जयपुर. शहर में वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरा है. वायू प्रदूषण की बात की जाए तो कई बार राजधानी जयपुर में प्रदूषण रेड जोन तक जा पहुंचा था, लेकिन शनिवार को जयपुर में प्रदूषण का स्तर कम दर्ज किया गया है. फरवरी के प्रथम पखवाड़े में प्रदेश में हवा की सेहत में सुधार हुआ है, लेकिन हवा सांस लेने लायक अभी तक नहीं हुई है.
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जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर और अलवर में सर्वाधिक प्रदूषण जोधपुर में दर्ज किया गया है. इस महीने जोधपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी की एक यूआई 200 के नजदीक दर्ज किया गया है. हवा खराब होने के बावजूद दिसंबर और जनवरी की प्रदूषित हवा से आमजन को निजात मिली है. 2 महीने में AQI तीन सौ के आसपास तक चला गया था.
फरवरी में सर्दी का असर कम होने लगा है. कोहरा कम पड़ने के कारण हवा में धूल कण और जल वाष्प नहीं जम सकता है. इसके साथ ही हवा में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा कम होने के कारण हवा अपेक्षाकृत बन रही है. इस दौरान बादल की आवाजाही जरूरी होती है, लेकिन अभी भी हवा की जो गुणवत्ता है, वह खराब है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के ऊपर ही बना हुआ है. जबकि शुद्ध हवा के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे होना जरूरी होता है.
ऐसे समझे खतरा
0 से 50 हवा की गुणवत्ता अच्छी
50 से 100 हवा की गुणवत्ता ठीक
101 से 200 मोडरेट
201 से 300 हवा की गुणवत्ता खराब
301 से 400 सांस रोग का खतरा
प्रदेश में प्रदूषण का स्तर
जिला | स्तर |
जोधपुर | 190 |
कोटा | 125 |
जयपुर | 110 |
अजमेर | 130 |
उदयपुर | 140 |
भिवाड़ी | 220 |
हनुमानगढ़ | 110 |
भरतपुर | 125 |