जयपुर. जयपुर डिस्कॉम में लगातार बिजली उपभोक्ताओं का भार बढ़ता जा रहा है. अब तक ग्रामीण इलाकों (Increase in electricity consumers) में कर्मचारियों की कमी के कारण डिस्कॉम का हाल बेहाल था. लेकिन अब शहरी इलाकों में सब डिवीजन कार्यालय के क्षेत्राधिकार में तय नियम से ज्यादा उपभोक्ता हो गए हैं. यही कारण है कि अब जयपुर में डिस्कॉम जल्द 4 नए उपखंड कार्यालय बनाने जा रहा है.
नए बिजली उपखंड कार्यालय जयपुर शहर के उन मौजूदा उपखंड कार्यालय को तोड़कर बनाए जाएंगे, जहां बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 60 हजार या इसे क्रॉस कर गई है. ऐसे सब डिवीजन कार्यालय में मानसरोवर,सांगानेर,प्रताप नगर और झोटवाड़ा सब डिवीजन कार्यालय शामिल है. जयपुर शहर डिस्कॉम में वर्तमान में 32 नए सब डिवीजन कार्यालय कार्यरत हैं, जिसकी संख्या बढ़कर 36 हो जाएगी.
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वर्तमान में की है यह वैकल्पिक व्यवस्थाः जयपुर शहर सिटी सर्किल डिस्कॉम के तहत सर्वाधिक बिजली उपभोक्ता आते हैं. यहां वर्तमान में करीब साढ़े 9 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. प्रशासनिक दृष्टि से यहां 32 डिस्कॉम सब डिवीजन कार्यालय संचालित हैं. इनमें जिन सब डिवीजन कार्यालय के क्षेत्राधिकार में उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा है, वहां वैकल्पिक तौर पर जेईएन को कुछ क्षेत्र की जिम्मेदारी देकर कामों का बंटवारा किया गया है. लेकिन इसका असर संबंधित एईएन कार्यालय की ओर से दी जाने वाली उपभोक्ताओं की सेवाओं पर पड़ रहा है. यही कारण है कि जयपुर सिटी सर्किल की ओर से शहर में 4 नए सब डिवीजन कार्यालय खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है. जिस पर सक्षम स्तर पर स्वीकृति मिलने के बाद ही मानसरोवर, झोटवाड़ा, प्रताप नगर और सांगानेर में नए बिजली सब डिवीजन कार्यालय खुल जाएंगे.
क्षेत्राधिकार में अधिकतम 28000 उपभोक्ता का नियमः डिस्कॉम और विद्युत विनियामक आयोग की ओर से बनाए गए नियमों के तहत बिजली के एक सब डिवीजन कार्यालय के क्षेत्राधिकार में अधिकतम 28 हजार उपभोक्ता शामिल किए जा सकते हैं. लेकिन जयपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में सैकड़ों सब डिवीजन कार्यालय ऐसे हैं, जहां 28 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं. अकेले जयपुर में जिन चार बिजली सब डिवीजन कार्यालय के टुकड़े किए जा रहे हैं. उनके अलावा भी कई सब डिवीजन कार्यालय ऐसे हैं, जहां 30 से 40 हजार बिजली उपभोक्ताओं की संख्या है.