जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह (Rajasthan Civil Services Appellate Tribunal) वनरक्षकों की वन मंडल के आधार पर प्रकाशित वरिष्ठता सूची पर पेश आपत्तियों का निस्तारण करें. इसके अलावा विभाग हाईकोर्ट की ओर से केन्द्रीयकृत आधार पर पदोन्नति को सही ठहराने के आदेश की लाइट में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निस्तारण करें. अधिकरण ने यह आदेश आनंद बुडानिया की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि वन विभाग ने गत वर्ष केन्द्रीयकृत वरिष्ठता सूची का प्रकाशन करते हुए इस आधार पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की थी. केन्द्रीयकृत वरिष्ठता सूची के प्रकाशन को जयदेव बिश्नोई व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने भी केन्द्रीयकृत पदोन्नति को सही माना था. अपील में कहा गया कि वन विभाग ने उक्त आदेश की अनदेखी कर गत 9 मई को वन मंडल के आधार पर वरिष्ठता सूची प्रकाशन करने का निर्णय ले लिया.
जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि वन अधीनस्थ सेवा नियम, 2015 के तहत वनरक्षक से सहायक वनपाल के पद पर पदोन्नति के लिए सात साल का अनुभव जरूरी है. साथ ही नियमों के तहत केंद्रीयकृत व्यवस्था से ही पदोन्नति दी जा सकती है. इसके अलावा हाईकोर्ट भी केन्द्रीयकृत पदोन्नति को उचित ठहरा चुका है. ऐसे में अब वन मंडल स्तर पर पदोन्नति करना गलत है. ऐसा करने से कनिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति हो रही है और वरिष्ठ कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने वन मंडल के आधार पर प्रकाशित पदोन्नति सूची पर की गई आपत्तियों का निस्तारण करने को कहा है.