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बिजली मीटर गड़बड़ी मामले में डिस्कॉम ने कंपनी का भुगतान रोका, बैंक गारंटी रिलीज करने पर भी रोक - electricity meter jumble case

बिजली के मीटरों में यूनिट के गड़बड़झाला सामने आने के बाद जयपुर डिस्कॉम ने बिजली मीटर से जुड़ी अनुबंधित कंपनी जीनस का भुगतान रोकने के साथ ही बैंक की गारंटी रिलीज न करने के लिए भी अधिकारियों को मौखिक आदेश दे दिए हैं. लेकिन जिन लाखों मीटरों की खरीद हुई थी, उसकी जांच के संबंध में अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है.

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बिजली मीटर गड़बड़ी मामले में डिस्कॉम ने कंपनी का भुगतान रोका
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Published : Jun 4, 2021, 9:19 AM IST

जयपुर. बिजली मीटर गड़बड़ी मामले में डिस्कॉम ने कंपनी का भुगतान रोक दिया है. हाल ही में कंपनी ने ऐसे मीटर सप्लाई कर दिए, जो बिजली सप्लाई के बिना भी रीडिंग बढ़ाते रहे. सवाल यही है कि जिन उपभोक्ताओं के मीटर में गड़बड़ी निकली तो उन पर पड़े आर्थिक गोश्त की भरपाई कौन करेगा.

दरअसल, मीटर व अन्य खरीदे गए सामान की जांच के लिए इंजीनियरों का पैनल बना हुआ है, जो अधीक्षण अभियंता के निर्देशन में काम करता है. यह पैनल अनुबंधित कंपनी की फैक्ट्री में पहुंच कर जांच भी करता है और स्टोर में पहुंचने से पहले मीटर की जांच संबंधित बिजली कंपनी की टेस्टिंग लैब में होती है.

पढ़ें : गहलोत के मंत्रियों के बीच जंग जारी, जयपुर की बैठक में नहीं रहेंगे प्रभारी मंत्री धारीवाल

तमाम काम संबंधित डिस्कॉम अधिकारियों के निर्देशन में ही होता है. ऊर्जा सचिव दिनेश कुमार ने डिफेक्टिव मीटर के मामले में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए 31 जुलाई तक सभी डिफेक्टिव मीटर बदलने के निर्देश दे दिए तो साथ ही इस मामले में अधिकारियों को सजगता के साथ काम करने के भी आदेश हैं.

जयपुर. बिजली मीटर गड़बड़ी मामले में डिस्कॉम ने कंपनी का भुगतान रोक दिया है. हाल ही में कंपनी ने ऐसे मीटर सप्लाई कर दिए, जो बिजली सप्लाई के बिना भी रीडिंग बढ़ाते रहे. सवाल यही है कि जिन उपभोक्ताओं के मीटर में गड़बड़ी निकली तो उन पर पड़े आर्थिक गोश्त की भरपाई कौन करेगा.

दरअसल, मीटर व अन्य खरीदे गए सामान की जांच के लिए इंजीनियरों का पैनल बना हुआ है, जो अधीक्षण अभियंता के निर्देशन में काम करता है. यह पैनल अनुबंधित कंपनी की फैक्ट्री में पहुंच कर जांच भी करता है और स्टोर में पहुंचने से पहले मीटर की जांच संबंधित बिजली कंपनी की टेस्टिंग लैब में होती है.

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तमाम काम संबंधित डिस्कॉम अधिकारियों के निर्देशन में ही होता है. ऊर्जा सचिव दिनेश कुमार ने डिफेक्टिव मीटर के मामले में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए 31 जुलाई तक सभी डिफेक्टिव मीटर बदलने के निर्देश दे दिए तो साथ ही इस मामले में अधिकारियों को सजगता के साथ काम करने के भी आदेश हैं.

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