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'किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र जल्द से जल्द स्कूलों में शिफ्ट किए जाएं'

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान महिला हिंसा में दर्ज शिकायतों के डिस्पोजल मामलों की ऑडिट कराने के निर्देश दिए. साथ ही पोषण वाटिकाओं की सराहना की और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए.

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महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक
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Published : Jan 12, 2021, 7:47 AM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियोंं को निर्देश दिए कि राज्य में किराए के भवनों में सचांलित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द से जल्द स्कूलों में अथवा अन्य सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए. उन्होंने राज्य में संचालित महिला हेल्प लाइन- 181 में दर्ज महिला शिकायतों के निस्तारण के मामलों के डिस्पोजल की ऑडिट कराने के निर्देश भी दिए हैं.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य सोमवार को सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य में संचालित हो रहे 61 हजार 613 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन और उनकी वर्तमान स्थिति पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की. उन्होंने किराए के भवनों में संचालित राज्य के 17 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्कूलों या विभागीय भवनों में शिफ्ट करने के लिए अधिकारियों को टारगेट देते हुए कहा कि 1 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से इन केन्द्रों को स्कूलों में शिफ्ट किया जाए. उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल सुविधाओं को पूरा कराने के साथ ही वहां बने शौचालयों की स्वयं विजिट कर सही स्थिति की जानकारी लेने के निर्देश भी दिए.

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आर्य ने कहा कि अधिकारी स्वयं विजिट कर यह देखें कि शौचालय उपयोग करने की स्थिति में भी है या नहीं. उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय बनाने तथा शौचालय में पानी की पूरी सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों से चर्चा करके प्रॉपर मॉडल तैयार करने के निर्देश भी दिए. मुख्य सचिव ने आंगनबाड़ी केन्द्राें में नवाचार के रूप में विकसित हो रही पोषण वाटिकाओं की सराहना करते हुए कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो. पोषण वाटिकाओं में उगाई जा रही सब्जियों के सही इस्तेमाल से बच्चों को पोष्टिक भोजन प्राप्त होगा और खाली जमीन का भी सदुपयोग होगा.

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मुख्य सचिव ने महिला एवं अधिकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री राजश्री योजना में अधिक से अधिक लाभार्थियों को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए चिकित्सा विभाग से डेटा लेकर समन्वय से काम किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि महिलाओं के सम्मान और संरक्षण के लिए संचालित वन स्टॉप सेन्टर-सखी केन्द्र, महिला सुरक्षा एवं सलाहकार केन्द्र तथा महिला हेल्प लाइन- 181 मेें दर्ज हिंसा, घरेलू हिंसा की शिकायतों, पुलिस, विधिक परामर्श और निःशुल्क चिकित्सा के संबंध में वास्तविक जांच होनी चाहिए. इसके लिए अधिकारी शिकायतों के निस्तारण की डिस्पोजल ऑडिट तैयार करें. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव डॉ. केके पाठक ने विभाग के जरिए संचालित हो रही महिला कल्याण एवं सुरक्षा की तथा बाल विकास की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में स्कूलों के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या सबसे अधिक है.

अन्य लोगों ने क्या कहा?

  • डॉ. पाठक ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पालन, टीकाकरण, सप्लीमेंट भोजन, पढ़ाई के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में नौनिहालों के स्वस्थ बचपन के लिए पूरा प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों में पेयजल शौचालय तथा बिजली जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए मनरेगा, सांसद-विधायक कोष, राज्य वित्त आयोग निधि, स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत निर्माण कार्य करवाये जाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को प्रस्ताव भेज जा चुके हैं.
  • महिला एवं बाल विकास सचिव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से आरम्भ की गई इंदिरा गांधी मातृत्व योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि योजना में गर्भवती महिला को पांच चरणों में कुल 6 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के तहत शिशुओं में होने वाले नाटेपन, दुबलेपन और रक्ताल्पता में कमी आई है.
  • डॉ. पाठक ने बताया कि विभाग एक ही स्थान पर महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेन्टर, उनकी कांउसलिंग, उनके ठहरने की सस्ती आवास सुविधा, महिलाओं के जरिए संचालित दुकानें और क्रेच जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर विकसित करने और भवन निर्माण के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. मुख्य सचिव ने विभाग के इस प्रस्ताव को बेहतर बताते हुए इसके लिए शीघ्र कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा.
  • समीक्षा बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएं की निदेशक प्रतिभा सिंह और महिला अधिकारिता विभाग की निदेशक रश्मि गुप्ता भी उपस्थित थीं. बैठक में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वेबिनार के माध्यम से भाग लिया.

