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सीरियल रेपिस्ट 'जीवाणु' की डायरी का हर पन्ना उगल रहा राज - diary

मासूमों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाला दरिंदा सिकंदर उर्फ जीवाणु जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है. जिसे पुलिस कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी.

जयपुर: जीवाणु की डायरी का हर पन्ना उगल रहा राज
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Published : Jul 10, 2019, 4:09 PM IST

जयपुर. मासूमों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाला दरिंदा सिकंदर उर्फ जीवाणु जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है. जिसे पुलिस कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. वहीं जीवाणु से बरामद हुई डायरी अनेक राज उगल रही है. पुलिस के अधिकारी भी जीवाणु की डायरी में दफन राजों को जानकर हैरान हो रहे हैं.

जीवाणु किस तरह से खूंखार अपराधियों के संपर्क में आया और किन-किन वारदातों में शामिल रहा, इन तमाम चीजों की जानकारी जीवाणु की डायरी के जरिए अनुसंधान में सामने आ रही है. जीवाणु को गिरफ्तार करने के बाद उससे बरामद की गई डायरी की जांच की जा रही है. डायरी में 20 खूंखार बदमाश, 6 औरत, 3 वकील और आधा दर्जन सेक्स वर्कर्स के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं.

जयपुर: जीवाणु की डायरी का हर पन्ना उगल रहा राज

डायरी में जिन खूंखार अपराधियों के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं उनमें से अधिकतर बदमाशों से जीवाणु की मुलाकात जेल के अंदर हुई है. साथ ही जिन औरतों के नंबर पाए गए हैं वह उन बदमाशों की पत्नियों के नंबर हैं जो जेल में बंद है. इसके साथ ही डायरी में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों और लूट व हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों के नंबर भी पाए गए हैं. जीवाणु जयपुर के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी करता था. जीवाणु से बरामद की गई डायरी में इस बात का भी खुलासा हुआ है की जीवाणु राजधानी के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी किया करता था.

झालावाड़ से एक तस्कर जिसका नाम सिकंदर बताया जा रहा है वह मादक पदार्थ लाकर जीवाणु को सप्लाई किया करता. जिसे छोटे-छोटे पैकेट में बांटकर जीवाणु परकोटे के अंदर अनेक स्थानों पर लोगों को बेचता और पैसे कमाता. जीवाणु अधिकतर स्मैक का कारोबार किया करता और खुद भी बड़ी मात्रा में स्मैक का सेवन किया करता. हालांकि जीवाणु के कमाई का मुख्य जरिया लूट और चोरी था. जीवाणुओं को जब जयपुर सेंट्रल जेल से सांगानेर खुली जेल और फिर भरतपुर जेल में शिफ्ट किया गया तो वहां पर भी वह कई खूंखार बदमाशों के संपर्क में आया. जेल से बाहर आने के बाद जेल के अंदर संपर्क में आए बदमाशों के साथ मिलकर भी अनेक वारदातों को अंजाम दिया.

हर इलाके में अलग नाम से पहचाना जाता जीवाणु
पुलिस की गिरफ्त से दूर रहने के लिए जीवाणु लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहता और हर इलाके में अलग-अलग नाम से पहचान बदलकर छुपता रहा. जीवाणु को मुरलीपुरा इलाके में काले खान, भट्टा बस्ती में सिकंदर, नाई की थड़ी में जाहिद और पुलिस विभाग में जीवाणु के नाम से जाना जाता था. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच लगातार जारी है. देखने की बात होगी की डायरी में और कितने राज दफन है जिन का खुलासा जयपुर पुलिस कर पाती है.

जयपुर. मासूमों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाला दरिंदा सिकंदर उर्फ जीवाणु जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है. जिसे पुलिस कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. वहीं जीवाणु से बरामद हुई डायरी अनेक राज उगल रही है. पुलिस के अधिकारी भी जीवाणु की डायरी में दफन राजों को जानकर हैरान हो रहे हैं.

जीवाणु किस तरह से खूंखार अपराधियों के संपर्क में आया और किन-किन वारदातों में शामिल रहा, इन तमाम चीजों की जानकारी जीवाणु की डायरी के जरिए अनुसंधान में सामने आ रही है. जीवाणु को गिरफ्तार करने के बाद उससे बरामद की गई डायरी की जांच की जा रही है. डायरी में 20 खूंखार बदमाश, 6 औरत, 3 वकील और आधा दर्जन सेक्स वर्कर्स के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं.

जयपुर: जीवाणु की डायरी का हर पन्ना उगल रहा राज

डायरी में जिन खूंखार अपराधियों के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं उनमें से अधिकतर बदमाशों से जीवाणु की मुलाकात जेल के अंदर हुई है. साथ ही जिन औरतों के नंबर पाए गए हैं वह उन बदमाशों की पत्नियों के नंबर हैं जो जेल में बंद है. इसके साथ ही डायरी में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों और लूट व हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों के नंबर भी पाए गए हैं. जीवाणु जयपुर के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी करता था. जीवाणु से बरामद की गई डायरी में इस बात का भी खुलासा हुआ है की जीवाणु राजधानी के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी किया करता था.

