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ILI मरीजों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे की गति बढाने के निर्देश, निजी अस्पतालों की ऑक्सीजन की होगी ऑडिट

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Published : May 12, 2021, 9:21 PM IST

जयपुर जिले के प्रभारी सचिव तथा जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आइएलआई के लक्षणों अथवा कोविड संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए जारी 'डोर टू डोर सर्वे' की गति बढ़ाने एवं हर चरण की समाप्ति पर पुनः लगातार सर्वे जारी रखने के निर्देश दिए हैं.

Rajasthan Corona Door to Door Survey
ILI मरीजों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे

जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जयपुर जिले में कोरोना पर नियंत्रण, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए सामान्य, आईसीयू, वेंटीलेटर बैड, आक्सीजन की उपलब्धता, अस्पतालों की व्यवस्थाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की.

पंत ने जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि जितनी जल्द कोरोना संभावित अथवा आईएलआई मरीजों का पता लगाकर उनका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एवं केयर सेंटर से उपचार कराया जाएगा. इस महामारी पर नियंत्रण की दिशा में उतनी ही तेजी से अग्रसर हुआ जा सकेगा.

Rajasthan Corona Door to Door Survey
ILI मरीजों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे

पंत ने कहा कि मेडिकल किट एवं संसाधनों की कमी नहीं रहेगी. इस समय संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सर्वे को तेज किया जाना बेहद जरूरी है. जिला कलक्टर नेहरा ने प्रभारी सचिव को 'डोर टू डोर सर्वे' में आईएलआई एवं कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या के सम्बन्ध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हर एसिम्पटोमैटिक, आईएलआई वाले व्यक्ति को एएनएम की ओर से मेडिकल किट देकर प्रारम्भिक उपचार प्रारम्भ कराया जा रहा है. आइसोलेशन सुनिश्चित किया जा रहा है.

पढ़ें- राजस्थान में बीते 24 घंटे में मिले 16384 कोरोना संक्रमित, 164 मरीजों की हुई मौत

हर ब्लॉक पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एवं केयर सेंटर तथा क्षेत्र की सीएचसी पर भी मेडिकल किट की दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं. हर सेंटर पर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की व्यवस्था भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति कोविड टेस्टिंग के लिए सेंम्पल देने आता है, उसे भी मेडिकल किट दिया जा रहा है. एसीएस पंत ने जिले में कोविड सैम्पलिंग की संख्या बढाने के लिए भी निर्देशित किया.

जिले के प्रभारी सचिव ने जयपुर शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में चिकित्सकीय आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग श्रेणी जैसे सामान्य, आईसीयू, आईसीयू विद वेंटीलेटर में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या के अनुसार उनकी वास्तविक आक्सीजन आवश्यकता एवं चिकित्सालयों की ओर से मांग एवं उपभोग बताई जा रही ऑक्सीजन की मात्रा का आडिट करवाने के भी निर्देश दिए.

पंत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हर जरूरतमंद व्यक्ति को इससे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. वाणिज्यिक कर आयुक्त रवि जैन ने आक्सीजन की आज तक की उपलब्धता की विस्तृत जानकारी दी. जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने वर्तमान में जयपुर में कोविड मरीजों के उपचार के लिए विभिन्न निजी एवं राजकीय अस्पतालों में सभी श्रेणियों के बैड्स की उपलब्धता की जानकारी दी. उन्होंने अब तक आरएमएससीएल, सीएसआर, दानदाताओं एवं अन्य साधनों से उपलब्ध आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की स्थिति की भी जानकारी दी.

जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जयपुर जिले में कोरोना पर नियंत्रण, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए सामान्य, आईसीयू, वेंटीलेटर बैड, आक्सीजन की उपलब्धता, अस्पतालों की व्यवस्थाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की.

पंत ने जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि जितनी जल्द कोरोना संभावित अथवा आईएलआई मरीजों का पता लगाकर उनका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एवं केयर सेंटर से उपचार कराया जाएगा. इस महामारी पर नियंत्रण की दिशा में उतनी ही तेजी से अग्रसर हुआ जा सकेगा.

Rajasthan Corona Door to Door Survey
ILI मरीजों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे

पंत ने कहा कि मेडिकल किट एवं संसाधनों की कमी नहीं रहेगी. इस समय संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सर्वे को तेज किया जाना बेहद जरूरी है. जिला कलक्टर नेहरा ने प्रभारी सचिव को 'डोर टू डोर सर्वे' में आईएलआई एवं कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या के सम्बन्ध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हर एसिम्पटोमैटिक, आईएलआई वाले व्यक्ति को एएनएम की ओर से मेडिकल किट देकर प्रारम्भिक उपचार प्रारम्भ कराया जा रहा है. आइसोलेशन सुनिश्चित किया जा रहा है.

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हर ब्लॉक पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एवं केयर सेंटर तथा क्षेत्र की सीएचसी पर भी मेडिकल किट की दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं. हर सेंटर पर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की व्यवस्था भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति कोविड टेस्टिंग के लिए सेंम्पल देने आता है, उसे भी मेडिकल किट दिया जा रहा है. एसीएस पंत ने जिले में कोविड सैम्पलिंग की संख्या बढाने के लिए भी निर्देशित किया.

जिले के प्रभारी सचिव ने जयपुर शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में चिकित्सकीय आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग श्रेणी जैसे सामान्य, आईसीयू, आईसीयू विद वेंटीलेटर में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या के अनुसार उनकी वास्तविक आक्सीजन आवश्यकता एवं चिकित्सालयों की ओर से मांग एवं उपभोग बताई जा रही ऑक्सीजन की मात्रा का आडिट करवाने के भी निर्देश दिए.

पंत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हर जरूरतमंद व्यक्ति को इससे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. वाणिज्यिक कर आयुक्त रवि जैन ने आक्सीजन की आज तक की उपलब्धता की विस्तृत जानकारी दी. जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने वर्तमान में जयपुर में कोविड मरीजों के उपचार के लिए विभिन्न निजी एवं राजकीय अस्पतालों में सभी श्रेणियों के बैड्स की उपलब्धता की जानकारी दी. उन्होंने अब तक आरएमएससीएल, सीएसआर, दानदाताओं एवं अन्य साधनों से उपलब्ध आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की स्थिति की भी जानकारी दी.

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