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गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों पर महंगाई की मार, इस बार कम मूर्तियां हुई तैयार

जयपुर में दीवाली को लेकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों से दुकाने सजने लगी हैं. वहीं मूर्तिकारों का कहना है कि महंगाई के कारण इस बार कम ही मूर्ति तैयार की गई है. महंगाई के बावजूद मूर्तिकारों ने मंदी देखकर मूर्तियों के दाम कम ही रखे हैं.

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Published : Oct 21, 2019, 11:57 PM IST

जयपुर. दिवाली को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है. लेकिन इस साल भी महंगाई की मार मूर्तिकारों पर पड़ रही है. राजधानी जयपुर के जलेब चौक में पांच पीढ़ी से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों का कहना है कि जहां एक ओर बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से कलर और पीओपी महंगा हुआ है. वहीं दूसरी ओर मेट्रो के काम ने आधा मार्केट खत्म कर दिया है.

जयपुर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों पर महंगाई की मार

बता दें कि महंगाई की मार से मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी अछूते नहीं है. पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से मूर्तिकारों ने मूर्तियों की संख्या भी कम कर दी है. जहां पहले ही 20 से 25 हजार गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बनाई जाती थी तो वहीं इस बार 5 से 6 हजार मूर्तियां ही बनाई गई है. मूर्तिकारों ने कहा कि कम मूर्तियां बनाने के बाद भी इनकी बिक्री नहीं है.

यह भी पढे़ं. पूर्णकालिक गृह मंत्री नहीं होने से बढ़ रहे हैं अपराध : सतीश पूनिया

पुश्तैनी काम इसलिए रखा है जिंदा

मूर्तिकारों की ये पांचवी पीढ़ी है जो सालों से जलेब चौक में दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बना रही है. मूर्तिकारों का कहना है कि ये पुश्तैनी काम है, इसलिए इसको जिंदा रखा हुआ है. वहीं दिवाली से एक महीने पहले ही मूर्तियां बनाने का काम शुरू कर देते है. लेकिन इस बार देर तक बारिश की वजह से भी आधा काम खराब हो गया.

यह भी पढे़ं. राजस्थान के इस परिवार ने लगाई गुहार...इंसाफ दो या इच्छामृत्यु

मूर्तिकारों ने कहा की मेट्रो के काम के चलते जो फुटपाथ पर अपनी दुकाने लगाते थे, उनको भी हटा दिया जाता है. जिसके चलते काम में और मंदी हो गई. गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदने वाले सबसे ज्यादा शहर के फुटकर व्यापारी हैं. लेकिन उनको प्रशासन ने फुटपाथ पर बैठने नहीं देती, जिसके चलते उनका व्यापार चौपट हो गया है.

ये हैं मूर्ति के दाम

मूर्तिकार के काम में आने वाले सामान जरूर महंगे हो गए हैं, लेकिन मूर्तिकारों ने मूर्तियों के दाम पहले के हिसाब से ही रखे हैं. पिछले साल मूर्ति के दाम 8 से 15 रुपए थें तो इस साल दाम 8 से 20 रुपए के बीच में है.

जयपुर. दिवाली को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है. लेकिन इस साल भी महंगाई की मार मूर्तिकारों पर पड़ रही है. राजधानी जयपुर के जलेब चौक में पांच पीढ़ी से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों का कहना है कि जहां एक ओर बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से कलर और पीओपी महंगा हुआ है. वहीं दूसरी ओर मेट्रो के काम ने आधा मार्केट खत्म कर दिया है.

जयपुर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों पर महंगाई की मार

बता दें कि महंगाई की मार से मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी अछूते नहीं है. पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से मूर्तिकारों ने मूर्तियों की संख्या भी कम कर दी है. जहां पहले ही 20 से 25 हजार गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बनाई जाती थी तो वहीं इस बार 5 से 6 हजार मूर्तियां ही बनाई गई है. मूर्तिकारों ने कहा कि कम मूर्तियां बनाने के बाद भी इनकी बिक्री नहीं है.

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पुश्तैनी काम इसलिए रखा है जिंदा

मूर्तिकारों की ये पांचवी पीढ़ी है जो सालों से जलेब चौक में दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बना रही है. मूर्तिकारों का कहना है कि ये पुश्तैनी काम है, इसलिए इसको जिंदा रखा हुआ है. वहीं दिवाली से एक महीने पहले ही मूर्तियां बनाने का काम शुरू कर देते है. लेकिन इस बार देर तक बारिश की वजह से भी आधा काम खराब हो गया.

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मूर्तिकारों ने कहा की मेट्रो के काम के चलते जो फुटपाथ पर अपनी दुकाने लगाते थे, उनको भी हटा दिया जाता है. जिसके चलते काम में और मंदी हो गई. गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदने वाले सबसे ज्यादा शहर के फुटकर व्यापारी हैं. लेकिन उनको प्रशासन ने फुटपाथ पर बैठने नहीं देती, जिसके चलते उनका व्यापार चौपट हो गया है.

ये हैं मूर्ति के दाम

मूर्तिकार के काम में आने वाले सामान जरूर महंगे हो गए हैं, लेकिन मूर्तिकारों ने मूर्तियों के दाम पहले के हिसाब से ही रखे हैं. पिछले साल मूर्ति के दाम 8 से 15 रुपए थें तो इस साल दाम 8 से 20 रुपए के बीच में है.

Intro:जयपुर- दिवाली को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है लेकिन इस साल भी महंगाई की मार मूर्तिकारों पर पड़ रही है। राजधानी जयपुर के जलेब चौक में पांच पीढ़ी से लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों का कहना है कि जहां एक ओर बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों से कलर और पीओपी महंगा हुआ है तो वही दूसरी ओर मेट्रो के काम ने आधा मार्किट खत्म कर दिया है।

मूर्तियों की संख्या हुई कम
महंगाई की मार से मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी अछूते नहीं है। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से मूर्तिकारों ने मूर्तियों की संख्या भी कम कर दी है। जहां 20 से 25 हजार गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बनाई जाती थी तो वही इस बार 5 से 6 हजार मूर्तियां ही बनाई गई है। मूर्तिकारों ने कहा कि कम मूर्तियां बनाने के बाद भी इनकी बिक्री नहीं है।


Body:पुश्तैनी काम है इसलिए रखा है जिंदा
मूर्तिकारों की ये पांचवी पीढ़ी है जो सालों से जलेब चौक में दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बना रही है। मूर्तिकारों ने कहा कि पुश्तैनी काम है इसलिए इसको जिंदा रखा हुआ है। वही दिवाली से एक महीने पहले ही मूर्तियों का काम शुरू कर देते है। लेकिन इस बार देर तक बारिश की वजह से भी आधा काम खराब हो गया।

मूर्तिकारों ने कहा की मेट्रो के काम के चलते जो फुटपाथ पर अपनी दुकाने लगाते थे उनको भी हटा दिया जाता है जिसके चलते काम में और मंदी हो गई। आपको बता दे गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदने वाले सबसे ज्यादा शहर के फुटकर व्यापारी है लेकिन उनको प्रशासन ने फुटपाथ पर बैठने नहीं देती जिसके चलते हमारा व्यापार चौपट हो गया है।

ये है दाम
मूर्तिकार के काम में आने वाले सामान जरूर महंगे हो गए है लेकिन मूर्ति कारों ने मूर्तियों के दाम पहले के हिसाब से ही रखे है। पिछले वर्ष मूर्ति के दाम 8 से 15 रुपए थे तो वही इस साल दाम 8 से 20 रुपए के बीच में है।

बाईट- मूर्तिकार की बाइट


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