झालावाड़ से एक तस्कर जिसका नाम सिकंदर बताया जा रहा है वह मादक पदार्थ लाकर जीवाणु को सप्लाई किया करता. जिसे छोटे-छोटे पैकेट में बांटकर जीवाणु परकोटे के अंदर अनेक स्थानों पर लोगों को बेचता और पैसे कमाता. जीवाणु अधिकतर स्मैक का कारोबार किया करता और खुद भी बड़ी मात्रा में स्मैक का सेवन किया करता. हालांकि जीवाणु के कमाई का मुख्य जरिया लूट और चोरी था. जीवाणुओं को जब जयपुर सेंट्रल जेल से सांगानेर खुली जेल और फिर भरतपुर जेल में शिफ्ट किया गया तो वहां पर भी वह कई खूंखार बदमाशों के संपर्क में आया. जेल से बाहर आने के बाद जेल के अंदर संपर्क में आए बदमाशों के साथ मिलकर भी अनेक वारदातों को अंजाम दिया.

हर इलाके में अलग नाम से पहचाना जाता जीवाणु
पुलिस की गिरफ्त से दूर रहने के लिए जीवाणु लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहता और हर इलाके में अलग-अलग नाम से पहचान बदलकर छुपता रहा. जीवाणु को मुरलीपुरा इलाके में काले खान, भट्टा बस्ती में सिकंदर, नाई की थड़ी में जाहिद और पुलिस विभाग में जीवाणु के नाम से जाना जाता था. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच लगातार जारी है. देखने की बात होगी की डायरी में और कितने राज दफन है जिन का खुलासा जयपुर पुलिस कर पाती है.

Intro:जयपुर
एंकर- मासूमों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाला दरिंदा सिकंदर उर्फ जीवाणु जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। जिसे पुलिस कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। वहीं जीवाणु से बरामद हुई डायरी अनेक राज उगल रही है। पुलिस के अधिकारी भी जीवाणु की डायरी में दफन राजों को जानकर हैरान हो रहे हैं। जीवाणु किस तरह से खूंखार अपराधियों के संपर्क में आया और किन-किन वारदातों में शामिल रहा, इन तमाम चीजों की जानकारी जीवाणु की डायरी के जरिए अनुसंधान में सामने आ रही है।


Body:वीओ- जीवाणु को गिरफ्तार करने के बाद उससे बरामद की गई डायरी की जांच की जा रही है। डायरी में 20 खूंखार बदमाश, 6 औरत, 3 वकील और आधा दर्जन सेक्स वर्कर्स के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं। डायरी में जिन खूंखार अपराधियों के नंबर लिखे हुए पाए गए हैं उनमें से अधिकतर बदमाशों से जीवाणु की मुलाकात जेल के अंदर हुई है। साथ ही जिन औरतों के नंबर पाए गए हैं वह उन बदमाशों की पत्नियों के नंबर हैं जो जेल में बंद है। इसके साथ ही डायरी में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों और लूट व हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों के नंबर भी पाए गए हैं।

जयपुर के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी करता था जीवाणु

जीवाणु से बरामद की गई डायरी में इस बात का भी खुलासा हुआ है की जीवाणु राजधानी के परकोटे में मादक पदार्थों की तस्करी भी किया करता था। झालावाड़ से एक तस्कर जिसका नाम सिकंदर बताया जा रहा है वह मादक पदार्थ लाकर जीवाणु को सप्लाई किया करता। जिसे छोटे-छोटे पैकेट में बांटकर जीवाणु परकोटे के अंदर अनेक स्थानों पर लोगों को बेचता और पैसे कमाता। जीवाणु अधिकतर स्मैक का कारोबार किया करता और खुद भी बड़ी मात्रा में स्मैक का सेवन किया करता। हालांकि जीवाणु के कमाई का मुख्य जरिया लूट और चोरी था। जीवाणुओं को जब जयपुर सेंट्रल जेल से सांगानेर खुली जेल और फिर भरतपुर जेल में शिफ्ट किया गया तो वहां पर भी वह कई खूंखार बदमाशों के संपर्क में आया। जेल से बाहर आने के बाद जेल के अंदर संपर्क में आए बदमाशों के साथ मिलकर भी अनेक वारदातों को अंजाम दिया।

हर इलाके में अलग नाम से पहचाना जाता जीवाणु

पुलिस की गिरफ्त से दूर रहने के लिए जीवाणु लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहता और हर इलाके में अलग-अलग नाम से पहचान बदलकर छुपता। जीवाणु को मुरलीपुरा इलाके में काले खान, भट्टा बस्ती में सिकंदर, नाई की थड़ी में जाहिद और पुलिस विभाग में जीवाणु के नाम से जाना जाता।


Conclusion:फिलहाल इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच लगातार जारी है। देखने की बात होगी की डायरी में और कितने राज दफन है जिन का खुलासा जयपुर पुलिस कर पाती है।
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