जयपुर. राजस्थान परिवहन विभाग में इन दिनों रोस्टर प्रणाली और फिटनेस सेंटर का मामला गरमाया हुआ है. डीटीओ और आरटीओ ऑफिस में रोस्टर प्रणाली लागू करने में हो रही गड़बड़ी से खफा परिवहन मंत्री ने पिछले 10 साल से बदले गए अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच बैठाई थी. जिसमें अब सामने आया है कि जयपुर आरटीओ ऑफिस और अजमेर ऑफिस में लगे 5 डीटीओ, 22 इंस्पेक्टर, 32 बाबू और कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो कभी जिले को छोड़कर कहीं गए ही नहीं. कई अफसर तो कार्यवाहक डीटीओ के रूप में जिस सीट पर लगे थे, उसी ऑफिस में डीटीओ और एआरटीओ तक पदोन्नत भी हो गए, लेकिन कभी जिले को नहीं छोड़ा.
यही नहीं कई बाबू ऐसे हैं जिन्होंने अपने हिसाब से तबादले करवा लिए और दूर जाना तो छोड़ो वह एक ही कमरे में एक सीट छोड़कर दूसरी सीट पर लग गए. परिवहन मंत्री की जांच में ज्यादा चौंकाने वाला मामला सूचना सहायकों का सामने आया है. परिवहन विभाग में सूचना सहायकों के कुल नौ ही पद हैं, जबकि परिवहन विभाग में विभिन्न दफ्तरों में 136 सूचना सहायक और प्रोग्रामर काम कर रहे हैं.
सूचना सहायकों का मुख्य कार्य सूचना आदान-प्रदान करने का है. लेकिन ये बाबू की आईडी पर लगे हुए हैं और कई जगह तो पब्लिक डीलिंग का कार्य भी रहे हैं. जयपुर आरटीओ ऑफिस में सूचना सहायक की दो ही पोस्ट होने के बावजूद यहां 7 सूचना सहायक कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा परिवहन मुख्यालय में सूचना सहायक का एक भी पद नहीं है, फिर भी वहां पर पांच कर्मचारियों को लगा रखा है.
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ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा...
बता दें कि जयपुर आरटीओ में रोस्टर गड़बड़ी का मामला सबसे पहले ईटीवी भारत ने उठाया था. रोस्टर में गड़बड़ी मिलने के बाद ईटीवी भारत ने 8 जुलाई को इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद ही परिवहन आयुक्त रवि जैन ने रोस्टर में आ रही गड़बड़ियों को लेकर जवाब मांगा था. लेकिन अब ये मुद्दा परिवहन मंत्री तक भी पहुंच गया है.