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स्पेशल स्टोरी: IT सलाहाकार ने फॉर्च्यूनर को बनाई एम्बुलेंस...अबतक 14 लोगों की बचाई जान

राजधानी जयपुर में आपको ऐसे समाजसेवी, मददगार शख्स के बारे में बताते है जो पेशे से तो इनकम टैक्स सलाहकार है. लेकिन अपने साथ एम्बुलेंस लेकर चलते हैं. यही नहीं पिछले 30 सालों से समाज सेवा का कार्य कर रहे है. उस शख्स का नाम है समाजसेवी संदीप गुप्ता..

Sandeep Gupta social worker, फॉरच्यूनर को बनाई एम्बुलेंस
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Published : Sep 28, 2019, 11:56 PM IST

जयपुर. कहते है कि किसी भी सामाजिक कार्य करने के लिए धन की जरूरत नहीं बल्कि धनरूपी मन की जरूत होती है और वो ही आप को इस भीड़ से अलग खड़ा कर देता है. ये बात जयपुर के इनकम टैक्स सलाहकार संदीप शर्मा पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जयपुर की सड़कों पर संदीप अपनी खुली जीप के पीछे टैंकर बांधकर पेड़ पौधों पानी पीलाते दिख जाएंगे. पशु-पक्षी बचेंगे तो प्रकृति बचेगी, प्रकृति बचेगी तो हम बचेंगे. इसी सोच के साथ गर्मी में बेजुबान पशु-पक्षियों को पानी पिलाने और घायलों की मदद के लिए इन्होंने मुहिम छेड़ी हुई है.

IT सलाहाकार ने फॉर्च्यूनर को बनाई एम्बुलेंस... अबतक 14 लोगों की बचाई जान

संदीप गुप्ता घर से कहीं भी निकले और अगर रास्ते में कोई दुर्घटना देखते है तो तुंरत रूककर उसकी मदद करते है. खास बात है की घायल को देखते ही अपनी लग्जरी फॉर्च्यूनर कार को एंबुलेंस बनाकर घायलों को अस्पताल लेकर जाते है. उनकी गाड़ी में नीली बत्ती, दरी, दवाइयां हमेशा रहती है. वे कोई दुर्घटना देखते हैं, तो गाड़ी पर तुरंत एंबुलेंस का बोर्ड, नीली बत्ती और सायरन लगा लेते हैं और इसमें बैठाकर घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं. इसके लिए यातायात पुलिस ने संदीप को एक लेटर भी दिया है, जिसमें वे राइट ऑफ वे जाकर घायलों की मदद कर सकते हैं. अब तक इस तरह 18-20 लोगों की जान बचा चुके हैं और 45-50 लोगों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत

जयपुर के मालवीय नगर में रहने वाले संदीप गुप्ता का मानना है कोई भी प्यासा नहीं रहे. इसलिए वो हर रोज सुबह वह पशु-पक्षियों को पानी पिलाने निकल पड़ते हैं. मालवीय नगर, प्रधान मार्ग से लेकर पिकॉक गार्डन तक आठ पानी की टंकियां रखवाई हैं और चालीस परिंडे बंधवाए हैं, वो सुबह इन टंकियों और परिंडों में पानी भरते हैं और इस सेवा का नाम रखा है 'देव जल सेवा'. इसके लिए अपनी जीप के पीछे 900 लीटर का टैंकर लगवा लिया. यही नहीं वह दोस्तों, रिश्तेदारों या जिनसे भी मिलते हैं उन्हें जलपात्र गिफ्ट करते हैं, ताकि पक्षियों को पानी मिल सकें.

