जयपुर. अग्रवाल ने बताया कि कुछ सहकारी बैंकों में गबन के प्रकरण भी सामने आए हैं. बैंकों की कार्यप्रणाली को लेकर कई जगह से शिकायतें प्राप्त हुई हैं. बैंकों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया जा सके और किसानों से जुड़े निर्णयों की क्रियान्विति बेहतर ढंग से हो सके, इसके लिए यह अभियान चलाया जा रहा है.
बता दें कि 10 टीमों के लिए विभाग एवं बैंक के 30 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. रजिस्ट्रार ने बताया कि प्रत्येक 3 सदस्य निरीक्षण दल एक केन्द्रीय सहकारी बैंक में 5 दिन निरीक्षण करेगा. बैंक निरीक्षण के साथ एक ग्राम सेवा सहकारी समिति व बैंक की एक शाखा का भी निरीक्षण करेंगे.
निरीक्षण के दौरान दल वितरीत ऋण राशि एवं ब्याज अनुदान पेटे राशि का पुनर्भरण, ऑडिट की स्थिति, खातों का मिलान व अन्तर संबंधी विवरण, बीमा की स्थिति, विभिन्न मदों में व्यय तथा विभाग व बैंक से जाने वाले परिपत्रों और दिशा-निर्देशों की पालना की स्थिति को बारीकी से देखेंगे.
अग्रवाल ने बताया कि निरीक्षण दल केन्द्रीय सहकारी बैंकों की हिस्सा पूंजी, कोष प्रबंधन, विनियोग, अमानतें, बैंकिंग व सोसायटी अधिनियम की पालना, उधार, ऋण अग्रिम, बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति, मांग, वसूली व बकाया की स्थिति, एनपीए, सीआर एआर, लेखाकन प्रणाली, कम्प्यूटराईजेशन की स्थिति, ऋण वितरण की स्थिति सहित अन्य बिन्दुओं को ध्यान में रखकर निरीक्षण किया जाएगा. इस बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश टीम सदस्यों को दिए जा चुके हैं.