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सदन में भी गूंजा इंदिरा गांधी नहर के पानी की मांग का मसला, विधायक बोले- किसानों की कमर ना तोड़े सरकार - सिंचाई के लिए पानी

इंदिरा गांधी नहर के पानी को सिंचाई के लिए वापस चालू किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. अब वही मामला शून्य काल में सदन में भी उठा. भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने स्थगन के जरिए इस मामले को उठाते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया.

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सदन में भी गूंजा इंदिरा गांधी नहर के पानी की मांग का मसला...
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Published : Mar 8, 2021, 4:25 PM IST

जयपुर. इंदिरा गांधी नहर के पानी को सिंचाई के लिए वापस चालू किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. अब वही मामला शून्य काल में सदन में भी उठा. भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने स्थगन के जरिए इस मामले को उठाते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश सरकार ने गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में आकर किसानों की खाट तोड़ी और अब सिंचाई का पानी रोक कर कमर तोड़ने का काम कर रही है.

सदन में भी गूंजा इंदिरा गांधी नहर के पानी की मांग का मसला...

बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर योजना के प्रथम चरण में गंगानगर में आने वाले उपखंड अनूपगढ़, घड़साना, सूरतगढ़ और रायसिंहनगर में सिंचाई का पानी नहीं मिलने से पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है और आज चक्का जाम भी है. वहीं, मुख्य अभियंता को भी वहां किसानों ने 24 घंटे से 3 बंधक बनाकर रखा है. बिश्नोई ने कहा यहां के किसान एकमात्र पानी दिए जाने की अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोम डेम में आज भी 1310 फीट पानी का स्तर है और सरकार चाहे तो सिंचाई के पानी का इंतजार कर सकती है. किसानों को एक बारी में पानी दे सकते हैं.

पढ़ें: विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे विधायक, इंदिरा गांधी नहर का पानी बंद होने से नाराज

विश्नोई ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जब राम प्रताप सिंह मंत्री हुआ करते थे, तब यहां डेम में पानी का लेवल 1280 फिट था. फिर भी पानी दिया गया और किसानों को राहत दी गई. विश्नोई के अनुसार, इस मामले में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया और सदन में भी मामला उठाया गया. यदि एक बारी में किसानों को यहां पानी नहीं मिलेगा, तो उनकी गेहूं, चना और सरसों की फसल बर्बाद हो जाएगी. भाजपा विधायक ने कहा कि आज यहां के किसान खून के आंसू रो रहे हैं. उनके अनुसार कुछ दिन पहले सरकार इन दोनों जिलों में आई थी, तब किसानों की खाट तोड़ दी थी. लेकिन, आज तो किसानों की कमर तोड़ने का काम चल रहा है.

जयपुर. इंदिरा गांधी नहर के पानी को सिंचाई के लिए वापस चालू किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. अब वही मामला शून्य काल में सदन में भी उठा. भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने स्थगन के जरिए इस मामले को उठाते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश सरकार ने गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में आकर किसानों की खाट तोड़ी और अब सिंचाई का पानी रोक कर कमर तोड़ने का काम कर रही है.

सदन में भी गूंजा इंदिरा गांधी नहर के पानी की मांग का मसला...

बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर योजना के प्रथम चरण में गंगानगर में आने वाले उपखंड अनूपगढ़, घड़साना, सूरतगढ़ और रायसिंहनगर में सिंचाई का पानी नहीं मिलने से पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है और आज चक्का जाम भी है. वहीं, मुख्य अभियंता को भी वहां किसानों ने 24 घंटे से 3 बंधक बनाकर रखा है. बिश्नोई ने कहा यहां के किसान एकमात्र पानी दिए जाने की अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोम डेम में आज भी 1310 फीट पानी का स्तर है और सरकार चाहे तो सिंचाई के पानी का इंतजार कर सकती है. किसानों को एक बारी में पानी दे सकते हैं.

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विश्नोई ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जब राम प्रताप सिंह मंत्री हुआ करते थे, तब यहां डेम में पानी का लेवल 1280 फिट था. फिर भी पानी दिया गया और किसानों को राहत दी गई. विश्नोई के अनुसार, इस मामले में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया और सदन में भी मामला उठाया गया. यदि एक बारी में किसानों को यहां पानी नहीं मिलेगा, तो उनकी गेहूं, चना और सरसों की फसल बर्बाद हो जाएगी. भाजपा विधायक ने कहा कि आज यहां के किसान खून के आंसू रो रहे हैं. उनके अनुसार कुछ दिन पहले सरकार इन दोनों जिलों में आई थी, तब किसानों की खाट तोड़ दी थी. लेकिन, आज तो किसानों की कमर तोड़ने का काम चल रहा है.

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