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शहरी रोजगार गारंटी योजनाः धारीवाल बोले- अब देश में चलेगा राजस्थान मॉडल, राठौड़ ने कही ये बात

शहरी क्षेत्रों में लोगों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने वाली इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया. इस मौके पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अब देश में गुजरात नहीं राजस्थान माॅडल चलेगा. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इसमें मिलने वाला मानदेय चैखटी मजदूर से भी कम है. यह नौजवानों का अपमान है.

Indra Gandhi Rojgar Guarantee Yojna launched, Congress praised, BJP questions wages in the scheme
शहरी रोजगार गारंटी योजनाः धारीवाल बोले-अब देश में चलेगा राजस्थान मॉडल, राठौड़ ने कहा-मजदूर से भी कम है मानदेय
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Published : Sep 9, 2022, 9:38 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 11:40 PM IST

जयपुर. शहरी क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी के साथ इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ हुआ. इसे लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने दावा किया कि अब तक गुजरात माॅडल की बात होती थी, अब राजस्थान माॅडल चलेगा. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि इसमें मिलने वाला मानदेय चैखटी मजदूर से भी कम है. यह नौजवानों का अपमान है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को खानिया की बावड़ी के कोने पर चूने का प्लास्टर कर योजना की शुरुआत की. सीएम ने श्रमिकों से संवाद कर उन्हें औजार वितरित किए. इसके बाद घाट की गुणी टनल चौराहा स्थित अम्बेडकर भवन में मुख्य आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अर्चना शर्मा और हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

शहरी रोजगार गारंटी योजना पर क्या बोले धारीवाल...

इस दौरान धारीवाल ने कहा कि जब-जब जनता पर कोई संकट आया है, चाहे वो बीमारी के रूप में या अतिवृष्टि के रूप में. उस पर मुख्यमंत्री ने फौरन एक्शन लेने की कोशिश की है. कोरोना काल में हर दिन मॉनिटरिंग की नतीजा रहा कि देश में ही नहीं विदेशों में भी राजस्थान की कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की गई. इसी तरह अब गरीब, मजदूर और बेसहारा लोग जिन्हें काम की जरूरत है. उन्हें रोजगार देने की पहल की गई है.

पढ़ें: शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगी रोजगार की गारंटी, CM जयपुर में तो जिलों में प्रभारी मंत्री आज करेंगे योजना का शुभारंभ

उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में 20 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार में मनरेगा योजना चलाई गई. इससे ग्रामीण लोगों को फायदा मिला. लेकिन शहरी क्षेत्र में भी 35ः आबादी है. रोजगार के लिए लोग शहरों में आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना चलाई गई है. इसे और आगे बढ़ाएंगे. धारीवाल ने कहा कि हर जगह गुजरात मॉडल की बातें होती थी, अब तो राजस्थान मॉडल चलेगा. यहां स्ट्रीट वेंडर को बिना ब्याज का ₹50000 लोन दिया जा रहा है, ताकि वो अपना व्यवसाय बढ़ा सकें. इन योजनाओं का फायदा 2024 में भी मिलेगा और 2023 में प्रदेश में दोबारा अशोक गहलोत सीएम बनेंगे. इस दौरान उन्होंने लंपी वायरस को लेकर कहा कि प्रयास पूरे हो रहे हैं. यह बीमारी है जो तुरंत फैलती है. फिर भी राजस्थान सरकार पूरा प्रयास कर रही है.

सराफ और अशोक लाहोटी ने कार्यक्रम से बनाई दूरीः बीजेपी विधायकों को भी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम से दूरी बनाई. इस पर धारीवाल ने कहा कि उनके आने, नहीं आने से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें चाहिए था कि जब इतनी अच्छी योजना चली है, तो उन्हें पार्टिसिपेट करना चाहिए था. उन्हें बकायदा निमंत्रण देकर बुलाया गया था. हालांकि कार्यक्रम में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर को अतिथियों में शामिल नहीं करना चर्चा का विषय रहा.

