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जयपुर जिला कलेक्टर के उपखंड अधिकारियों को निर्देश, धार्मिक स्थल प्रबंधकों को कोविड प्रोटोकॉल का लिए करे पाबंद - कोविड प्रोटोकॉल

जयपुर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सभी उपखंड अधिकारियों को उनके क्षेत्र में 7 सितंबर से खुलने वाले धार्मिक स्थलों पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और राज्य सरकार की ओर से 27 अगस्त को जारी कोविड-19 रक्षा प्रोटोकॉल की पालना कराने के निर्देश दिए हैं. नेहरा ने सभी एसडीओ को मेडिकल और पुलिस अधिकारियों के साथ इन धार्मिक स्थलों का दौरा करने और धार्मिक स्थल प्रबंधकों को इस बारे में जानकारी देकर पाबंद करने को कहा है.

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जयपुर जिला कलेक्टर के उपखंड अधिकारियों को निर्देश
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Published : Sep 5, 2020, 2:26 AM IST

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सभी उपखंड अधिकारियों को उनके क्षेत्र में 7 सितंबर से खुलने वाले धार्मिक स्थलों पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और राज्य सरकार की ओर से 27 अगस्त को जारी कोविड-19 रक्षा प्रोटोकॉल की पालना कराने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर जिला कलेक्टर के उपखंड अधिकारियों को निर्देश

जिला कलेक्टर ने कहा कि उपखंड क्षेत्र के जो धार्मिक स्थल 7 सितंबर से आमजन के लिए खुलने हैं. उनके प्रबंधकों को अपने धार्मिक स्थलों में राज्य सरकार के आदेश के अनुसार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और लाइन लगाने सहित सभी निर्देशों की पालना स्वयं के स्तर पर करनी होगी. जिला प्रशासन और पुलिस उनके द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जांच कर सकेगी और संतुष्ट नहीं होने और आदेशों का उल्लंघन होने पर धार्मिक स्थल को आमजन के लिए बंद किया जा सकेगा.

एसपी ग्रामीण शंकर दत्त शर्मा ने सभी पुलिस अधिकारियों को जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ टीम भावना के साथ समन्वय बनाकर कोरोना की स्थितियों का मुकाबला करने को कहा है. उन्होंने दिल्ली रोड पर शाहपुरा में स्लिप लेन को खाली करवाने और वहां खड़े ट्रकों और अन्य वाहनों को हटाने को कहा ताकि कोरोना पॉइंट डेवलप नही हो सके.

स्थानीय स्तर करें इलाज, नहीं आना पड़े जयपुर

जिला कलेक्टर ने कहा है कि सभी उपखंड अधिकारी अपने क्षेत्र में कोविड-19 मरीजों के इलाज की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें. माइल्ड लक्षणों वाले कोविड मरीजो के लिए कोविड केयर सेन्टर चिंहित करें ताकि उनका इलाज वहीं हो जाए और मरीज को जयपुर लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जयपुर में आरयूएचएस में जिला प्रशासन की ओर से एक हेल्प डेस्क लगाने के लिए एसडीओ को निर्देश दिए हैं ताकि यहां भर्ती मरीजों के परिजनों को उनके मरीजों की जानकारी मिल सके. सभी उपखंड पर से सीएचसी में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ एक वाहन भी उपलब्ध रखने के निर्देश बैठक में दिए गए.

पढ़ेंः अब कोरोना मरीज होंगे जयपुरिया अस्पताल में भर्ती, लेकिन व्यवस्था करना बड़ी चुनौती...

छोटा रखें कंटेनमेंट जोन, बड़े के लिए कलेक्टर बताएं

कलेक्टर नेहरा ने कहा कि इंसिडेंट कमांडर के रूप में उपखंड अधिकारी, चिकित्सा और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें जो स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप 50 से 100 मीटर का क्षेत्र हो सकता है. इस क्षेत्र में भी आवश्यक आपूर्ति की दुकानें चालू रहेगी. लेकिन किसी बड़े क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करते समय जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की जानकारी में लाएं.

