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Unlock 1.0 में जयपुर जिला प्रशासन रहा मुस्तैद, प्रतिदिन किए गए 1 हजार सैंपलिंग

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Published : Jun 30, 2020, 8:57 PM IST

देश भर में 1 जुलाई से अनलॉक 2 शुरू हो जाएगा. ऐसे में अनलॉक-1 के दौरान जयपुर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर मुस्तैदी से सभी काम किए हैं. जिले में लगातार टेस्टिंग और सैंपलिंग का काम किए जा रहे हैं. वहीं प्रशासन ने अन्य क्षेत्रों में भी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है.

जयपुर प्रशासन, जयपुर में अनलॉक- 1, Jaipur district administration work
अनलॉक 1 के दौरान जयपुर जिला प्रशासन के किए महत्वपूर्ण कार्य

जयपुर. पूरे देश में अनलॉक- 1 का मंगलवार को आखिरी दिन है. बुधवार से पूरे देश में अनलॉक-2 शुरू हो जाएगा. एक जून से शुरू हुए अनलॉक 1 में जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. लॉकडाउन में जो भी बंद था वह अनलॉक-1 में खोल दिया गया है.

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि अनलॉक 1 में टेस्टिंग और सैंपलिंग का काम लगातार किया जा रहा है. प्रतिदिन एक हजार सैंपलिंग की जा रही है. जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आता है. उस क्षेत्र में उसके संपर्क में आने वाले लोगों की टेस्टिंग कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन या संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह से संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.

अनलॉक 1 के दौरान जयपुर जिला प्रशासन ने किए महत्वपूर्ण कार्य

कलेक्टर जोगाराम ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी प्रवासी मजदूर बाहर से आए हैं, उनमें यदि कोरोना के लक्षण मिले हैं और उनके घर में जगह नहीं है तो उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जयपुर शहर में कंटेनमेंट जोन में दिशा निर्देशों की पालना की जा रही है.

ये पढ़ें: हाउसिंग बोर्ड उप पंजीयक कार्यालय को कराएगा खाली, ई-ऑक्शन से बेचेगा 200 करोड़ की व्यवसायिक संपत्ति

साथ ही कलेक्टर जोगाराम ने बताया कि प्रवासियों और लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार देने के लिए राज कौशल पोर्टल शुरू किया गया है. जयपुर जिले में भी इस पोर्टल को लेकर उत्साह देखा गया है. अब तक लाखों लोग इस पोर्टल पर पंजीयन करा चुके हैं. राज कौशल पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले लोगों का उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिया जाएगा.

जन जागरूकता अभियान के तहत किए गए आयोजन

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर 21 जून से 7 जुलाई तक कोविड-19 जन जागरूकता अभियान के तहत जयपुर जिला प्रशासन कई तरह के आयोजन कर रहा है. प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को साथ लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है. अभियान के तहत निबंध प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, रैली आदि का आयोजन किया जा रहा है. जन जागरूकता अभियान में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. जयपुर जिले में संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की थी.

ये पढ़ें: राजस्थान सरकार ने जारी की Unlock 2.0 की गाइडलाइन, स्कूल-कॉलेज 31 जुलाई तक रहेंगे बंद

बता दें कि, अनलॉक 1 में जयपुर शहर में क्वॉरेंटाइन सेन्टर भी एक कर दिया गया है शहर में आरयूएचएस में ही क्वॉरेंटाइन सेंटर चलाया जा रहा है. राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शादी के लिए लोगों को सूचना देना जरूरी है और इसमें 50 से ज्यादा लोगों को शामिल नहीं किया जा रहा.

धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राज्य सरकार को भेजा गया रिपोर्ट

वहीं जयपुर जिले में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर भी जिला प्रशासन ने धर्म गुरुओं के साथ 30 जून को एक अहम बैठक की. बैठक में सभी धर्म गुरुओं ने 1 जुलाई से धार्मिक स्थल खोलने की मांग की. कुछ धर्मगुरुओं ने इसका विरोध भी किया और कहा कि कोविड-19 को लेकर अभी माहौल ठीक नहीं है. इसलिए 1 जुलाई से धार्मिक स्थल नहीं खोले जाएं. इस पर जिला प्रशासन अपनी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को भेज चुका है. वहीं प्रवासी मजदूरों को भी ट्रेनों से घर भेजा गया है. जिन्होंने जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. यह मजदूर बंगाल, बिहार, यूपी और उत्तराखंड आदि राज्यों के रहने वाले थे.

जयपुर. पूरे देश में अनलॉक- 1 का मंगलवार को आखिरी दिन है. बुधवार से पूरे देश में अनलॉक-2 शुरू हो जाएगा. एक जून से शुरू हुए अनलॉक 1 में जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. लॉकडाउन में जो भी बंद था वह अनलॉक-1 में खोल दिया गया है.

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि अनलॉक 1 में टेस्टिंग और सैंपलिंग का काम लगातार किया जा रहा है. प्रतिदिन एक हजार सैंपलिंग की जा रही है. जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आता है. उस क्षेत्र में उसके संपर्क में आने वाले लोगों की टेस्टिंग कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन या संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह से संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.

अनलॉक 1 के दौरान जयपुर जिला प्रशासन ने किए महत्वपूर्ण कार्य

कलेक्टर जोगाराम ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी प्रवासी मजदूर बाहर से आए हैं, उनमें यदि कोरोना के लक्षण मिले हैं और उनके घर में जगह नहीं है तो उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जयपुर शहर में कंटेनमेंट जोन में दिशा निर्देशों की पालना की जा रही है.

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साथ ही कलेक्टर जोगाराम ने बताया कि प्रवासियों और लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार देने के लिए राज कौशल पोर्टल शुरू किया गया है. जयपुर जिले में भी इस पोर्टल को लेकर उत्साह देखा गया है. अब तक लाखों लोग इस पोर्टल पर पंजीयन करा चुके हैं. राज कौशल पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले लोगों का उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिया जाएगा.

जन जागरूकता अभियान के तहत किए गए आयोजन

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर 21 जून से 7 जुलाई तक कोविड-19 जन जागरूकता अभियान के तहत जयपुर जिला प्रशासन कई तरह के आयोजन कर रहा है. प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को साथ लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है. अभियान के तहत निबंध प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, रैली आदि का आयोजन किया जा रहा है. जन जागरूकता अभियान में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. जयपुर जिले में संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की थी.

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बता दें कि, अनलॉक 1 में जयपुर शहर में क्वॉरेंटाइन सेन्टर भी एक कर दिया गया है शहर में आरयूएचएस में ही क्वॉरेंटाइन सेंटर चलाया जा रहा है. राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शादी के लिए लोगों को सूचना देना जरूरी है और इसमें 50 से ज्यादा लोगों को शामिल नहीं किया जा रहा.

धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राज्य सरकार को भेजा गया रिपोर्ट

वहीं जयपुर जिले में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर भी जिला प्रशासन ने धर्म गुरुओं के साथ 30 जून को एक अहम बैठक की. बैठक में सभी धर्म गुरुओं ने 1 जुलाई से धार्मिक स्थल खोलने की मांग की. कुछ धर्मगुरुओं ने इसका विरोध भी किया और कहा कि कोविड-19 को लेकर अभी माहौल ठीक नहीं है. इसलिए 1 जुलाई से धार्मिक स्थल नहीं खोले जाएं. इस पर जिला प्रशासन अपनी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को भेज चुका है. वहीं प्रवासी मजदूरों को भी ट्रेनों से घर भेजा गया है. जिन्होंने जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. यह मजदूर बंगाल, बिहार, यूपी और उत्तराखंड आदि राज्यों के रहने वाले थे.

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