वहीं विधायक रफीक खान ने कहा कि मनरेगा योजना ने ही इकोनॉमी को रिवाइव करने में सहायता दी है. उसी तर्ज पर राजस्थान में शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की है. जो पूरे देश में रोल मॉडल स्कीम बनेगी. उन्होंने कहा कि यदि नरेगा रेवड़ी है, तो केंद्र उसे बंद कर दे. अगर ऐसा कर दिया तो पूरे देश में आंदोलन हो जाएंगे. सरकारें बर्खास्त हो जाएंगी. रेवड़ियां वो हैं जो कॉर्पोरेट घरानों के लाखों-करोड़ों रुपए माफ कर रहे हैं. जो आम आदमी की जेब में पैसा जा रहा है, वो रेवड़ी नहीं है, वो आर्थिक सहायता है.

पढ़ें: Rajasthan Budget CM Gehlot Big Announcement: इंदिरा गांधी शहर रोजगार गारंटी योजना होगी शुरू, बिजली उपभोक्ताओं को भी अनुदान

800 करोड़ का बजटः आपको बता दें कि इंदिरा गांधी शायरी रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार छिनने से जो परिवार कमजोर और असहाय हो गए हैं. उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.

18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्रः योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवा जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा.

पढ़ें: मोदी सरकार महात्मा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा करें, पेट्रोल-डीजल को लाए जीएसटी के दायरे में: खाचरियावास

प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठितः योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही सभी निकायों के संबंधित कार्मिकाें और ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूरा करवाया जा चुका है. राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए राज्य, संभाग, जिला और निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है. योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी.

योजना में हो सकेंगे ये कार्यः योजना में श्रम और सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत और तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे.

अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार जॉब कार्ड जारी: योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिह्नित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है. चिह्नित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.

पढ़ें: इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में तय किए गए मिनीमम वेजेस पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

भाजपा ने उठाए सवालः प्रदेश में शुरू हुई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शुक्रवार शाम ट्वीट कर कहा कि इस योजना के जरिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. राठौड़ ने कहा कि योजना में अब 100 दिन के रोजगार गांरटी देना और मानदेय चौखटी के मजदूर से भी कम रखना नौजवानों का अपमान करने जैसा है और यह सरकार की मंशा को साफ दर्शाता है.

राठौड़ ने कहा कि युवाओं को छलने वाली यह योजना आने वाले समय में मृग मरीचिका ही साबित होगी. कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के चलते ही राजस्थान बेरोजगारी के मामले में देश में 31 प्रतिशत दर के साथ तीसरे पायदान पर आ पहुंचा है. राठौड़ ने कहा कि रोजगार के नाम पर कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को चौपट कर दिया है. कांग्रेस सरकार द्वारा युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर मनमानी शर्तें थोपना और अब रोजगार के नाम कम मानदेय के साथ खानपूर्ति कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी के अंतर को बयां करता है.

जयपुर. शहरी क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी के साथ इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ हुआ. इसे लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने दावा किया कि अब तक गुजरात माॅडल की बात होती थी, अब राजस्थान माॅडल चलेगा. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि इसमें मिलने वाला मानदेय चैखटी मजदूर से भी कम है. यह नौजवानों का अपमान है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को खानिया की बावड़ी के कोने पर चूने का प्लास्टर कर योजना की शुरुआत की. सीएम ने श्रमिकों से संवाद कर उन्हें औजार वितरित किए. इसके बाद घाट की गुणी टनल चौराहा स्थित अम्बेडकर भवन में मुख्य आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अर्चना शर्मा और हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

शहरी रोजगार गारंटी योजना पर क्या बोले धारीवाल...

इस दौरान धारीवाल ने कहा कि जब-जब जनता पर कोई संकट आया है, चाहे वो बीमारी के रूप में या अतिवृष्टि के रूप में. उस पर मुख्यमंत्री ने फौरन एक्शन लेने की कोशिश की है. कोरोना काल में हर दिन मॉनिटरिंग की नतीजा रहा कि देश में ही नहीं विदेशों में भी राजस्थान की कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की गई. इसी तरह अब गरीब, मजदूर और बेसहारा लोग जिन्हें काम की जरूरत है. उन्हें रोजगार देने की पहल की गई है.