जागरूकता पर जोर, लापरवाही पर काटे चालान

जिला कलेक्टर नेहरा ने निर्देश दिया है कि बचाव के उपाय के प्रति लापरवाही के कारण कोरोना का संक्रमण जिले में बढ़ रहा है. इसलिए जागरूकता पर दिया जाए जो व्यक्ति या दुकानदार समझाइश के बावजूद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग आदि की पालना नहीं करें उनके चालान किए जाएं. इसके लिए सभी एसडीओ व तहसीलदार को चालान बुक भी दे दी गई है. साथ ही आयोजनों में निर्धारित से अधिक लोगों के शामिल होने पर नजर रखें.

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सभी उपखंड अधिकारियों को उनके क्षेत्र में 7 सितंबर से खुलने वाले धार्मिक स्थलों पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और राज्य सरकार की ओर से 27 अगस्त को जारी कोविड-19 रक्षा प्रोटोकॉल की पालना कराने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर जिला कलेक्टर के उपखंड अधिकारियों को निर्देश

जिला कलेक्टर ने कहा कि उपखंड क्षेत्र के जो धार्मिक स्थल 7 सितंबर से आमजन के लिए खुलने हैं. उनके प्रबंधकों को अपने धार्मिक स्थलों में राज्य सरकार के आदेश के अनुसार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और लाइन लगाने सहित सभी निर्देशों की पालना स्वयं के स्तर पर करनी होगी. जिला प्रशासन और पुलिस उनके द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जांच कर सकेगी और संतुष्ट नहीं होने और आदेशों का उल्लंघन होने पर धार्मिक स्थल को आमजन के लिए बंद किया जा सकेगा.

एसपी ग्रामीण शंकर दत्त शर्मा ने सभी पुलिस अधिकारियों को जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ टीम भावना के साथ समन्वय बनाकर कोरोना की स्थितियों का मुकाबला करने को कहा है. उन्होंने दिल्ली रोड पर शाहपुरा में स्लिप लेन को खाली करवाने और वहां खड़े ट्रकों और अन्य वाहनों को हटाने को कहा ताकि कोरोना पॉइंट डेवलप नही हो सके.

स्थानीय स्तर करें इलाज, नहीं आना पड़े जयपुर

जिला कलेक्टर ने कहा है कि सभी उपखंड अधिकारी अपने क्षेत्र में कोविड-19 मरीजों के इलाज की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें. माइल्ड लक्षणों वाले कोविड मरीजो के लिए कोविड केयर सेन्टर चिंहित करें ताकि उनका इलाज वहीं हो जाए और मरीज को जयपुर लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जयपुर में आरयूएचएस में जिला प्रशासन की ओर से एक हेल्प डेस्क लगाने के लिए एसडीओ को निर्देश दिए हैं ताकि यहां भर्ती मरीजों के परिजनों को उनके मरीजों की जानकारी मिल सके. सभी उपखंड पर से सीएचसी में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ एक वाहन भी उपलब्ध रखने के निर्देश बैठक में दिए गए.

पढ़ेंः अब कोरोना मरीज होंगे जयपुरिया अस्पताल में भर्ती, लेकिन व्यवस्था करना बड़ी चुनौती...

छोटा रखें कंटेनमेंट जोन, बड़े के लिए कलेक्टर बताएं

कलेक्टर नेहरा ने कहा कि इंसिडेंट कमांडर के रूप में उपखंड अधिकारी, चिकित्सा और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें जो स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप 50 से 100 मीटर का क्षेत्र हो सकता है. इस क्षेत्र में भी आवश्यक आपूर्ति की दुकानें चालू रहेगी. लेकिन किसी बड़े क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करते समय जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की जानकारी में लाएं.

जागरूकता पर जोर, लापरवाही पर काटे चालान

जिला कलेक्टर नेहरा ने निर्देश दिया है कि बचाव के उपाय के प्रति लापरवाही के कारण कोरोना का संक्रमण जिले में बढ़ रहा है. इसलिए जागरूकता पर दिया जाए जो व्यक्ति या दुकानदार समझाइश के बावजूद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग आदि की पालना नहीं करें उनके चालान किए जाएं. इसके लिए सभी एसडीओ व तहसीलदार को चालान बुक भी दे दी गई है. साथ ही आयोजनों में निर्धारित से अधिक लोगों के शामिल होने पर नजर रखें.

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