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जयपुर में लोक अदालत का शुभारंभ, हजारों मुकदमों के निस्तारण की आस - राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर में साल 2020 की पहली लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को हुआ. लोक अदालत का शुभारंभ राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में किया गया. इस लोक अदालत में वैवाहिक विवादों से जुड़े कुल 2 लाख 60 हजार मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है.

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लोक अदालत का शुभारंभ
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Published : Feb 8, 2020, 12:28 PM IST

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से साल 2020 की पहली लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में किया गया. इस मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष संगीत लोढ़ा ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत की शुरुआत की. इस दौरान कई पूर्व और वर्तमान न्यायाधीश भी मौजूद रहे.

लोक अदालत का शुभारंभ

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन ने बताया की लोक अदालत में राजीनामा होने वाले आपराधिक मुकदमें, चैक अनादरण, रिकवरी, मोटर दुर्घटना, श्रम, बिजली-पानी और तलाक के मामलों को छोडक़र वैवाहिक विवादों से जुड़े कुल 2 लाख 60 हजार मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है.

पढ़ेंः राजस्थान पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 49 पुलिस इंस्पेक्टरों के हुए तबादले

प्राधिकरण की पहल पर राज्य सरकार भी एमवी एक्ट और आबकारी अधिनियम के लघु प्रकृति के मामलों को वापस लेने के लिए सहमत हो गई है. उन्होंने आगे बताया कि लोक अदालत में मुकदमें के दोनों पक्षकारों के बीच आपसी रजामंदी से मुकदमे का निस्तारण किया जाता है. फैसले में दोनों पक्षों की सहमति होने के चलते प्रकरण की अपील नहीं होती और उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है.

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से साल 2020 की पहली लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में किया गया. इस मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष संगीत लोढ़ा ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत की शुरुआत की. इस दौरान कई पूर्व और वर्तमान न्यायाधीश भी मौजूद रहे.

लोक अदालत का शुभारंभ

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन ने बताया की लोक अदालत में राजीनामा होने वाले आपराधिक मुकदमें, चैक अनादरण, रिकवरी, मोटर दुर्घटना, श्रम, बिजली-पानी और तलाक के मामलों को छोडक़र वैवाहिक विवादों से जुड़े कुल 2 लाख 60 हजार मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है.

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प्राधिकरण की पहल पर राज्य सरकार भी एमवी एक्ट और आबकारी अधिनियम के लघु प्रकृति के मामलों को वापस लेने के लिए सहमत हो गई है. उन्होंने आगे बताया कि लोक अदालत में मुकदमें के दोनों पक्षकारों के बीच आपसी रजामंदी से मुकदमे का निस्तारण किया जाता है. फैसले में दोनों पक्षों की सहमति होने के चलते प्रकरण की अपील नहीं होती और उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है.

Intro:बाईट - प्राधिकरण सचिव अशोक जैन

जयपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2020 की पहली लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में किया गया। इस मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष संगीत लोढ़ा ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत की विधिवत शुरुआत की। इस दौरान कई पूर्व और वर्तमान न्यायाधीश भी मौजूद रहे।Body:राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन ने बताया की लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले आपराधिक मुकदमें, चैक अनादरण, रिकवरी, मोटर दुर्घटना, श्रम, बिजली-पानी और तलाक मामलों को छोडक़र वैवाहिक विवादों से जुड़े कुल 2 लाख 60 हजार मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है। प्राधिकरण की पहल पर राज्य सरकार भी एमवी एक्ट और आबकारी अधिनियम के लघु प्रकृति के मामलों को वापस लेने के लिए सहमत हो गई है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में मुकदमे के दोनों पक्षकारों के बीच आपसी आपसी रजामंदी से मुकदमे का निस्तारण किया जाता है। फैसले में दोनों पक्षों की सहमति होने के चलते प्रकरण की अपील नहीं होती और उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है।Conclusion:
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