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जयपुर : विधानसभा नगर के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश - संयुक्त गृह निर्माण सहकारी समिति

राजधानी जयपुर में सहकारी सोसायटी ने विधानसभा नगर में अधिकारियों से मिलीभगत कर कर प्लॉट की संख्या बढ़ा दी और पार्कों के लिए सरंक्षित जमीनें ही गायब कर दी. इस कोलेकर जयपुर की अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-4 ने सुनवाई की.

jaipur district court order, अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-4
jaipur district court order of the status quo
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Published : Dec 23, 2019, 11:15 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-4 ने मानसरोवर के पास स्थित विधानसभा नगर के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश चंदनलाल मीणा व अन्य की ओर से दायर दावे के साथ पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

दावाकर्ता के वकील

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प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता रामजीलाल ने अदालत को बताया कि संयुक्त गृह निर्माण सहकारी समिति ने 190 बीघा जमीन पर विधानसभा नगर आवासीय योजना सृजित की थी. जिसमें सोसायटी के 953 सदस्यों को प्लॉट दिए गए. वहीं वादी लंबे समय से वहां मकान निर्माण कर रह रहे हैं. सोसायटी संचालकों ने जेडीए और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से मिलभगत कर बिना प्लॉटधारियों की सहमति लिए योजना को रिवाइज करने के नाम पर गड़बड़ी शुरू कर दी.

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इसके चलते प्रभावशाली लोगों को योजना मे प्लॉट देने के लिए भूखंडों की संख्या बढ़ाकर 1359 कर दी. वहीं आम रास्ता, पार्क और सुविधा क्षेत्र सहित निर्मित मकानों और दुकानों की सीमाएं ही बदल दी. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने योजना के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-4 ने मानसरोवर के पास स्थित विधानसभा नगर के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश चंदनलाल मीणा व अन्य की ओर से दायर दावे के साथ पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

दावाकर्ता के वकील

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प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता रामजीलाल ने अदालत को बताया कि संयुक्त गृह निर्माण सहकारी समिति ने 190 बीघा जमीन पर विधानसभा नगर आवासीय योजना सृजित की थी. जिसमें सोसायटी के 953 सदस्यों को प्लॉट दिए गए. वहीं वादी लंबे समय से वहां मकान निर्माण कर रह रहे हैं. सोसायटी संचालकों ने जेडीए और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से मिलभगत कर बिना प्लॉटधारियों की सहमति लिए योजना को रिवाइज करने के नाम पर गड़बड़ी शुरू कर दी.

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इसके चलते प्रभावशाली लोगों को योजना मे प्लॉट देने के लिए भूखंडों की संख्या बढ़ाकर 1359 कर दी. वहीं आम रास्ता, पार्क और सुविधा क्षेत्र सहित निर्मित मकानों और दुकानों की सीमाएं ही बदल दी. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने योजना के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

Intro:बाईट- अधिवक्ता रामजीलाल, दावाकर्ता के वकील


जयपुर। अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-4 ने मानसरोवर के पास स्थित विधानसभा नगर के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह आदेश चंदनलाल मीणा व अन्य की ओर से दायर दावे के साथ पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता रामजीलाल ने अदालत को बताया कि संयुक्त गृह निर्माण सहकारी समिति ने 190 बीघा जमीन पर विधानसभा नगर आवासीय योजना सृजित की थी। जिसमें सोसायटी के 953 सदस्यों को प्लॉट दिए गए। वहीं वादी लंबे समय से वहां मकान निर्माण कर रह रहे हैं। सोसायटी संचालकों ने जेडीए और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से मिलभगत कर बिना प्लॉटधारियों की सहमति लिए योजना को रिवाइज करने के नाम पर गडबडी शुरू कर दी। इसके चलते प्रभावशाली लोगों को योजना मे प्लॉट देने के लिए भूखंडों की संख्या बढ़ाकर 1359 कर दी। वहीं आम रास्ता, पार्क और सुविधा क्षेत्र सहित निर्मित मकानों और दुकानों की सीमाएं ही बदल दी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने योजना के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं।Conclusion:
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