जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज उदयपुर संभाग के जनजाति क्षेत्र उदयपुर ग्रामीण में निशुल्क बीज वितरण को लेकर सवाल और बीज चोरी होने का सवाल लगाया गया. जिस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने जवाब देते हुए कहा पंचायतों में चोरी की कोई शिकायत अभी हमारे पास नहीं आई है. अगर कोई शिकायत विधायक देंगे तो उस पर कार्रवाई कर देंगे.
उदयपुर विधानसभा क्षेत्र में 30767 किसानों को 1413 क्विंटल बीज की मात्रा दी गई है. इस पर फूल चंद मीणा ने कहा कि मेरे यहां 52 ग्राम पंचायतें हैं उसमें उन्होंने केवल 27 ग्राम पंचायतों में बीज वितरण किया है, उसमें भी 264 किसानों को बीज वितरण किया. इनमे से 2 पंचायतों में 102 किसानों को बीज दिया गया तो 25 पंचायतों में 154 किसानों को बीज दिया. क्या कारण था कि 2 पंचायतों में इतने किसानों को बीज वितरित कर दिए.
इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर ग्रामीण की भौगोलिक स्थिति में पहाड़ी क्षेत्र हैं और जो डिमांड जैसे आई उन पंचायतों उसके अनुसार बीज भेजे गए हैं. अगर वहां कुछ गलती हुई है तो उस पर कार्रवाई हो जाएगी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में जनजाति परिवारों को बीज वितरण होता है. जब नियम यह कहता है कि ट्राईबल एरिया में सभी किसानों को निशुल्क बीज वितरण मिलता है तो किस कारण से सब को नहीं मिला.
इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर संभाग में ज्यादातर डिमांड मक्का की आती है. जो सरपंच की अध्यक्षता में कमेटी बनती है अगर उन्होंने डिमांड दी है उन्हें भी दिया गया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष नेता सवाल दोहराया कि जंहा पर 80% ट्राइबल नहीं है वहां तो 44 किसानों को मिला और जो पंचायत ट्राईबल है वहां केवल 4 और 8 किसानों को बीज क्यों दिया जा रहा है. इसका कारण समझाया जाए.
इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी मंत्री से कहा कि जब यह सुविधा केवल ट्राइबल परिवार के लिए है और जहां पर ट्राइबल 90% हैं. वहां पर बीज मिल रहा है सभी लोगों को और जहां ट्राइबल और नॉन ट्राइबल का अनुपात 40% और 60% है वहां 60% पापुलेशन को बीज मिल रहा है. ऐसे में क्या विभाग यह तय करेगा कि पहले ट्राइबल को पूरा बीज मिले उसके बाद ही दूसरों का नंबर आये. इस पर लालचंद कटारिया ने कहा कि इस मामले को दिखा लिया जाएगा और पूरी जानकारी लेकर सदन को सूचित कर दिया जाएगा.