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियोंं को निर्देश दिए कि राज्य में किराए के भवनों में सचांलित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द से जल्द स्कूलों में अथवा अन्य सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए. उन्होंने राज्य में संचालित महिला हेल्प लाइन- 181 में दर्ज महिला शिकायतों के निस्तारण के मामलों के डिस्पोजल की ऑडिट कराने के निर्देश भी दिए हैं.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य सोमवार को सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य में संचालित हो रहे 61 हजार 613 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन और उनकी वर्तमान स्थिति पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की. उन्होंने किराए के भवनों में संचालित राज्य के 17 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्कूलों या विभागीय भवनों में शिफ्ट करने के लिए अधिकारियों को टारगेट देते हुए कहा कि 1 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से इन केन्द्रों को स्कूलों में शिफ्ट किया जाए. उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल सुविधाओं को पूरा कराने के साथ ही वहां बने शौचालयों की स्वयं विजिट कर सही स्थिति की जानकारी लेने के निर्देश भी दिए.

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आर्य ने कहा कि अधिकारी स्वयं विजिट कर यह देखें कि शौचालय उपयोग करने की स्थिति में भी है या नहीं. उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय बनाने तथा शौचालय में पानी की पूरी सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों से चर्चा करके प्रॉपर मॉडल तैयार करने के निर्देश भी दिए. मुख्य सचिव ने आंगनबाड़ी केन्द्राें में नवाचार के रूप में विकसित हो रही पोषण वाटिकाओं की सराहना करते हुए कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो. पोषण वाटिकाओं में उगाई जा रही सब्जियों के सही इस्तेमाल से बच्चों को पोष्टिक भोजन प्राप्त होगा और खाली जमीन का भी सदुपयोग होगा.

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मुख्य सचिव ने महिला एवं अधिकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री राजश्री योजना में अधिक से अधिक लाभार्थियों को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए चिकित्सा विभाग से डेटा लेकर समन्वय से काम किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि महिलाओं के सम्मान और संरक्षण के लिए संचालित वन स्टॉप सेन्टर-सखी केन्द्र, महिला सुरक्षा एवं सलाहकार केन्द्र तथा महिला हेल्प लाइन- 181 मेें दर्ज हिंसा, घरेलू हिंसा की शिकायतों, पुलिस, विधिक परामर्श और निःशुल्क चिकित्सा के संबंध में वास्तविक जांच होनी चाहिए. इसके लिए अधिकारी शिकायतों के निस्तारण की डिस्पोजल ऑडिट तैयार करें. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव डॉ. केके पाठक ने विभाग के जरिए संचालित हो रही महिला कल्याण एवं सुरक्षा की तथा बाल विकास की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में स्कूलों के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या सबसे अधिक है.

अन्य लोगों ने क्या कहा?

  • डॉ. पाठक ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पालन, टीकाकरण, सप्लीमेंट भोजन, पढ़ाई के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में नौनिहालों के स्वस्थ बचपन के लिए पूरा प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों में पेयजल शौचालय तथा बिजली जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए मनरेगा, सांसद-विधायक कोष, राज्य वित्त आयोग निधि, स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत निर्माण कार्य करवाये जाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को प्रस्ताव भेज जा चुके हैं.
  • महिला एवं बाल विकास सचिव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से आरम्भ की गई इंदिरा गांधी मातृत्व योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि योजना में गर्भवती महिला को पांच चरणों में कुल 6 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के तहत शिशुओं में होने वाले नाटेपन, दुबलेपन और रक्ताल्पता में कमी आई है.
  • डॉ. पाठक ने बताया कि विभाग एक ही स्थान पर महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेन्टर, उनकी कांउसलिंग, उनके ठहरने की सस्ती आवास सुविधा, महिलाओं के जरिए संचालित दुकानें और क्रेच जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर विकसित करने और भवन निर्माण के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. मुख्य सचिव ने विभाग के इस प्रस्ताव को बेहतर बताते हुए इसके लिए शीघ्र कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा.
  • समीक्षा बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएं की निदेशक प्रतिभा सिंह और महिला अधिकारिता विभाग की निदेशक रश्मि गुप्ता भी उपस्थित थीं. बैठक में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वेबिनार के माध्यम से भाग लिया.
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