जयपुर. भारतीय किसान संघ ने पूरे राजस्थान में विद्युत बिलों के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसे लेकर भारतीय किसान संघ ने सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन भी दिया है. भारतीय किसान संघ की ओर से जयपुर में भी ज्ञापन दिया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर के व्यस्त होने के कारण भारतीय किसान संघ ने गुरुवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तर बीरबल सिंह को ज्ञापन दिया. भारतीय किसान संघ ने कहा है कि, यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.
भारतीय किसान संघ ने बताया कि, पहले सरकार विद्युत के बिलों में 833 रुपए की सब्सिडी दे रही थी. लेकिन पिछले 6 महीनों से यह सब्सिडी नहीं दी जा रही है. किसानों ने बताया कि समय-समय पर किसान प्राकृतिक आपदाओं से परेशान रहते हैं और उन्हें नुकसान भी होता है. ओलावृष्टि, शीतलहर आदि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. सरकार की ओर से विद्युत के बिलों में सब्सिडी नहीं देने के कारण भारतीय किसान संघ ने विद्युत के बिलों के बहिष्कार का निर्णय किया है.
ये पढे़ें: दुष्कर्म केस में एफआर के बदले रिश्वत मांगने वाले एडिशनल डीसीपी राजेन्द्र त्यागी सस्पेंड
भारतीय किसान संघ ने बताया कि किसानों ने 50 हजार से लेकर 2 लाख तक की सब्जियां बोई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण ये सब्जियां कम दामों में बिक रही है. यह सब्जियां 2 से 3 रुपए किलो में बिक रही है. किसानों ने कहा कि, सरकार ने डीजल के दाम भी बढ़ा दिए हैं. कोरोना महामारी में मंडिया बंद होने से किसानों को अपना माल सस्ते में बेचना पड़ रहा है. साथ ही किसानों ने बाताया कि पहले तो सरकार ने 2 महीने के विद्युत के बिल में छूट दी थी. लेकिन अब बिल जारी करने के बाद पेनल्टी पर भी और 2 प्रतिशत शुल्क लिया जा रहा है.
भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष छोगालाल सैनी ने बताया कि ज्ञापन देकर सरकार और विद्युत विभाग को चेताया गया है. यदि कोरोना महामारी के समय किसानों के साथ भेदभाव किया गया तो किसान सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होगा. इस दौरान राजीव दीक्षित सांवरमल आदि किसान भी मौजूद रहे.