दरअसल, सदीप गुप्ता 1990 से सामजसेवा के काम जुड़े हुए है. घायलों को अस्पताल पहुंचाना और पशु पक्षियों को पानी पिलाने के अलावा उन्होंने कश्मीर और गुजरात हुए भूकंप हादसे वक्त जन सहयोग से उनके लिए खाद्यसामग्री लेकर खुद मदद के लिए पहुंचे. उड़ीसा में आये चक्रवात और अंडबार निकोबार में आई सुनामी के वक्त भी 20 टन चावल और कंबल लेकर वहां पहुंचे थे. इतना ही नहीं संदीप गुप्ता ने राजस्थान में अकाल के वक्त भी 21 टन आटा लेकर बाड़मेर पहुंचे. खास बात ये है जब भी कभी राहत सामग्री लेकर जाना हो तो खुद संदीप उसी ट्रक में सफर करते हुए जाते है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: स्वर्णनगरी के युवा ने बनाया एक ऐसा अनूठा डिवाइस जो पानी को व्यर्थ बहने से रोकेगा

संदीप गुप्ता ये सिलसिला आज का नहीं है सालों पुराना है. उनके इस काम में उनके साथ उनकी मां , पत्नी और खास कर ड्राइवर का भी पूरा सहयोग रहता है. संदीप इसके आलावा मेडिकल कैम्प, गरीब कन्याओं का विवाह और जरूरत मंदों के लिए हमेशा खड़े रहते है. संदीप कहते है कि सेवा के लिए धन नहीं धनरूपी मन की जरूरत है जो मदद के लिए हमेशा तैयार रहे.

जयपुर. कहते है कि किसी भी सामाजिक कार्य करने के लिए धन की जरूरत नहीं बल्कि धनरूपी मन की जरूत होती है और वो ही आप को इस भीड़ से अलग खड़ा कर देता है. ये बात जयपुर के इनकम टैक्स सलाहकार संदीप शर्मा पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जयपुर की सड़कों पर संदीप अपनी खुली जीप के पीछे टैंकर बांधकर पेड़ पौधों पानी पीलाते दिख जाएंगे. पशु-पक्षी बचेंगे तो प्रकृति बचेगी, प्रकृति बचेगी तो हम बचेंगे. इसी सोच के साथ गर्मी में बेजुबान पशु-पक्षियों को पानी पिलाने और घायलों की मदद के लिए इन्होंने मुहिम छेड़ी हुई है.

IT सलाहाकार ने फॉर्च्यूनर को बनाई एम्बुलेंस... अबतक 14 लोगों की बचाई जान

संदीप गुप्ता घर से कहीं भी निकले और अगर रास्ते में कोई दुर्घटना देखते है तो तुंरत रूककर उसकी मदद करते है. खास बात है की घायल को देखते ही अपनी लग्जरी फॉर्च्यूनर कार को एंबुलेंस बनाकर घायलों को अस्पताल लेकर जाते है. उनकी गाड़ी में नीली बत्ती, दरी, दवाइयां हमेशा रहती है. वे कोई दुर्घटना देखते हैं, तो गाड़ी पर तुरंत एंबुलेंस का बोर्ड, नीली बत्ती और सायरन लगा लेते हैं और इसमें बैठाकर घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं. इसके लिए यातायात पुलिस ने संदीप को एक लेटर भी दिया है, जिसमें वे राइट ऑफ वे जाकर घायलों की मदद कर सकते हैं. अब तक इस तरह 18-20 लोगों की जान बचा चुके हैं और 45-50 लोगों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं.

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जयपुर के मालवीय नगर में रहने वाले संदीप गुप्ता का मानना है कोई भी प्यासा नहीं रहे. इसलिए वो हर रोज सुबह वह पशु-पक्षियों को पानी पिलाने निकल पड़ते हैं. मालवीय नगर, प्रधान मार्ग से लेकर पिकॉक गार्डन तक आठ पानी की टंकियां रखवाई हैं और चालीस परिंडे बंधवाए हैं, वो सुबह इन टंकियों और परिंडों में पानी भरते हैं और इस सेवा का नाम रखा है 'देव जल सेवा'. इसके लिए अपनी जीप के पीछे 900 लीटर का टैंकर लगवा लिया. यही नहीं वह दोस्तों, रिश्तेदारों या जिनसे भी मिलते हैं उन्हें जलपात्र गिफ्ट करते हैं, ताकि पक्षियों को पानी मिल सकें.

