जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल के दौरान बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई. लेकिन इस दौरान हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. मंगलवार को भी आरएलपी विधायकों की ओर से आरपीएस अधिकारी हीरालाल सैनी के अश्लील वायरल वीडियो के मामले में लगाए गए स्थगन पर बोलने की अनुमति नहीं मिली.
यही कारण है कि आरएलपी ने भाजपा और कांग्रेस में गठजोड़ का आरोप लगाया है. आरएलपी विधायक नारायण बेनीवाल ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया और कहा कि इस मामले में सीएमओ तक तार जुड़े हैं. लिहाजा एसएचओ और सीओ स्तर के कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई करके बड़े अधिकारियों को बख्श दिया गया.
जबकि इस मामले में जयपुर और अजमेर के कुछ आईपीएस अधिकारियों की भी लापरवाही और मिलीभगत है. बेनीवाल ने बकायदा उन आईपीएस अधिकारियों के नाम भी मीडिया के समक्ष रखे और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
नारायण बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के कोई भी विधायक इस मामले को सदन में नहीं उठा रहे. हमने स्थगन के जरिए मामला लगाया, लेकिन बोलने की अनुमति नहीं दी. बेनीवाल ने शून्यकाल के दौरान हुए हंगामे की घटना की भी निंदा की और विधानसभा अध्यक्ष से यह भी आग्रह किया कि वे नए विधायकों को भी सदन ने बोलने का अवसर दें.