जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमीनों के 7 हजार से अधिक विवादित मामलों के लिए बनी जांच स्टेट लेवल कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग के एसीएस रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने पुलिस कमिश्नर से 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है. एसीएस रोहित कुमार सिंह ने अगली बैठक में जमीन विवादों के प्रकरणों की पूरी डिटेल जांच के साथ कमिश्नर को आने को कहा है.
शहरों में गृह निर्माण सहकारी समितियां और विकासकर्ता एक ही जमीन, प्लॉट, फ्लैट को कई लोगों को बेच देते हैं. मुकदमा होने पर कैसे पूरा का पूरा थाना और पुलिस की मिलीभगत से दोनों पक्षों से वसूली होती है. कितने-कितने साल मुकदमें लटकाए जाते हैं. कुछ माह में बार बार जांच बदलने, मिलीभगत से जमीनों के अवैध कारोबार में पुलिस की संलिप्तता रहती है. जमीन विवाद और पुलिस मिलीभगत के ऐसे 7 हजार प्रकरण जांच के दायरे में आ चुके हैं. इस तरह के मामलों की जांच के लिए हाईकोर्ट ने स्टेट लेवल की हाई पावर को-आर्डिनेशन कमेटी बनाई है.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के एसीएस रोहित कुमार सिंह ने जांच के लिए जयपुर कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सभी थानों की 12 बिंदुओं में रिपोर्ट मांगी है. अगली बैठक में जमीन विवादों के प्रकरणों की पूरी डिटेल जांच के साथ कमिश्नर को आने को कहा है. रोहित कुमार सिंह ने बताया कि हर थाना क्षेत्र में पिछले 20 साल में गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ कितने केस दर्ज कराए गए?
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यह हैं शिकायतें
- जेडीए प्रवर्तन शाखा ने ही सिर्फ 2020 में पृथ्वीराज नगर दक्षिण के 69
- पृथ्वीराज नगर उत्तर के 25 सहित जयपुर की 163 बिल्डिंग, फ्लैट, कॉमर्शियल बिल्डिंग्स को अवैध बिल्डिंग घोषित किया
- 2021 में 2 माह में ही 27 को अवैध करार देकर ध्वस्त किया
- रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में को-आर्डिनेशन कमेटी ने जमीन विवादों में पुलिस की मिलीभगत की
- भूमाफिया-पुलिस गठजोड़ की कहानी खुलेगी, थाने में 20 साल से लंबित केसों के कारण बताने होंगे
- अकेले जयपुर में हैं 264 सहकारी समितियां
- अकेले जयपुर में कुल 264 गृह निर्माण सहकारी समितियां पंजीकृत हुई थीं
- अभी केवल 79 समितियों के ही चुने हुए बोर्ड हैं
- 83 अवसायन में जा चुकी और उन पर प्रशासक लगा दिए
- 102 समितियों का पंजीयन निरस्त किया जा चुका
- उनके केस भी वर्षों से थानों में लंबित हैं, ज्यादातर समिति के खिलाफ औसतन 2000 से 20 हजार प्लॉट काटने और 100 से 200 तक मुदकमे दर्ज हैं.
- 2020 में ही 163 बिल्डिंग और फ्लैट बताए अवैध
- जेडीए पुलिस सील कर चुकी 44 इमारतें
- जेडीए प्रवर्तन विंग की पुलिस ने ही 44 बिल्डिंग, संस्थानों को अवैध करार देकर सील कर रखा है, इनको करीब 3 साल से सील किया हुआ है.