दरअसल, सदीप गुप्ता 1990 से सामजसेवा के काम जुड़े हुए है. घायलों को अस्पताल पहुंचाना और पशु पक्षियों को पानी पिलाने के अलावा उन्होंने कश्मीर और गुजरात हुए भूकंप हादसे वक्त जन सहयोग से उनके लिए खाद्यसामग्री लेकर खुद मदद के लिए पहुंचे. उड़ीसा में आये चक्रवात और अंडबार निकोबार में आई सुनामी के वक्त भी 20 टन चावल और कंबल लेकर वहां पहुंचे थे. इतना ही नहीं संदीप गुप्ता ने राजस्थान में अकाल के वक्त भी 21 टन आटा लेकर बाड़मेर पहुंचे. खास बात ये है जब भी कभी राहत सामग्री लेकर जाना हो तो खुद संदीप उसी ट्रक में सफर करते हुए जाते है.

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संदीप गुप्ता ये सिलसिला आज का नहीं है सालों पुराना है. उनके इस काम में उनके साथ उनकी मां , पत्नी और खास कर ड्राइवर का भी पूरा सहयोग रहता है. संदीप इसके आलावा मेडिकल कैम्प, गरीब कन्याओं का विवाह और जरूरत मंदों के लिए हमेशा खड़े रहते है. संदीप कहते है कि सेवा के लिए धन नहीं धनरूपी मन की जरूरत है जो मदद के लिए हमेशा तैयार रहे.

Intro:नोट :- इस खबर की फीड संदीप गुप्ता के नाम से लाइव यू से भेजी गई है Plz चेक
मददगार !
जज्बा टेक्स सलाहाकार का , फॉरच्यूनर को एम्बुलेंस बना 14 लोगों की बचाई जान , मदद के लिए कश्मीर से केरल तक पहुंचे हाथ
एंकर :- कहते है कि किसी भी सामाजिक कार्य करने के लिए धन की जरूरत नहीं बल्कि धनरूपी मन की जरूत होती है और वो ही आप को इस भीड़ से अलग खड़ा कर देता है , आज हम हमारी ख़ास रिपोर्ट में एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताएँगे जिसने समाज कुछ ऐसा अलग करने की ठानी , जिससे वो बन गया मददगार , जी हाँ हम यहाँ बात कर रहे है जयपुर के रहने वाले संदीप गुप्ता की , संदीप पैसे से इनकम टैक्स सलाहकार है , लेकिन पिछले 30 साल से समाज सेवा में इस कदर लीन है कि आज वो मददगार के रूप में सब की जुबान पर है ....


Body:नोट :- खबर का वीओ एंकर के बाद से पढ़ना शुरू करे , वीओ से पहले ओपनिंग पीटीसी लगा दे।