पढ़ें: शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगी रोजगार की गारंटी, CM जयपुर में तो जिलों में प्रभारी मंत्री आज करेंगे योजना का शुभारंभ

उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में 20 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार में मनरेगा योजना चलाई गई. इससे ग्रामीण लोगों को फायदा मिला. लेकिन शहरी क्षेत्र में भी 35ः आबादी है. रोजगार के लिए लोग शहरों में आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना चलाई गई है. इसे और आगे बढ़ाएंगे. धारीवाल ने कहा कि हर जगह गुजरात मॉडल की बातें होती थी, अब तो राजस्थान मॉडल चलेगा. यहां स्ट्रीट वेंडर को बिना ब्याज का ₹50000 लोन दिया जा रहा है, ताकि वो अपना व्यवसाय बढ़ा सकें. इन योजनाओं का फायदा 2024 में भी मिलेगा और 2023 में प्रदेश में दोबारा अशोक गहलोत सीएम बनेंगे. इस दौरान उन्होंने लंपी वायरस को लेकर कहा कि प्रयास पूरे हो रहे हैं. यह बीमारी है जो तुरंत फैलती है. फिर भी राजस्थान सरकार पूरा प्रयास कर रही है.

सराफ और अशोक लाहोटी ने कार्यक्रम से बनाई दूरीः बीजेपी विधायकों को भी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम से दूरी बनाई. इस पर धारीवाल ने कहा कि उनके आने, नहीं आने से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें चाहिए था कि जब इतनी अच्छी योजना चली है, तो उन्हें पार्टिसिपेट करना चाहिए था. उन्हें बकायदा निमंत्रण देकर बुलाया गया था. हालांकि कार्यक्रम में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर को अतिथियों में शामिल नहीं करना चर्चा का विषय रहा.

वहीं विधायक रफीक खान ने कहा कि मनरेगा योजना ने ही इकोनॉमी को रिवाइव करने में सहायता दी है. उसी तर्ज पर राजस्थान में शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की है. जो पूरे देश में रोल मॉडल स्कीम बनेगी. उन्होंने कहा कि यदि नरेगा रेवड़ी है, तो केंद्र उसे बंद कर दे. अगर ऐसा कर दिया तो पूरे देश में आंदोलन हो जाएंगे. सरकारें बर्खास्त हो जाएंगी. रेवड़ियां वो हैं जो कॉर्पोरेट घरानों के लाखों-करोड़ों रुपए माफ कर रहे हैं. जो आम आदमी की जेब में पैसा जा रहा है, वो रेवड़ी नहीं है, वो आर्थिक सहायता है.

पढ़ें: Rajasthan Budget CM Gehlot Big Announcement: इंदिरा गांधी शहर रोजगार गारंटी योजना होगी शुरू, बिजली उपभोक्ताओं को भी अनुदान

800 करोड़ का बजटः आपको बता दें कि इंदिरा गांधी शायरी रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार छिनने से जो परिवार कमजोर और असहाय हो गए हैं. उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.

18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्रः योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवा जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा.

पढ़ें: मोदी सरकार महात्मा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा करें, पेट्रोल-डीजल को लाए जीएसटी के दायरे में: खाचरियावास

प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठितः योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही सभी निकायों के संबंधित कार्मिकाें और ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूरा करवाया जा चुका है. राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए राज्य, संभाग, जिला और निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है. योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी.

योजना में हो सकेंगे ये कार्यः योजना में श्रम और सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत और तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे.

अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार जॉब कार्ड जारी: योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिह्नित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है. चिह्नित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.

पढ़ें: इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में तय किए गए मिनीमम वेजेस पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

भाजपा ने उठाए सवालः प्रदेश में शुरू हुई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शुक्रवार शाम ट्वीट कर कहा कि इस योजना के जरिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. राठौड़ ने कहा कि योजना में अब 100 दिन के रोजगार गांरटी देना और मानदेय चौखटी के मजदूर से भी कम रखना नौजवानों का अपमान करने जैसा है और यह सरकार की मंशा को साफ दर्शाता है.

राठौड़ ने कहा कि युवाओं को छलने वाली यह योजना आने वाले समय में मृग मरीचिका ही साबित होगी. कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के चलते ही राजस्थान बेरोजगारी के मामले में देश में 31 प्रतिशत दर के साथ तीसरे पायदान पर आ पहुंचा है. राठौड़ ने कहा कि रोजगार के नाम पर कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को चौपट कर दिया है. कांग्रेस सरकार द्वारा युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर मनमानी शर्तें थोपना और अब रोजगार के नाम कम मानदेय के साथ खानपूर्ति कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी के अंतर को बयां करता है.

Last Updated : Sep 9, 2022, 11:40 PM IST
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