जयपुर. जेट एयरवेज के बंद होने के झटके से अभी तक जयपुर एयरपोर्ट उबर नहीं सका है. एविएशन सेक्टर का लीन सीजन अभी भी जारी है. इसका असर जयपुर एयरपोर्ट पर लगातार देखने को मिल रहा है. अक्टूबर माह से जयपुर में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है. तब भी हवाई यात्रियों की संख्या और विमानों के आवागमन के आंकड़ों में गिरावट देखने को लगातार मिल रही है.
बता दें कि पिछले साल की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में इस बार पूरे एविएशन सेक्टर में लीन सीजन देखा जा रहा है. बात चाहे एयरक्राफ्ट के आवागमन की हो या फिर यात्रियों की संख्या की हो. दोनों ही मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है. अकेले जयपुर एयरपोर्ट ही नहीं दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, एयरपोर्ट को छोड़ दे तो देश के लगभग सभी एयरपोर्ट पर यात्री भार में गिरावट सामने आई है. इसके लिए सीधे तौर पर जेट एयरवेज के बंद होने को कारण माना जा रहा है. जिस तरह से जेट एयरवेज की फ्लाइट बंद हुई है. उस वैक्यूम को भरने के लिए स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया, एयरलाइन्स ने भरसक प्रयास किए हैं . लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं.
आंकड़े जो दर्शा रहें गिरावट-
- 3 हजार 408 कुल विमानों का आवागमन हुआ अक्टूबर 2019 में, जबकि पिछले साल अक्टूबर 2018 में मूवमेंट था 3 हजार 942 विमानों का
- जयपुर से पिछले साल रोज 64 फ्लाइट चल रही थी, इस साल अक्टूबर में फ्लाइट्स की संख्या 55 रही, 13.5 फीसदी गिरावट
- अक्टूबर 2019 में 4.38 लाख यात्रियों ने किया जयपुर आवागमन, पिछले साल अक्टूबर में 4.65 लाख यात्रियों ने किया आवागमन, पिछले साल की तुलना में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज
- इस लिहाज से कुल यात्री भार 50 लाख तक पहुंचना भी मुश्किल, पिछले वित्तीय वर्ष में यात्री भार पहुंचा था 55 लाख
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यात्री भार की इस गिरावट से जयपुर एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट काउंसलिंग इंटरनेशनल के एक सर्वेक्षण के डिग्री बदलने का खतरा मंडरा रहा है. पिछले साल जयपुर एयरपोर्ट के सर्वेक्षण केटेगरी में 5 से 15 मिलियन सालाना यात्री भार वाले एयरपोर्ट्स की श्रेणी में शामिल हो गया था. जयपुर एयरपोर्ट से पिछली साल यात्रियों की संख्या 55 लाख रही थी. जबकि इस साल के अब तक के रुझान से लग रहा है कि यात्री भार की संख्या 50 लाख तक नहीं पहुंचेगी. ऐसे में जयपुर एयरपोर्ट 2 से 5 मिलियन की कैटेगरी में गिर सकता है.