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SPECIAL : वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध, हेरिटेज निगम वसूली में 9 करोड़ तक पिछड़ा

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Published : Apr 20, 2021, 6:07 PM IST

राजधानी के दोनों निगम के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 राजस्व वसूली की दृष्टि से कुछ खास नहीं रहा. हेरिटेज नगर निगम तो पूरी तरह नाकाम हुआ. पूरे साल में हेरिटेज नगर निगम को महज 21.77 करोड़ रुपए की आय हुई. ग्रेटर नगर निगम को हालांकि प्राइवेट फर्म से टैक्स कलेक्शन कराने और विवाह स्थलों से वसूली का लाभ मिला. अब दोनों निगम वित्तीय 2021-22 में नई मदों में राजस्व वसूली करेंगे.

Jaipur Heritage Municipal Corporation Revenue news
कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

जयपुर. प्रदेश में फैले कोरोना का असर नगर निगम की वित्तीय स्थिति भी पड़ा. हेरिटेज नगर निगम की मेयर ने पदभार संभालने के दौरान निगम की कंगाली को दूर करने के जो दावे किए थे, वो भी फेल साबित हुए. तमाम कवायद के बावजूद निगम पिछले राजस्व के आंकड़े को अर्जित करने में पिछड़ गया. यही वजह है कि अब ठेकेदारों के कर्जे को चुकाने और विकास कार्य पर खर्च करने के लिए हुडको से कर्जा लिया जा रहा है.

कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

हेरिटेज नगर निगम राजस्व

Jaipur Heritage Municipal Corporation Revenue news
कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

इन आंकड़ों के बावजूद हेरिटेज निगम के अधिकारी कुछ मदों में बेहतर प्रदर्शन करने से संतुष्ट दिख रहे हैं. उनका मानना है कि कोरोना का बीते वित्तीय वर्ष में राजस्व पर असर पड़ा है. जिसकी भरपाई इस वित्तीय वर्ष में की जाएगी. जिस प्राइवेट फर्म से राजस्व वसूली कराई जा रही थी उसे भी निगम के अधिकारी डिफेंड करते हुए दिखे.

पढ़ें- जयपुर: व्यापारियों ने जन अनुशासन पखवाड़ा में बाजार खोलने की मांग की, कहा- प्रतिदिन हो रहा है 100 करोड़ का नुकसान

इसे कोरोना का साइड इफेक्ट ही कहेंगे कि बीते साल शहरी सरकार को राजस्व का टोटा पड़ा. नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत यूडी टैक्स और होर्डिंग से होने वाली वसूली में भी इस साल हेरिटेज निगम पिछड़ गया. हालांकि ग्रेटर नगर निगम ने करीब 17 करोड़ ज्यादा राजस्व वसूल किया. होर्डिंग में भले ही ग्रेटर निगम पिछड़ा हो लेकिन यूडी टैक्स और विवाह स्थलों से वसूली कर निगम ने अपनी तिजोरी भरी.

ग्रेटर नगर निगम राजस्व

Jaipur Heritage Municipal Corporation Revenue news
कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

आर्थिक तंगी से जूझ रहे जयपुर नगर निगम प्रशासन ने अपने रेवेन्यू सोर्स बढ़ाए हैं. जल्द पीजी हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, निजी अस्पताल, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले और ट्रेड लाइसेंस के 5 नियमों के तहत वसूली की जाएगी. इस संबंध में राज्य सरकार का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है.

जयपुर. प्रदेश में फैले कोरोना का असर नगर निगम की वित्तीय स्थिति भी पड़ा. हेरिटेज नगर निगम की मेयर ने पदभार संभालने के दौरान निगम की कंगाली को दूर करने के जो दावे किए थे, वो भी फेल साबित हुए. तमाम कवायद के बावजूद निगम पिछले राजस्व के आंकड़े को अर्जित करने में पिछड़ गया. यही वजह है कि अब ठेकेदारों के कर्जे को चुकाने और विकास कार्य पर खर्च करने के लिए हुडको से कर्जा लिया जा रहा है.

कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

हेरिटेज नगर निगम राजस्व

Jaipur Heritage Municipal Corporation Revenue news
कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

इन आंकड़ों के बावजूद हेरिटेज निगम के अधिकारी कुछ मदों में बेहतर प्रदर्शन करने से संतुष्ट दिख रहे हैं. उनका मानना है कि कोरोना का बीते वित्तीय वर्ष में राजस्व पर असर पड़ा है. जिसकी भरपाई इस वित्तीय वर्ष में की जाएगी. जिस प्राइवेट फर्म से राजस्व वसूली कराई जा रही थी उसे भी निगम के अधिकारी डिफेंड करते हुए दिखे.

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इसे कोरोना का साइड इफेक्ट ही कहेंगे कि बीते साल शहरी सरकार को राजस्व का टोटा पड़ा. नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत यूडी टैक्स और होर्डिंग से होने वाली वसूली में भी इस साल हेरिटेज निगम पिछड़ गया. हालांकि ग्रेटर नगर निगम ने करीब 17 करोड़ ज्यादा राजस्व वसूल किया. होर्डिंग में भले ही ग्रेटर निगम पिछड़ा हो लेकिन यूडी टैक्स और विवाह स्थलों से वसूली कर निगम ने अपनी तिजोरी भरी.

ग्रेटर नगर निगम राजस्व

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कोरोना ने निगम राजस्व में लगाई सेंध

आर्थिक तंगी से जूझ रहे जयपुर नगर निगम प्रशासन ने अपने रेवेन्यू सोर्स बढ़ाए हैं. जल्द पीजी हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, निजी अस्पताल, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले और ट्रेड लाइसेंस के 5 नियमों के तहत वसूली की जाएगी. इस संबंध में राज्य सरकार का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है.

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