जयपुर. राजस्थान में जल्द ही कोविड-19 वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत होगी. बीते 26 दिनों में प्रदेश में 6 लाख से अधिक हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. जिसके बाद वैक्सीनेशन का कोई मेजर साइड इफेक्ट अभी तक देखने को नहीं मिला है. 6 लाख में से सिर्फ 190 मामले एडवर्ड इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) के देखने को मिले हैं. वहीं वैक्सीन के सीधे साइड इफेक्ट के मामले लगभग शून्य हैं.
हाल ही में राज्य सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन से सीधा साइड इफेक्ट अभी तक किसी भी व्यक्ति को नहीं हुआ है. हालांकि, हल्का बुखार वैक्सीन के बाद आने वाला एक स्वाभाविक लक्षण है, जो आमतौर पर सामान्य वैक्सीन में भी देखने को मिलता है.
- अब तक प्रदेश में 6 लाख 6 हजार 585 हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को लगाई गई वैक्सीन
- प्रदेश में 67.7 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ
- 16 जनवरी से शुरू हुआ था प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम
- वैक्सीनेशन के बाद सिर्फ 190 लोगों में AEFI के मामले देखने को मिला
- इन 190 लोगों में मिले सिर्फ सामान्य बुखार के लक्षण
190 केस में सिर्फ दो केस गंभीर कैटेगरी में चयनित
एडवर्ड इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन के प्रकरणों के माइल्ड, सीवियर और सीरियस कैटेगरी को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए थे. जिसे लेकर एक कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी ने रिपोर्ट ने बताया है कि प्रदेश में 190 केस में सिर्फ दो केस गंभीर कैटेगरी में चयनित किए गए हैं लेकिन कमेटी ने जब मामले की समीक्षा की तो सामने आया कि यह दोनों अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे.
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इस मामले को लेकर वैक्सीनेशन कार्यक्रम के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉक्टर लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि राजस्थान में वैक्सीन के कारण अभी तक कोई गंभीर मामला देखने को नहीं मिला है. सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS hospital Jaipur) के वरिष्ठ चिकित्सकों ने पूरे मामले की पड़ताल की है लेकिन वैक्सीन लगने के कारण किसी व्यक्ति की गंभीर हालत हुई हो, अभी तक इस तरह का कोई मामला राजस्थान में सामने नहीं आया है.
मार्च से शुरू होगा वैक्सीनेशन का तीसरा चरण
फिलहाल, चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि वैक्सीन के कारण कोई गंभीर मामला प्रदेश में देखने को नहीं मिला है. ऐसे में मार्च महीने से प्रदेश में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत की जाएगी, जहां 50 साल से ऊपर की आयु के 1 करोड़ 63 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य चिकित्सा विभाग ने रखा है.