जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज को कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों की दोहरी जिम्मेदारी देने के बाद हेल्थ वॉरियर्स के साथ गुरुवार को संवाद हुआ. जहां प्रमुख चिकित्सा सचिव अखिल अरोड़ा और चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने संवाद किया. इस मौके पर सरकार के प्रयास और उनकी मंशा से सभी चिकित्सकों को अवगत कराया गया. साथ ही हेल्थ वॉरियर्स की दिक्कतों पर भी विस्तार से चर्चा हुई.
एसएमएस मेडिकल कॉलेज सभागार में हुए इस आयोजन में कोविड डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल और ईएसआई हॉस्पिटल की व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई. साथ ही इस काम के लिए फैकल्टी के ओरियंटेशन के अलावा डिप्लॉयमेंट प्लान पर विस्तार से मंथन हुआ. इस मौके पर अरोड़ा ने सरकार के प्रयास और कोरोना रोकथाम की मंशा से फैकल्टी को अवगत कराया. साथ ही वॉरियर्स की दिक्कतों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का आश्वासन दिया.
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इस मौके पर प्रमुख चिकित्सा सचिव अखिल अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि सब एकजुट होकर काम करें. हालात ऐसे हैं कि अब पूरे सिस्टम को एक साथ जोड़ने की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए तीनों डेडीकेटेड अस्पतालों को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सीधे जोड़े जाने का फैसला किया गया है. ताकि यहां के सभी वरिष्ठ चिकित्सकों की सेवा का फायदा लिया जा सके.
इस संवाद कार्यक्रम के जरिए सभी एचओडी के साथ मिलकर एक रणनीति भी बनाई गई है, ताकि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भविष्य की जरूरत के हिसाब से फील्ड में तैयारियां की जा सके. इस मौके पर कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी के अलावा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सभी फैकल्टीज संवाद कार्यक्रम में मौजूद रहे.