों की मुश्किल को समझते हुए जयपुर के पक्षी प्रेमियों ने एक अनूठा अभियान शुरू किया है। जिसमें ना केवल पक्षियों का अस्तित्व बच रहा है, बल्कि मानव और पक्षी प्रेम जीवंत हो रहा है। आइए आपको बताते हैं पक्षी प्रेमियों का घरौंदा अभियान।


Body:विकास की दौड़ धूप में हम इस कदर आगे निकले कि पर्यावरण को ही संकट में ला दिया। शहर के विकास के लिए बड़े-बड़े पेड़ों को काटा गया। इसका परिणाम यह हुआ कि हमारी जलवायु तो खराब हुई। लेकिन बेजुबान पक्षियों का जीवन भी संकट में आ गया। एक दौर में जब ऊंचे ऊंचे पेड़ों पर घरौंदा बनाकर रहने वाले पक्षी अब बड़े पेड़ों को देखने को तरसने लगे हैं। शहर में अब बड़े पेड़ों की संख्या नए के बराबर है ऐसे बेजुबान पक्षियों की इस पीड़ा को समझा जयपुर के कुछ पक्षी प्रेमियों ने जिन्होंने इन पक्षियों के लिए घरौंदा अभियान शुरू किया है। जिसमें इन पक्षियों के लिए ऊंचाई पर घर तो बना ही रहे हैं लेकिन जिस घर की दीवार पर ये घरौंदे लगाए जाते हैं उनकी खूबसूरती भी देखते ही बनती है। घरौंदे अभियान के संस्थापक सूरज सोनी बताते हैं कि आधुनिकता विकास के लिए शहर के बड़े बड़े पेड़ों को काट दिया। जिसमें उन बेजुबान पक्षियों पर संकट खड़ा हो गया जो अधिक ऊंचाई पर अपना घोंसला बनाकर अंडे देते थे। जिससे उनके बच्चे सुरक्षित रहते थे। अब शहरों में चूंकि बड़े पेड़ नहीं रहे जिससे पक्षियों के बच्चे सुरक्षित नहीं है। पक्षियों की इसी पीड़ा को समझते हुए घरौंदा अभियान शुरू किया है।

बाईट- सूरज सोनी, पक्षी प्रेमी

पक्षी प्रेमी सूरज सोनी बताते हैं कि पिछले एक साल से मुहिम चलाकर वाटर प्रूफ प्लाई के घोसले बना रहे हैं। जिसमें पक्षी तिनको से घोंसला बना सके। इससे आंधी तूफान बरसात में उनकी रक्षा हो पाती है। ये प्लाई के घोसले जमीन से 15 से 25 फीट की हाइट पर उन्हें ड्रिल कर देते हैं। जिससे उनकी प्रजाति सुरक्षित रखते हैं। इस अध्ययन को घरौंदा अभियान के रूप में चला रहे हैं। अब तक जयपुर में इस अभियान के तहत एक हजार से ज्यादा मकानों पर यह घर लगा चुके हैं। खास बात यह है कि कलरफुल फ्लाई से बने यह पक्षी घर देखने में भी खूबसूरत लगते हैं। ऐसे में पक्षियों का घरोंदा अभियान उनका जीवन रक्षक बन रहा है।







Conclusion:बहराल जयपुर के कुछ पक्षी प्रेमियों ने इन पक्षियों की पीड़ा को समझा और घरौंदे अभियान के जरिए इन बेजुबान पक्षियों के लिए ऊंचाई पर घर उपलब्ध भी करा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं। उससे आज तो इन बेजुबान पक्षियों के लिए जीवन का संकट खड़ा हुआ है। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब खत्म होते इस पर्यावरण से मानव जीवन भी खतरे में आ जाएगा।

बाईट- सूरज सोनी, पक्षी प्रेमी


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