> ओपनिंग पीटीसी - जसवंत सिंह

VO:1:- जयपुर की सड़कों पर अपनी खुली जीप में टेंकर पीछे बांध पेड़ पौधों पानी पीला रहे यह है संदीप गुप्ता ... वैसे तो संदीप गुप्ता की पहचान इनकम टैक्स सलाहाकर के रूप में है , लेकिन संदीप पिछले 30 साल सामाजिक सरोकार के काम में ऐसे जुड़े है कि इनकी पहचान एक मददगार के रूप होने लगी है , पशु-पक्षी बचेंगे तो प्रकृति बचेगी, प्रकृति बचेगी तो हम बचेंगे , इसी सोच के साथ गर्मी में बेजुबान पशु-पक्षियों को पानी पिलाने और घायलों की मदद के लिए मुहिम छेड़ी रखी है , संदीप गुप्ता घर से कहीं भी निकले और अगर रास्ते में कोई दुर्घटना देखते है तो तुरतं रूक कर उसकी मदद करते है , ख़ास बात है की घायल को देखते ही अपनी लग्जरी फॉरच्यूनर कार को एंबुलेंस मे तब्दील कर लेते है , वह घायलों को अस्पताल ले जाते समय नीली बत्ती और सायरन भी लगा लेते हैं , संदीप अपनी लग्जरी कार को एंबुलेंस के रूप में काम में लेते हैं , उनकी गाड़ी में नीली बत्ती, दरी, दवाइयां हमेशा रहती है , वे कोई दुर्घटना देखते हैं, तो गाड़ी पर तुरंत एंबुलेंस का बोर्ड, नीली बत्ती और सायरन लगा लेते हैं और इसमें बैठाकर घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं , इसके लिए यातायात पुलिस ने संदीप को एक लैटर भी दिया है, जिसमें वे राइट ऑफ वे जाकर घायलों की मदद कर सकते हैं अब तक इस तरह 18-20 लोगों की जान बचा चुके हैं और 45-50 लोगों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

बाइट :- संदीप गुप्ता - समाजसेवक

VO:2:- मालवीय नगर में रहने वाले संदीप गुप्ता का मानना है कोई भी प्यासा नहीं रहे , इस लिए वो हर रोज सुबह वह पशु-पक्षियों को पानी पिलाने निकल पड़ते हैं , मालवीय नगर, प्रधान मार्ग से लेकर पिकॉक गार्डन तक आठ पानी की टंकियां रखवाई हैं और चालीस परिंडे बंधवाए हैं , सुबह इन टंकियों और परिंडों में पानी भरते हैं और इस सेवा का नाम रखा है 'देव जल सेवा' , इसके लिए अपनी जीप के पीछे 900 लीटर का टैंकर लगवा लिया। यही नहीं वह दोस्तों, रिश्तेदारों या जिनसे भी मिलते हैं उन्हें जलपात्र गिफ्ट करते हैं, ताकि पक्षियों को पानी मिल सके ,

बाइट :- संदीप गुप्ता - समाजसेवक

VO:3:- दरअसल सदीप गुप्ता 1990 से सामजसेवा के काम जुड़े हुए है , घायलों को अस्पताल पहुँचाना और पशु पक्षियों को पानी पिलाने के लावा उन्होंने कश्मीर और गुजरात हुए भूकंप हादसे वक्त जन सहयोग से उनके लिए खाद्यसामग्री लेकर खुद मदद के लिए पहुंचे , उड़ीसा में आये चक्रवात और अंडबार निकोबार में आई सुनामी के वक्त भी 20 टन चाँवल लेकर और कंबल लेकर पहुंचे , इतना ही नहीं संदीप गुप्ता ने राजस्थान में अकाल के वक्त भी 21 टन आटा लेकर बाड़मेर पहुंचे , ख़ास बात ये है जब भी कभी राहत सामग्री लेकर जाना हो तो खुद संदीप उसी ट्रक में सफर करते हुए जाते है ,

बाइट :- संदीप गुप्ता - समाजसेवक
Conclusion:VO:4:- संदीप गुप्ता ये सिलसिला आज का नहीं है सैलून पुराना है , उनके इस काम में उनके साथ उनकी माँ , पत्नी और ख़ास कर ड्राइवर का भी पूरा सहयोग रहता है , संदीप इसके आलावा मेडिकल कैम्प , गरीब कन्यांओं का विवाह और तैयोहारों और जरूरत मंदों के लिए हमेशा खड़े रहते है , संदीप लहते है कि सेवा के लिए धन नहीं धनरूपी मन की जरूरत है जो मदद के लिए हमेशा तैयार रहे ...

> जयपुर से ईटीवी भारत के लिए कैमरामेन विजेंद्र के साथ जसवंत सिंह
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